
राजस्थान की उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। इस बार का बजट ‘ग्रीन’ थीम पर केंद्रित है, जिसमें आधारभूत संरचना, ग्रामीण विकास, ऊर्जा, उद्यमिता और नई पहलों को प्राथमिकता दी गई है। इस बजट में प्रदेशवासियों को राहत देने के लिए 5 मुख्य घोषणाएं की गई हैं।
150 यूनिट तक फ्री बिजली
राजस्थान सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत की घोषणा करते हुए फ्री बिजली की सीमा 100 यूनिट से बढ़ाकर 150 यूनिट कर दी है। इससे लाखों घरेलू उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ मिलेगा। इसके अलावा, राज्य में पेयजल योजनाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जलदाय विभाग में 1050 पदों पर भर्ती की जाएगी, जिससे जल आपूर्ति व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाएगा।
1000 नए ट्यूबवेल और 1500 हैंडपंप
जल संकट से निपटने के लिए सरकार ने 1000 नए ट्यूबवेल और 1500 हैंडपंप लगाने की घोषणा की है। यह कदम खासकर उन ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए मददगार साबित होगा, जहां जल आपूर्ति की समस्या बनी रहती है। इस पहल से प्रदेश के लाखों लोगों को स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
सड़क विकास कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपये प्रति विधानसभा क्षेत्र
राज्य में सड़क अवसंरचना को मजबूती देने के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को 10 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। वहीं, मरूस्थलीय क्षेत्रों में विशेष विकास कार्यों के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह योजना प्रदेश के सुदूर इलाकों तक सड़क संपर्क बढ़ाने और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने में मददगार होगी।
50 हजार कृषि और 5 हजार घरेलू बिजली कनेक्शन
राज्य सरकार ने किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति बढ़ाने के लिए 50 हजार कृषि और 5 हजार घरेलू बिजली कनेक्शन देने की घोषणा की है। यह योजना खासतौर पर किसानों को फायदा पहुंचाएगी, जिससे उन्हें खेती के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल सकेगी और उनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।
जयपुर मेट्रो के दूसरे फेज के लिए 12,000 करोड़ रुपये
राज्य सरकार ने जयपुर मेट्रो के दूसरे फेज को गति देने के लिए 12,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। इस फेज के पूरा होने से जयपुर की यातायात व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा और शहरवासियों को सुगम परिवहन सुविधाएं मिलेंगी।
‘ग्रीन’ थीम का महत्व
इस बजट को ‘ग्रीन’ थीम पर तैयार किया गया है, जिसमें पाँच प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है:
- जी (गति): आधारभूत संरचना, बिजली, पानी और परिवहन को बेहतर बनाने पर जोर।
- आर (रूरल डेवेलपमेंट): ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, पशुपालन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार।
- ई (एंटरप्रेन्योरशिप): स्टार्टअप्स और MSME को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं।
- ई (एनर्जी): सौर ऊर्जा और ई-व्हीकल को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी और अनुदान।
- एन (न्यू डायमेन्शन्स): पुरानी योजनाओं को नया रूप देकर उनके कार्यान्वयन में तेजी।