
मध्यप्रदेश की लोकप्रिय लाड़ली बहना योजना (Ladli Behan Yojana) को लेकर मई महीने में बहनों के लिए बड़ी राहत भरी खबर सामने आ रही है। राज्य सरकार 2 मई को लाड़ली लक्ष्मी उत्सव मनाने की तैयारी कर रही है, और इसी आयोजन के साथ लाड़ली बहनों की 24वीं किस्त के खातों में ट्रांसफर होने की संभावना जताई जा रही है। यह आयोजन न सिर्फ एक सामाजिक अभियान होगा, बल्कि इसके साथ ही वित्तीय सहायता की अगली किस्त भी बहनों को मिलने की उम्मीद है।
मोहन सरकार के खास कार्यक्रम से जुड़ी है किस्त की तारीख
मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार 2 मई को “लाड़ली लक्ष्मी उत्सव” धूमधाम से मनाने जा रही है। इस अवसर पर राज्यभर के जिले और नगरीय निकाय स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। यही नहीं, इस दिन एक साथ 48 लाख पेड़ लगाने की भी योजना है, जिससे यह कार्यक्रम पर्यावरण और महिला सशक्तिकरण दोनों के संगम का प्रतीक बनेगा।
अब इसी आयोजन के साथ यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि लाड़ली बहना योजना की 24वीं किस्त 2 या 3 मई को ट्रांसफर की जा सकती है। हालांकि सरकार की ओर से अभी आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की गई है, लेकिन बीते महीनों के ट्रेंड और इस विशेष आयोजन को देखते हुए यह अनुमान मजबूत होता जा रहा है।
लाड़ली बहना योजना के तहत अब तक मिल चुकी हैं 23 किस्तें
Ladli Behna Yojana के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने वित्तीय सहायता दी जाती है। अब तक 23 किस्तें महिलाओं के खातों में ट्रांसफर हो चुकी हैं। योजना की लोकप्रियता इतनी बढ़ चुकी है कि अब इसे मध्यप्रदेश की सीमाओं से बाहर ले जाकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनाने की मांग भी उठ रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में एक बयान में कहा, “तुम्हारे भैया ने ऐसा काम किया है कि अब लाड़ली बहना योजना सिर्फ मध्यप्रदेश में नहीं, पूरे देश में चल रही है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना महिलाओं के आत्मबल, आत्मनिर्भरता और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम है।
हर महीने 10 से 16 तारीख के बीच ट्रांसफर होती है राशि
हाल ही में मोहन सरकार की कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार, लाड़ली बहना योजना की राशि हर महीने की 10 से 16 तारीख के बीच ट्रांसफर की जाएगी। कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने यह स्पष्ट किया कि योजना बंद नहीं होगी और सरकार अपनी सुविधा अनुसार उसी निर्धारित अवधि में भुगतान करेगी।
इस आधार पर यदि 2 या 3 मई को राशि ट्रांसफर नहीं होती है, तो अधिकतम 10 से 16 मई के बीच किसी भी दिन लाड़ली बहनों को यह किस्त मिल सकती है।
महिलाओं की आमदनी बढ़ाने के लिए स्वसहायता समूहों को भी मिल रहा बढ़ावा
शिवराज सिंह चौहान ने रायसेन जिले के सुल्तानपुर में एक जनसभा में कहा था कि अब महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और स्वसहायता समूहों से जुड़कर अपने और अपने परिवार के लिए नई राहें बना रही हैं। उन्होंने कहा कि एक दौर था जब महिलाएं घर की चारदीवारी में सीमित थीं, लेकिन आज “लखपति दीदी” जैसी उपाधियाँ सामाजिक बदलाव की कहानी कह रही हैं।
महिलाएं अब न केवल परिवार चलाने में समर्थ हैं बल्कि समाज में भी पहचान बना रही हैं। सरकार का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता देना नहीं बल्कि महिलाओं को समाज में मजबूत भूमिका में लाना भी है।
अब राष्ट्रीय स्तर पर दिख रहा है योजना का असर
लाड़ली बहना योजना की सफलता को देखते हुए अन्य राज्यों में भी इस तरह की योजनाएं शुरू करने की बात चल रही है। महिला सशक्तिकरण और वित्तीय सहायता का यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है। योजना को लेकर केंद्र सरकार के स्तर पर भी सकारात्मक संकेत मिले हैं, और संभावना है कि भविष्य में इसे राष्ट्रीय महिला कल्याण योजना के रूप में देखा जाए।