
8th Pay Commission को लेकर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं क्योंकि 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि नया वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो सकता है। सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को उम्मीद है कि इस बार उनकी सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी होगी, साथ ही महंगाई भत्ता (DA), ट्रांसपोर्ट अलाउंस (TA) और हाउस रेंट अलाउंस (HRA) जैसी सुविधाओं में भी संशोधन देखने को मिलेगा।
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7वें वेतन आयोग में कितनी बढ़ी थी सैलरी?
जब 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था, तब फिटमेंट फैक्टर को 2.57 रखा गया था। इसके चलते न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 कर दी गई थी, यानि कुल 14.27% की वेतन वृद्धि हुई थी। अब जब 8th Pay Commission की तैयारी शुरू हो चुकी है, तो इसमें फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच तय होने की संभावना है, जिससे सैलरी में 30% से 50% तक बढ़ोतरी हो सकती है।
8वें वेतन आयोग में कितना हो सकता है न्यूनतम वेतन?
कयास लगाए जा रहे हैं कि 8वें वेतन आयोग में न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 तक हो सकता है। अगर फिटमेंट फैक्टर 1.92 भी निर्धारित होता है, तो यह सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹34,560 तक पहुंच सकती है, जो कि कुल 92% की वृद्धि होगी।
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क्या 8th Pay Commission में DA शून्य हो जाएगा?
महंगाई भत्ता (DA) को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा? इस पर राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया कि सरकार की अभी कोई योजना नहीं है कि 8th Pay Commission से पहले DA को बेसिक सैलरी या पेंशन में मर्ज किया जाए।
हालांकि, यह भी सच है कि जब महंगाई भत्ता 50% या उससे अधिक हो जाता है, तो उसे अगली सैलरी स्ट्रक्चर में मर्ज कर दिया जाता है। ऐसे में संभावना है कि जनवरी-जून 2026 के AICPI इंडेक्स के आधार पर DA को मर्ज किया जाए और इसके बाद नई सैलरी पर 0% से DA शुरू किया जाए।
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भत्तों में क्या हो सकते हैं बदलाव?
8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद सिर्फ बेसिक सैलरी ही नहीं, बल्कि HRA, TA और अन्य भत्तों में भी बदलाव संभव हैं। DA और HRA को आमतौर पर बेसिक पे के प्रतिशत के रूप में जोड़ा जाता है, इसलिए अगर बेसिक सैलरी में भारी इजाफा होता है, तो भत्तों में भी बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। लेकिन यह सब 2026 की AICPI रिपोर्ट और सरकार की नीति पर निर्भर करेगा।
फिटमेंट फैक्टर क्या होता है और इसका क्या प्रभाव पड़ता है?
फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) एक ऐसा गुणांक होता है, जो पुराने वेतन को नए वेतन में बदलने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू हुआ था, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा हुआ। अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 8th Pay Commission में यह फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच हो सकता है।
यदि यह 2.86 तय होता है तो इसका सीधा मतलब होगा कि कर्मचारी की वर्तमान बेसिक पे को 2.86 से गुणा करके नई सैलरी तय की जाएगी। यह वेतन वृद्धि 30% से 50% तक हो सकती है।
DA, DR और AICPI-W का क्या रोल रहेगा?
महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) की गणना AICPI-W (All India Consumer Price Index – Workers) के आधार पर की जाती है, जिसे लेबर ब्यूरो, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा हर महीने जारी किया जाता है। हर 6 महीने में DA और DR की दरों में संशोधन होता है, और 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद AICPI की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी।
क्या सरकार DA को मर्ज करने पर विचार कर रही है?
राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया है कि DA को मर्ज करने की कोई योजना फिलहाल नहीं है। यानि 8वें वेतन आयोग के लागू होने तक मौजूदा ढांचे के अनुसार DA और DR दिए जाते रहेंगे।