400% की ग्रोथ! जेवर में जमीन खरीदने वालों की लगी लॉटरी, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का जबरदस्त असर

2018 में जो जमीन 2,000 रुपये में मिलती थी, आज 20,000 रुपये तक पहुंच गई! नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कारण जेवर बना निवेशकों की पहली पसंद। क्या यह आपके लिए भी बड़ा मौका है? जानिए पूरा विश्लेषण

Photo of author

Written byRohit Kumar

verified_75

Published on

400% की ग्रोथ! जेवर में जमीन खरीदने वालों की लगी लॉटरी, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का जबरदस्त असर
400% की ग्रोथ! जेवर में जमीन खरीदने वालों की लगी लॉटरी, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का जबरदस्त असर

उत्तर प्रदेश का जेवर (Jewar) क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों में भारत के सबसे तेजी से बढ़ते रियल एस्टेट (Real Estate) माइक्रो-मार्केट्स में से एक बन गया है। 2018 के बाद से इस क्षेत्र में जमीन की कीमतों में 400% की वृद्धि दर्ज की गई है। इस उछाल का सबसे बड़ा कारण नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) का निर्माण है, जिसे एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा कहा जा रहा है।

यह भी देखें: किसान भाइयों के लिए जरूरी सूचना! कृषि यंत्र के लिए आवेदन की आखिरी तारीख न करें मिस, तुरंत करें अप्लाई

Earthnewj से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें

जेवर में जमीन की कीमतों में 400% की वृद्धि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रभाव का स्पष्ट प्रमाण है। यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय विकास को गति दे रही है, बल्कि निवेशकों और स्थानीय लोगों के लिए अपार संभावनाएं भी लेकर आई है। हालांकि, इस तेजी के साथ पर्यावरण, सामाजिक संतुलन और दीर्घकालिक स्थिरता पर ध्यान देना आवश्यक है।

एयरपोर्ट प्रोजेक्ट: कैसे बढ़ी जमीन की कीमतें?

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण गौतमबुद्ध नगर जिले में यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) के किनारे किया जा रहा है। इसकी आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने नवंबर 2021 में रखी थी। पहले चरण के पूरा होने पर यह एयरपोर्ट 1.2 करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता को संभालेगा और 2025 में इसके शुरू होने की उम्मीद है।

यह भी देखें: What is AIKosha: सरकार का AI पर बड़ा ऐलान! सब्सिडी पर मिलेंगे GPUs, लॉन्च हुआ AIKosha – जानें यह क्या है और कैसे मिलेगा फायदा

इस परियोजना ने क्षेत्र की कनेक्टिविटी को बढ़ाया और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया, जिसके परिणामस्वरूप जमीन की मांग और कीमतों में भारी उछाल आया। 2018 में जहां जमीन की कीमतें 2,000-3,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर थी, अब ये बढ़कर 10,000-12,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो गई हैं।

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) का प्रभाव

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने भी समय-समय पर भूखंडों की कीमतों में वृद्धि की है। उदाहरण के लिए, 2023 में आवासीय भूखंडों की दर 17,400 रुपये प्रति वर्ग मीटर थी, जो 2024 में 18,510 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो गई। प्राइवेट बिल्डरों और कॉलोनाइजर्स ने भी इस बढ़ोतरी में योगदान दिया, जिससे कुछ प्रीमियम प्लॉट्स की कीमतें 20,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर से भी ऊपर पहुंच गई हैं।

Also Readnow-install-new-solar-ac-and-get-rid-of-summer-heat

घर में सस्ता सोलर AC लगाकर गर्मी से राहत पाए, जाने पूरी डिटेल्स

यह भी देखें: पूर्व सैनिकों के लिए खुशखबरी! अब AIIMS में मिलेगा कैशलेस इलाज, जानें कैसे उठाएं लाभ

क्यों बढ़ी जमीन की कीमतें?

इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (Infrastructure Development)

  • नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ-साथ मेट्रो विस्तार, यमुना एक्सप्रेसवे का उन्नयन और प्रस्तावित फिल्म सिटी जैसी परियोजनाओं ने क्षेत्र की कनेक्टिविटी को और आकर्षक बना दिया है।

निवेश का आकर्षण (Investment Boom)

  • नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की घोषणा के बाद से निवेशकों की रुचि इस क्षेत्र में बढ़ी है। यमुना अथॉरिटी की हाउसिंग स्कीम में 451 प्लॉट्स के लिए 1.5 लाख से अधिक आवेदन आए थे, जिससे मांग की तीव्रता स्पष्ट होती है।

आर्थिक अवसर (Economic Growth)

  • एयरपोर्ट के कारण उद्योग, पर्यटन और होटल इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और संपत्ति की मांग में और वृद्धि होगी।

यह भी देखें: महिला समृद्धि योजना का पैसा अटका? जानिए देरी की असली वजह और समाधान!

सरकारी नीतियां (Government Policies)

  • उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के मुआवजे को 3,100 रुपये से बढ़ाकर 4,300 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया, जिससे बाजार में कीमतें और बढ़ गईं।

जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी का प्रभाव

किसानों की समृद्धि (Farmers’ Prosperity)

  • जिन किसानों ने सरकार को जमीन बेची, उन्हें न केवल बेहतर मुआवजा मिला, बल्कि उनकी बाकी जमीन की कीमत भी बढ़ गई।

रियल एस्टेट बूम (Real Estate Boom)

  • जेवर अब एक टाउनशिप के रूप में विकसित हो रहा है, जहां डाटा सेंटर हब, मेडिकल डिवाइस पार्क और थीम-आधारित शहरों जैसी परियोजनाएं शुरू हो रही हैं।

यह भी देखें: 4 दिन बंद रहेंगे बैंक! RBI ने किया बड़ा ऐलान, जानिए पूरी लिस्ट

सामाजिक बदलाव (Social Impact)

  • बढ़ती कीमतों ने स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को सुधारा है, लेकिन नई जमीन खरीदने वालों के लिए यह चुनौती बन गई है।

भविष्य की संभावनाएं

रियल एस्टेट विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2030 तक जेवर में जमीन की कीमतें 50% और बढ़ सकती हैं। अगर वर्तमान वृद्धि दर बनी रही, तो कीमतें 15,000-20,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच सकती हैं।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चालू होने के बाद, पर्यटन (मथुरा, वृंदावन, आगरा की निकटता के कारण) और औद्योगिक विकास से यह क्षेत्र और उन्नति करेगा। हालांकि, अत्यधिक मांग और सीमित आपूर्ति के कारण कीमतें कुछ समय के लिए स्थिर भी हो सकती हैं।

चुनौतियां

पर्यावरणीय चिंताएं (Environmental Concerns)

  • एयरपोर्ट निर्माण के लिए जंगलों और वन्य क्षेत्रों का अधिग्रहण पर्यावरणविदों के लिए चिंता का विषय है।

किसानों का विरोध (Farmer Protests)

  • कुछ किसान अभी भी मुआवजे और पुनर्वास से असंतुष्ट हैं, जिसके कारण भूमि अधिग्रहण में देरी हो रही है।

यह भी देखें: BSNL Holi धमाका! सिर्फ ₹1500 से सस्ते प्लान में सालभर फ्री कॉलिंग और बंपर बेनिफिट्स

बाजार संतुलन (Market Stability)

  • अत्यधिक कीमतें सामान्य खरीदारों के लिए जेवर को पहुंच से बाहर कर सकती हैं।

Also Readसिर्फ 1,231 रुपए की EMI पर खरीदें सोलर पैनल, यहाँ जानें

सिर्फ 1,231 रुपए की EMI पर खरीदें सोलर पैनल, यहाँ जानें

You might also like

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें