
बाल और दाढ़ी को आकर्षक बनाने के लिए लोग अक्सर सैलून का रुख करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सैलून में स्टाइलिंग के दौरान कई तरह की बीमारियों का खतरा भी रहता है? सैलून में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की सही तरह से सफाई न होने के कारण संक्रमण फैल सकता है, जिससे फंगल इंफेक्शन, फॉलिकुलिटिस, टीनिया कैपिटिस, इम्पेटिगो और टिटनेस जैसी बीमारियां हो सकती हैं। हालांकि, सैलून में साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता है, लेकिन एक ही चीज का कई लोगों पर इस्तेमाल संक्रमण को बढ़ावा दे सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि सैलून से कौन-कौन सी बीमारियां ट्रांसफर हो सकती हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है।
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फंगल इंफेक्शन (Barber Itch) से रहें सावधान
बाल कटवाने के बाद गाल और दाढ़ी में फंगल इंफेक्शन या दाद की समस्या होना आम है, जिसे टीनिया बार्बी (Tinea Barbae) या Barber’s itch कहा जाता है। यह समस्या सैलून में इस्तेमाल होने वाले कंघी, उस्तरा, या कैंची की सही सफाई न होने के कारण होती है। संक्रमित उपकरणों के इस्तेमाल से स्किन पर चकत्ते और खुजली की समस्या हो सकती है। यह फॉलिकुलिटिस रोग का ही एक प्रकार है, जो हेयर फॉलिकल्स में बैक्टीरिया के प्रवेश से होता है।
संक्रमण से बचने के लिए यह सुनिश्चित करें कि सैलून में उपयोग किए जाने वाले सभी उपकरणों को सही तरह से डिसइन्फेक्ट किया गया हो। इसके अलावा, बाल कटवाने के बाद चेहरे और गर्दन को अच्छी तरह से धोएं और संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
फॉलिकुलिटिस (Folliculitis) का खतरा
फॉलिकुलिटिस बालों के फॉलिकल में बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है, जिससे फुंसी जैसे दाने हो जाते हैं। यह समस्या ज्यादातर सैलून में इस्तेमाल होने वाली कैंची, रेजर या कंघी की सही तरह से सफाई न होने पर होती है। संक्रमण से बचने के लिए यह जरूरी है कि सैलून में इस्तेमाल किए जाने वाले सभी उपकरणों को स्टरलाइज किया गया हो।
अगर बाल कटवाने के बाद लाल दाने, खुजली या जलन महसूस हो, तो यह फॉलिकुलिटिस का संकेत हो सकता है। ऐसे में संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए एंटीबैक्टीरियल साबुन का इस्तेमाल करें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से परामर्श लें।
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टीनिया कैपिटिस (Tinea Capitis) से बाल झड़ने का खतरा
टीनिया कैपिटिस खोपड़ी में होने वाला एक फंगल इंफेक्शन है, जिसे स्कैल्प रिंगवार्म भी कहा जाता है। इसमें खोपड़ी पर दाद की तरह निशान पड़ जाते हैं और बाल तेजी से झड़ सकते हैं। यह समस्या सैलून में गंदे कंघी, कैंची, रेजर और तौलिये के इस्तेमाल से होती है।
संक्रमण से बचने के लिए सैलून में यह सुनिश्चित करें कि उपयोग किए जाने वाले उपकरणों को सही तरीके से साफ और सैनिटाइज किया गया हो। इसके अलावा, व्यक्तिगत तौलिये और कंघी का उपयोग करना बेहतर होता है।
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इम्पेटिगो (Impetigo) से हो सकती है स्किन इन्फेक्शन
इम्पेटिगो एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो स्टैफ या स्ट्रेप बैक्टीरिया के कारण होता है। यह समस्या ज्यादातर स्किन पर संक्रमित कपड़े या तौलिये के इस्तेमाल से होती है और दाढ़ी तथा गलों पर ज्यादा प्रभाव डालती है। सैलून में इस्तेमाल होने वाले संक्रमित तौलिये या कपड़े से इसका खतरा अधिक रहता है।
संक्रमण से बचने के लिए यह सुनिश्चित करें कि सैलून में एक बार इस्तेमाल किए गए तौलिये को दोबारा उपयोग में न लाया जाए। इसके अलावा, त्वचा पर किसी भी प्रकार के कट या घाव होने पर सैलून जाने से बचें, क्योंकि इससे बैक्टीरिया का संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है।
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टिटनेस (Tetanus) का भी हो सकता है खतरा
टिटनेस एक खतरनाक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो लोहे के जंग लगे उपकरणों के इस्तेमाल से हो सकता है। सैलून में इस्तेमाल होने वाले रेजर या कैंची पर जंग लगी हो तो दाढ़ी बनवाते समय टिटनेस का खतरा बढ़ सकता है।
संक्रमण से बचने के लिए यह सुनिश्चित करें कि सैलून में उपयोग किए जाने वाले सभी उपकरण साफ और जंग रहित हों। इसके अलावा, टिटनेस का टीका समय-समय पर लगवाना चाहिए ताकि शरीर में इसके प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।
बीमारियों से बचने के लिए सावधानियां
- हमेशा स्वच्छ और प्रमाणित सैलून का ही चयन करें।
- सुनिश्चित करें कि उपकरणों को स्टरलाइज किया गया हो।
- अपनी व्यक्तिगत कंघी और तौलिये का उपयोग करें।
- किसी भी प्रकार के स्किन संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।