
केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की शर्तों (टीओआर) को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तेज कर दी है। हाल ही में सरकार ने नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (एनसी-जेसीएम) से इस संबंध में सुझाव मांगे हैं। कर्मचारियों के प्रतिनिधि मंडल ने वेतन आयोग के नए प्रस्तावों में सेवा के दौरान न्यूनतम 5 प्रमोशन की सिफारिश शामिल करने की मांग की है। इसके अलावा, एमएसीपी (MACP) योजना की विसंगतियों को दूर करने और न्यूनतम वेतन में सुधार पर भी जोर दिया गया है।
8वें वेतन आयोग की वर्तमान स्थिति
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी थी, लेकिन इसके सदस्यों और चेयरमैन की नियुक्ति अभी तक लंबित है। कर्मचारी संघों का मानना है कि नई सिफारिशों को लागू करने से लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा।
प्रमोशन में सुधार की सिफारिशें
एनसी-जेसीएम ने सरकार को यह सुझाव दिया है कि 8वें वेतन आयोग को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए कम से कम 5 प्रमोशन की गारंटी देनी चाहिए। मौजूदा संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रगति (MACP) योजना के तहत कर्मचारियों को 10, 20 और 30 वर्षों की सेवा पर तीन प्रमोशन मिलते हैं, लेकिन नई सिफारिशों के अनुसार यह संख्या बढ़ाई जा सकती है। यह कदम कर्मचारियों के करियर ग्रोथ और वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करेगा।
संभावित सैलरी वृद्धि
विशेषज्ञों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच रह सकता है। यदि इसे लागू किया जाता है, तो सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 92% से 186% तक की वृद्धि संभव हो सकती है। इसका सीधा असर लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों की जीवनशैली पर पड़ेगा।
मुख्य सिफारिशें
1. सैलरी स्ट्रक्चर में सुधार: सभी श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए पे स्केल का पुनर्गठन किया जाएगा, जिससे वेतन असमानताओं को दूर किया जा सके।
2. न्यूनतम वेतन निर्धारण: अकरोयड फॉर्मूला और 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुसार न्यूनतम वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव।
3. महंगाई भत्ता (DA) का पुनर्गठन: डीए को मूल वेतन और पेंशन के साथ जोड़ने की सिफारिश की गई है, जिससे वित्तीय सुरक्षा मजबूत होगी।
4. रिटायरमेंट लाभों में वृद्धि: पेंशन, ग्रेच्युटी और पारिवारिक पेंशन में संशोधन के साथ-साथ 1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों के लिए परिभाषित पेंशन योजना को बहाल करने पर जोर।
5. चिकित्सा सुविधाओं में सुधार: सीजीएचएस (CGHS) को अधिक प्रभावी बनाने और कैशलेस चिकित्सा सेवाओं का विस्तार करने का प्रस्ताव।
6. शिक्षा भत्ता: सरकारी कर्मचारियों के बच्चों के लिए शिक्षा भत्ते और छात्रावास सब्सिडी में बढ़ोतरी।