सरकारी वेतन से ज्यादा पेंशन पर खर्च! क्या 8वें वेतन आयोग पर पड़ेगा असर?

2025-26 के केंद्रीय बजट में पेंशन पर खर्च वेतन से अधिक होने का अनुमान है, जो पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी हुई पेंशन आवंटन और घटते वेतन खर्च को दर्शाता है। यह बदलाव सरकारी कर्मचारियों की संख्या और आठवें वेतन आयोग के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण हो सकता है।

Photo of author

Written byRohit Kumar

verified_75

Published on

सरकारी वेतन से ज्यादा पेंशन पर खर्च! क्या 8वें वेतन आयोग पर पड़ेगा असर?
Salary Vs Pension

2025-26 के केंद्रीय बजट में पेंशन पर खर्च वेतन से अधिक होने का अनुमान है। बजट प्रोफाइल दस्तावेजों के अनुसार, 2023-24 से पेंशन पर खर्च ने वेतन के खर्च को पार कर लिया है, और यह प्रवृत्ति 2025-26 के बजट में भी जारी रहेगी। इस बदलाव के प्रभाव को समझना जरूरी है, क्योंकि यह सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन संबंधी संरचनाओं पर महत्वपूर्ण असर डाल सकता है, विशेषकर आठवें वेतन आयोग पर।

पेंशन पर खर्च की वृद्धि

2023-24 के केंद्रीय बजट में पेंशन पर ₹2.77 लाख करोड़ और वेतन पर ₹1.66 लाख करोड़ खर्च करने का अनुमान है। यह पहला मौका नहीं है जब पेंशन पर खर्च वेतन से अधिक हो रहा है, बल्कि यह पिछले तीन वर्षों में लगातार देखा गया है। खासकर 2022-23 और 2023-24 के बीच पेंशन के लिए आवंटन में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जबकि वेतन के लिए आवंटन में ₹1 लाख करोड़ की भारी गिरावट आई है। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकारी कर्मचारियों की संख्या में भी कमी आई है, जिसके कारण वेतन खर्च में गिरावट आई है।

कुल स्थापना व्यय में वृद्धि

Earthnewj से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें

हालाँकि, वेतन खर्च में गिरावट आई है, कुल स्थापना व्यय में कमी नहीं आई है। स्थापना व्यय में ‘वेतन’ और ‘पेंशन’ दोनों के अलावा एक श्रेणी ‘अन्य’ भी शामिल होती है, जिसमें लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसके बावजूद, पिछले कुछ वर्षों में, कुल स्थापना व्यय में वृद्धि जारी रही है, और विशेष रूप से ‘अन्य’ श्रेणी के लिए आवंटन में वृद्धि हुई है, जिससे कुल खर्च में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

Also Read31 मार्च से पहले करवा लें ये जरूरी काम तो जा सकती है आपकी जमीन! जानिए क्या करना है ज़रूरी

31 मार्च से पहले करवा लें ये जरूरी काम तो जा सकती है आपकी जमीन! जानिए क्या करना है ज़रूरी

भत्तों के लिए बढ़ा आवंटन

बजट में कर्मचारियों को किए जाने वाले भुगतान को तीन प्रमुख श्रेणियों में बांटा गया है: वेतन, भत्ते (यात्रा खर्च को छोड़कर), और यात्रा व्यय। 2017-18 से लेकर अब तक, भत्तों के लिए आवंटन में कोई गिरावट नहीं आई है। हालांकि, 2023-24 से भत्तों के लिए आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जबकि वेतन मद में कोई विशेष बदलाव नहीं हुआ है। यह बदलाव इस तथ्य को दर्शाता है कि अब महंगाई भत्ता और मकान किराया भत्ता जैसे अन्य भत्ते अब भत्ते के तहत समाहित किए गए हैं, जिससे कुल व्यय कम नहीं हुआ है, बल्कि इसे नए ढंग से वर्गीकृत किया गया है।

आठवें वेतन आयोग का प्रभाव

सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है, जो संभवतः 2027 से लागू होगा। इस आयोग के तहत महंगाई भत्ते को मूल वेतन में समाहित किया जाएगा, जिससे अगले कुछ वर्षों में महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी सीधे वेतन मद पर प्रभाव डालेगी। इसका परिणाम यह होगा कि जब आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होंगी, तो वेतन मद में अचानक भारी वृद्धि हो सकती है, क्योंकि महंगाई भत्ता और अन्य भत्ते फिर से वेतन मद में समाहित हो जाएंगे।

Also ReadNIOS 2025-26: 10वीं-12वीं में फेल हुए? चिंता छोड़िए – दोबारा पास होने का ये है सरकारी रास्ता

NIOS 2025-26: 10वीं-12वीं में फेल हुए? चिंता छोड़िए – दोबारा पास होने का ये है सरकारी रास्ता

You might also like

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें