
केंद्र सरकार ने हाल ही में कर्मचारियों के सर्वोच्च मंच ‘नेशनल काउंसिल’ जेसीएम से 8वें वेतन आयोग के गठन के लिए संदर्भ की शर्तें मांगी थी। इसके बाद 10 फरवरी को कर्मचारियों की राष्ट्रीय परिषद-जेसीएम की स्थायी समिति की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें कर्मचारियों के पक्ष की प्रमुख मांगों पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता डीओपीटी सचिव ने की। इसमें आठवें वेतन आयोग की संदर्भ शर्तों पर विस्तार से विचार किया गया, जिसमें कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना की बहाली सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को शामिल किया गया।
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कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
कर्मचारी पक्ष ने बैठक में कुछ अहम मुद्दों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया जाना चाहिए, जिससे कर्मचारियों को एक सुरक्षित भविष्य मिल सके। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि न्यूनतम वेतन को जीवन की बढ़ती आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तय किया जाए, ताकि कर्मचारी सम्मानजनक तरीके से जीवन यापन कर सकें।
कर्मचारी पक्ष के अनुसार, न्यूनतम वेतन को ‘सभ्य और सम्मानजनक जीवनयापन वेतन’ के रूप में निर्धारित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पिछले 65 वर्षों में हुए विकास और जीवन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम वेतन को संशोधित किया जाए। इसके साथ ही, वेतन संरचना, भत्ते, सुविधाएं, सेवानिवृत्ति लाभ और कल्याण मुद्दों का निर्धारण भी उचित रूप से किया जाए।
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8वें वेतन आयोग के संदर्भ की शर्तों में शामिल करने वाली प्रमुख बातें
- पुरानी पेंशन योजना की बहाली: कर्मचारी पक्ष ने मांग की कि 2004 के बाद भर्ती कर्मचारियों के लिए ‘नॉन-कंट्रीब्यूटरी ओल्ड पेंशन स्कीम’ को फिर से लागू किया जाए।
- न्यूनतम वेतन का निर्धारण: जीवन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम वेतन तय किया जाए, ताकि कर्मचारियों को सम्मानजनक जीवन यापन के लिए आवश्यक संसाधन मिल सकें।
- रेलवे और रक्षा कर्मचारियों का ध्यान रखना: रेलवे और रक्षा नागरिक कर्मचारियों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, जिनके कार्य की प्रकृति और शारीरिक जोखिम अधिक होती है।
- महंगाई राहत और वेतन के विलय पर विचार: महंगाई राहत (डीए) को वेतन में विलय करने और पेंशन के साथ 50% डीआर का विलय किए जाने की सिफारिश की गई है।
- सेवानिवृत्ति लाभ में सुधार: कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के लाभ, जैसे पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य टर्मिनल लाभों की संरचना की समीक्षा की जाए।
- मेडिकल सुविधाएं: पेंशनभोगियों और कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए कदम उठाए जाएं, विशेषकर डाक पेंशनभोगियों के लिए।
- रक्षा और रेलवे कर्मचारियों के लिए जोखिम भत्ता: रेलवे कर्मचारियों के लिए जोखिम और कठिनाई भत्ते की सिफारिश की गई है, साथ ही रक्षा कर्मचारियों के लिए विशेष जोखिम भत्ता और बीमा कवरेज की बात की गई है।
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सरकार से मिली प्रतिक्रिया
डीओपीटी सचिव ने कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर विचार किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारियों के साथ आगामी समय में और बैठकें की जाएंगी, ताकि उनके प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की जा सके और समाधान निकाला जा सके।
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अन्य प्रमुख मांगें
इसके अतिरिक्त, कर्मचारियों ने सिफारिश की कि एमएसीपी योजना की वर्तमान विसंगतियों पर विचार किया जाए और पदोन्नति की संरचना में बदलाव किया जाए। वेतन संरचना में सुधार के लिए भी सुझाव दिए गए हैं, जिसमें कर्मचारियों के लिए पांच पदोन्नति सुनिश्चित करने की बात की गई है। इसके अलावा, विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति लाभ और कल्याण सेवाओं में सुधार की भी आवश्यकता जताई गई है।
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साथ ही, कर्मचारियों ने सरकार से यह भी आग्रह किया कि 7वीं सीपीसी में उठाई गई विसंगतियों का समाधान किया जाए और पेंशन के साथ मिलने वाले लाभों को तर्कसंगत बनाया जाए।