
यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रणवीर इलाहाबादिया ने हाल ही में अपने खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज कई एफआईआर को एकसाथ क्लब करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में उनकी पैरवी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के पुत्र, अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़, कर रहे हैं। हालांकि, मौजूदा मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने तत्काल सुनवाई की मांग को अस्वीकार कर दिया है।
यह भी देखें: बड़ा झटका! 23 हजार परिवारों को नहीं मिलेगा मुफ्त राशन – सरकार ने BPL लिस्ट से किया बाहर
रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ दर्ज एफआईआर और सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के बीच, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि न्यायालय आगे क्या निर्णय लेता है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा तत्काल सुनवाई से इनकार के बाद, अब सभी की निगाहें आगामी सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि सभी एफआईआर को एकसाथ क्लब किया जाएगा या नहीं।
विवाद की पृष्ठभूमि
रणवीर इलाहाबादिया ने कॉमेडियन समय रैना के यूट्यूब शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ में एक विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसके बाद देशभर में उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गईं। इन एफआईआर में अश्लीलता और आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करने के आरोप शामिल हैं। इस विवाद के चलते इलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें सभी एफआईआर को एकसाथ जोड़ने और मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की गई।
यह भी देखें: राशन कार्ड होल्डर्स की हुई मौज मार्च में मिलेगा 14KG आटा और 6KG चावल, Free Ration Scheme
सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही
शुक्रवार, 14 फरवरी 2025 को, मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ के समक्ष अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ ने इलाहाबादिया की ओर से तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया। उन्होंने तर्क दिया कि असम पुलिस ने इलाहाबादिया को जांच में शामिल होने के लिए समन जारी किया है, जिससे उन्हें तत्काल राहत की आवश्यकता है। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने मौखिक रूप से तत्काल सुनवाई की अनुमति नहीं दी और कहा कि मामला दो-तीन दिनों में सूचीबद्ध होगा। उन्होंने स्पष्ट किया, “हमने पहले ही सूचीबद्ध करने की तारीख दे दी है।” जब चंद्रचूड़ ने असम पुलिस के समन का उल्लेख किया, तो मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “नो-नो मिस्टर चंद्रचूड़, कोई मौखिक शिकायत नहीं चलेगी। हम इसकी इजाजत नहीं देंगे।”
यह भी देखें: राशन कार्ड धारकों के लिए बड़ी खुशखबरी! फरवरी में मिलेगा गेहूं-चावल के साथ मोदी सरकार का खास गिफ्ट
अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ का परिचय
अभिनव चंद्रचूड़, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के पुत्र हैं। उन्होंने हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएल.एम. की डिग्री प्राप्त की है और बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं। अभिनव ने ‘रिपब्लिक ऑफ रेटोरिक: फ्री स्पीच एंड द कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया’ (2017) और ‘सुप्रीम व्हिस्पर्स: कन्वर्सेशन विद जजेज ऑफ द सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया 1980-1989’ (2018) जैसी पुस्तकों का लेखन भी किया है।
यह भी देखें: सरकार ने कैंसिल की ईद की छुट्टी! देशभर में खुले रहेंगे बैंक – जानिए क्या है वजह?
आगे की कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए इसे प्रक्रिया के अनुसार सूचीबद्ध करने का निर्णय लिया है। इस बीच, असम पुलिस और मुंबई पुलिस ने अपनी जांच जारी रखी है। मुंबई पुलिस ने इलाहाबादिया के वर्सोवा स्थित घर पर जांच के लिए गई, लेकिन वह बंद मिला, और उनका फोन भी स्विच ऑफ था। इसके अलावा, महाराष्ट्र साइबर विभाग ने भी इस मामले में आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है और शो के सभी 18 एपिसोड हटाने का निर्देश दिया है।