हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित और उज्जवल हो। चाहे वह उनकी शिक्षा हो, शादी हो, या जीवन की अन्य आवश्यकताएं, सही समय पर सही निवेश करने से इन लक्ष्यों को आसानी से हासिल किया जा सकता है। सही योजना चुनने से न केवल आपके निवेश का बेहतर रिटर्न मिलता है, बल्कि यह आपको मानसिक शांति भी देता है।
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अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए सही निवेश करें! सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ, एनपीएस वत्सल्या स्कीम और एसआईपी जैसी योजनाएं कैसे आपके परिवार की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती हैं, जानिए इस लेख में।
सुकन्या समृद्धि योजना
सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के लिए सबसे लाभकारी योजनाओं में से एक है। 2015 में शुरू हुई इस योजना का उद्देश्य बेटियों की शिक्षा और शादी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। आप अपनी बेटी के जन्म से लेकर 10 साल की उम्र तक यह खाता खोल सकते हैं। इस योजना में न्यूनतम ₹250 और अधिकतम ₹1.5 लाख तक निवेश किया जा सकता है। इसमें 8.2% वार्षिक ब्याज दर का लाभ मिलता है, जो इसे एक आकर्षक विकल्प बनाता है।
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)
पीपीएफ खाता हर परिवार के लिए एक सुरक्षित और स्थिर निवेश योजना है। इस योजना की अवधि 15 साल की होती है, जिसे आप बढ़ा भी सकते हैं। ₹500 से लेकर ₹1.5 लाख तक का वार्षिक निवेश कर सकते हैं। 7.1% ब्याज दर और टैक्स फ्री रिटर्न इसे दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
एनपीएस वत्सल्या स्कीम
एनपीएस वत्सल्या स्कीम, जिसे PFRDA द्वारा संचालित किया जाता है, आपके बच्चों के भविष्य के लिए एक अनूठी योजना है। केवल ₹1,000 के शुरुआती निवेश के साथ आप अपने बच्चे का खाता खोल सकते हैं। इसमें जमा राशि पर चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ मिलता है, जिससे आपका पैसा तेजी से बढ़ता है। आप आसानी से यह खाता ऑनलाइन घर बैठे खोल सकते हैं।
म्यूचुअल फंड में एसआईपी
अगर आप अपने बच्चे के भविष्य के लिए दीर्घकालिक निवेश की योजना बना रहे हैं, तो म्यूचुअल फंड में एसआईपी (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) एक बढ़िया विकल्प है। उदाहरण के तौर पर, यदि आप हर महीने ₹10,000 की एसआईपी करते हैं और इसे 20 साल तक जारी रखते हैं, तो कंपाउंडिंग के जरिए यह राशि लगभग ₹99,91,479 तक हो सकती है।
सही निवेश का महत्व और योजना चुनने के टिप्स
सही निवेश योजना चुनना बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने का पहला कदम है। यह सुनिश्चित करें कि आप अपनी वित्तीय स्थिति, लक्ष्यों और समय सीमा को ध्यान में रखकर योजना चुनें। हर योजना के नियम और लाभ को समझें, और अपने निवेश को समय-समय पर मॉनिटर करते रहें।