₹2 लाख से ज्यादा कैश लिया तो भरना पड़ेगा 100% जुर्माना! इनकम टैक्स के इस नियम से नहीं बच सकते आप

अगर आपने भी किसी से ₹2 लाख या उससे ज्यादा कैश में लिया या दिया है, तो सतर्क हो जाएं! इनकम टैक्स विभाग अब सीधे 100% जुर्माना ठोक सकता है। जानिए कौन-कौन सी ट्रांजैक्शन हैं खतरे में और कैसे बच सकते हैं इस बड़ी मुसीबत से

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Written byRohit Kumar

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₹2 लाख से ज्यादा कैश लिया तो भरना पड़ेगा 100% जुर्माना! इनकम टैक्स के इस नियम से नहीं बच सकते आप
₹2 लाख से ज्यादा कैश लिया तो भरना पड़ेगा 100% जुर्माना! इनकम टैक्स के इस नियम से नहीं बच सकते आप

आयकर अधिनियम की धारा 269ST (Section 269ST of Income Tax Act) के तहत ₹2 लाख या उससे अधिक की नकद राशि स्वीकार करने पर सख्त पाबंदी है। यह प्रावधान 1 अप्रैल 2017 से लागू है और इसका उद्देश्य काले धन पर लगाम लगाना और डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना है। इस नियम के तहत यदि कोई व्यक्ति ₹2 लाख या उससे अधिक की राशि नकद में लेता है, तो उस पर उतनी ही राशि का 100 फीसदी जुर्माना लगाया जा सकता है।

यह नियम चाहे एक ही बार में या किश्तों में नकद राशि स्वीकार करने पर भी लागू होता है, यदि पूरी राशि ₹2 लाख या उससे अधिक हो। यह प्रावधान न केवल आम नागरिकों, बल्कि व्यापारियों, कंपनियों और संस्थानों पर भी लागू होता है।

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धारा 269ST का उद्देश्य न केवल काले धन पर रोक लगाना है, बल्कि देश में पारदर्शिता और ईमानदारी से लेन-देन की आदत को बढ़ावा देना भी है। किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए नागरिकों और व्यापारियों को चाहिए कि वे ₹2 लाख या उससे अधिक की राशि नकद में न लें और डिजिटल माध्यमों का उपयोग करें। इससे न केवल कानून का पालन होगा, बल्कि आधुनिक भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

धारा 269ST क्या कहती है?

आयकर अधिनियम की धारा 269ST कहती है कि कोई भी व्यक्ति ₹2 लाख या उससे अधिक की राशि नकद में निम्नलिखित तीन स्थितियों में स्वीकार नहीं कर सकता:

  1. किसी एक व्यक्ति से एक दिन में
  2. किसी एक ट्रांजैक्शन के अंतर्गत
  3. एक ही अवसर पर होने वाले ट्रांजैक्शनों की कुल राशि के रूप में

अगर इन तीनों में से किसी भी स्थिति में ₹2 लाख या उससे अधिक की नकद राशि ली जाती है, तो यह कानून का उल्लंघन माना जाएगा।

क्या हैं इस नियम के पीछे की वजहें?

सरकार ने धारा 269ST को लागू करके देश में नकद लेन-देन को सीमित करने और डिजिटल पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। काले धन (Black Money) को रोकने, फर्जी लेन-देन की जांच करने और पारदर्शिता लाने के लिए यह नियम एक महत्वपूर्ण कदम है।

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किन लेन-देन पर लागू होता है यह नियम?

धारा 269ST का दायरा बहुत व्यापक है। यह किसी भी तरह के पेमेंट पर लागू हो सकता है, जैसे:

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  • प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री
  • बिजनेस डील
  • उपहार (Gift)
  • ऋण चुकता करना (Loan Repayment)
  • शादी में दिया गया नगद उपहार
  • दान या चंदा (Donation)

उदाहरण के तौर पर, अगर किसी ने शादी में ₹2 लाख से ज्यादा की नकद रकम उपहार में ली है, तो यह धारा 269ST का उल्लंघन माना जा सकता है।

क्या हैं सजा का प्रावधान?

अगर कोई व्यक्ति इस धारा का उल्लंघन करता है, तो आयकर विभाग (Income Tax Department) द्वारा उसे धारा 271DA के तहत दंडित किया जा सकता है। इस धारा के तहत:

  • उल्लंघन की गई राशि जितना जुर्माना लग सकता है
  • जुर्माना लगाने का अधिकार आयकर अधिकारी को है
  • यदि यह साबित हो जाए कि गलती जानबूझकर नहीं हुई, तो अधिकारी राहत दे सकते हैं

उदाहरण: अगर आपने ₹2.5 लाख नकद में किसी को पेमेंट दिया है, और वह धारा 269ST के अंतर्गत अवैध पाया गया, तो आपको ₹2.5 लाख का जुर्माना देना पड़ सकता है।

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किन लेन-देन पर नहीं लागू होता यह नियम?

हालांकि धारा 269ST व्यापक है, लेकिन कुछ विशेष संस्थानों और स्थितियों को इससे छूट दी गई है, जैसे:

  • सरकारी संस्थाएं
  • बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक और पोस्ट ऑफिस
  • ऐसे लेन-देन जो प्रकृति में विशेष हैं और सरकार द्वारा अधिसूचित हैं

छोटे व्यापारियों और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभाव

ग्रामीण भारत में अब भी नकद लेन-देन का प्रचलन है। छोटे दुकानदार, किसान और असंगठित क्षेत्र के कामगार अक्सर कैश ट्रांजैक्शन करते हैं। हालांकि यह नियम इन सभी पर लागू होता है, लेकिन सरकार ने डिजिटल साक्षरता और बैंकिंग व्यवस्था को मजबूत कर इस पर धीरे-धीरे नियंत्रण पाने की रणनीति अपनाई है।

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डिजिटल इंडिया और कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में एक कदम

सरकार का लक्ष्य है कि भारत को एक कैशलेस इकोनॉमी (Cashless Economy) की दिशा में बढ़ाया जाए। UPI, नेट बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट्स और अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों के बढ़ते उपयोग से इस दिशा में काफी प्रगति हुई है। धारा 269ST इस लक्ष्य की पूर्ति में एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है।

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