RBI ने लगाया था इस बैंक से पैसे निकालने पर बैन, निकला 122 करोड़ का स्‍कैम!

122 करोड़ रुपये के घोटाले में न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के जनरल मैनेजर हितेश मेहता पर FIR दर्ज की गई है। RBI ने बैंक पर सख्त प्रतिबंध लगाते हुए निकासी और लोन वितरण पर रोक लगा दी है। खाताधारकों को 5 लाख रुपये तक की बीमा राशि मिलने की उम्मीद है। मामले की जांच मुंबई पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग कर रही है।

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Written byRohit Kumar

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RBI ने लगाया था इस बैंक से पैसे निकालने पर बैन, निकला 122 करोड़ का स्‍कैम!
Cooperative Bank

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर सख्त प्रतिबंध लगाते हुए ग्राहकों को किसी भी प्रकार की निकासी से रोक दिया है। इस सहकारी बैंक में 122 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसके बाद बैंक के जनरल मैनेजर हितेश मेहता के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। मुंबई पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) इस घोटाले की जांच कर रही है।

122 करोड़ रुपये का घोटाला – क्या है पूरा मामला?

न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के जनरल मैनेजर और हेड्स ऑफ अकाउंट्स हितेश मेहता पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने मुंबई के प्रभादेवी और गोरेगांव ब्रांच के रिजर्व फंड में हेरफेर किया है। आरोप के अनुसार, उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बैंक के 122 करोड़ रुपये का गबन किया है। इस मामले में बैंक के एक्टिंग सीईओ देवर्षि घोष ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर मुंबई पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। FIR भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 316(5) और 61(2) के तहत दर्ज की गई है।

RBI ने क्यों लगाई बैंक पर पाबंदी?

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RBI ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक की लिक्विडिटी पोजीशन को देखते हुए इस पर कड़ा प्रतिबंध लगाया है। बैंक में ग्राहकों की जमा राशि को सुरक्षित रखने के लिए रिजर्व बैंक ने बैंक से किसी भी प्रकार की निकासी, लोन वितरण और अन्य वित्तीय लेन-देन पर रोक लगा दी है। हालांकि, बैंक को लोन वसूली का अधिकार अभी भी रहेगा।

डिपॉजिटर्स के पैसे का क्या होगा?

मार्च 2024 तक इस बैंक में 2,436 करोड़ रुपये की जमा राशि थी। RBI के निर्देशों के अनुसार, डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत खाताधारकों को 5 लाख रुपये तक की बीमा राशि प्राप्त करने का अधिकार होगा। इसके लिए उन्हें अपने क्लेम बैंक में जमा करने होंगे।

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मुंबई पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई

मुंबई पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग इस घोटाले की गहन जांच कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बैंक के वित्तीय दस्तावेजों की विस्तृत समीक्षा की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह घोटाला केवल एक व्यक्ति तक सीमित है या इसमें अन्य बैंक अधिकारियों की भी संलिप्तता है।

Cooperative Bank पर क्यों हुई कार्रवाई?

न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए RBI ने यह सख्त कदम उठाया है। बैंक के पास पर्याप्त लिक्विडिटी नहीं है और इसके संचालन पर गंभीर संदेह जताया गया है। RBI ने कहा है कि यह कदम जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक की शाखाएँ कहां हैं?

यह बैंक मुख्य रूप से महाराष्ट्र और गुजरात में अपनी सेवाएं देता है। मुंबई में इसकी शाखाएँ अंधेरी, बांद्रा, बोरीवली, चेंबूर, घाटकोपर, गिरगांव, गोरेगांव, नरीमन प्वाइंट, कांदिवली, मालाड, मुलुंड, सांताक्रूज और वर्सोवा में स्थित हैं। इसके अलावा, नवी मुंबई, ठाणे, पालघर, पुणे और सूरत में भी इसकी शाखाएँ हैं।

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