
CBSE Board Twice a Year: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय 10वीं और 12वीं की सीबीएसई परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित करने की योजना बना रहा है। इसे लेकर हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान समेत शिक्षा मंत्रालय, स्कूली शिक्षा विभाग और सीबीएसई के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा की गई। जल्द ही इस योजना का मसौदा सार्वजनिक परामर्श के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
परीक्षा का तनाव होगा कम
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस बदलाव के पीछे मुख्य कारण बताते हुए कहा कि छात्रों के लिए तनाव मुक्त परीक्षा प्रणाली तैयार करना सरकार की प्राथमिकता है। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है, जो छात्रों की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं को अधिक सुगम और प्रभावी बनाने की दिशा में बढ़ाया गया है। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो छात्रों को अपनी तैयारी के लिए अधिक लचीलापन मिलेगा, जिससे परीक्षा का मानसिक दबाव कम होगा।
दो बार परीक्षा देने का विकल्प
यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है, तो 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को साल में दो बार CBSE Board की परीक्षाओं में शामिल होने का अवसर मिलेगा। हालांकि, यह अनिवार्य नहीं होगा, बल्कि छात्रों को यह विकल्प दिया जाएगा कि वे अपनी सुविधा के अनुसार परीक्षा दें। यानी जो छात्र एक बार परीक्षा देकर संतुष्ट हैं, उन्हें दूसरी परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी, जबकि जो छात्र अपने प्रदर्शन को सुधारना चाहते हैं, वे दूसरी बार परीक्षा दे सकते हैं।
परीक्षा पैटर्न में बदलाव
इसके साथ ही, CBSE परीक्षा के पैटर्न में भी बड़े बदलाव किए जाएंगे। अब परीक्षाओं में अधिक एनालिटिकल और कॉन्सेप्ट बेस्ड सवाल पूछे जाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, इस नए पैटर्न में लगभग 50% सवाल MCQ फॉर्मेट में होंगे और शेष प्रश्नों में शॉर्ट आंसर आधारित प्रश्नों को अधिक महत्व दिया जाएगा। यह बदलाव छात्रों को सिर्फ रटकर पास होने की प्रवृत्ति से दूर करेगा और उनकी समझदारी व लॉजिकल थिंकिंग को विकसित करेगा।
स्कूली शिक्षा में अन्य सुधार
परीक्षा प्रणाली के साथ-साथ स्कूली शिक्षा के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं में भी बदलाव किए जा रहे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, अब 11वीं और 12वीं कक्षा में छात्रों को विषय चयन की अधिक स्वतंत्रता मिलेगी। पहले की तरह स्ट्रीम आधारित विषयों की बाध्यता नहीं होगी, बल्कि छात्र अपनी रुचि और करियर को ध्यान में रखते हुए विषयों का चयन कर सकेंगे। यह कदम छात्रों को बहुआयामी कौशल विकसित करने में मदद करेगा और उनके करियर के लिए अधिक अवसर खोलेगा।
CBSE बोर्ड परीक्षा साल में दो बार होने से क्या होगा फायदा?
- तनाव मुक्त परीक्षा प्रणाली: छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम होगा और उन्हें अपनी गलतियों को सुधारने का एक और मौका मिलेगा।
- बेहतर प्रदर्शन का अवसर: जिन छात्रों का पहली बार प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप नहीं होता, वे दूसरी बार परीक्षा देकर अपने अंकों में सुधार कर सकते हैं।
- कॉन्सेप्ट बेस्ड लर्निंग: रट्टा मारने की प्रवृत्ति कम होगी और छात्रों की विषय पर पकड़ मजबूत होगी।
- करियर प्लानिंग में सहूलियत: छात्रों को साल में दो बार परीक्षा देने की आज़ादी मिलेगी, जिससे वे अपने करियर की बेहतर योजना बना सकते हैं।