
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) को सरकार ने वाहन सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से अनिवार्य कर दिया है। यह नंबर प्लेट विशेष प्रकार की होती है, जिसमें होलोग्राम, लेजर-एनग्रेव्ड कोड और एक सिक्योरिटी चिप होती है। सरकार का मानना है कि यह व्यवस्था वाहन चोरी रोकने और ट्रैफिक नियमों को बेहतर तरीके से लागू करने में मददगार होगी। लेकिन इस नए नियम ने कई छोटे व्यापारियों की रोज़ी-रोटी पर संकट खड़ा कर दिया है।
छोटे दुकानदारों पर संकट
पुणे समेत देश के कई शहरों में पारंपरिक नंबर प्लेट बनाने वाले छोटे व्यवसायियों पर इस नए नियम का सीधा असर पड़ा है। पहले ये दुकानदार स्थानीय स्तर पर नंबर प्लेट तैयार करते थे, लेकिन अब सरकार ने यह काम केवल चुनिंदा बड़ी कंपनियों को सौंप दिया है। इसका नतीजा यह हुआ कि करीब 15,000 से 20,000 लोग बेरोजगार हो गए। ये छोटे व्यापारी अब सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें भी इस व्यवसाय में शामिल होने का अवसर दिया जाए।
क्या सरकार ने छोटे दुकानदारों के लिए कोई विकल्प दिया?
सरकार का कहना है कि छोटे दुकानदारों के लिए फिटमेंट सेंटर खोलने का सुझाव दिया गया है। ये सेंटर HSRP लगाने का काम करेंगे, लेकिन इसके लिए कई शर्तें रखी गई हैं। इन शर्तों को पूरा करना छोटे व्यापारियों के लिए आसान नहीं है। फिलहाल पुणे में 69 फिटमेंट सेंटर कार्यरत हैं और सरकार नए सेंटर खोलने की योजना बना रही है। हालांकि, छोटे कारोबारियों को इस प्रक्रिया में अब भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या होगा अगर आपने HSRP नहीं लगवाई?
अगर आपने अब तक अपनी गाड़ी में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) नहीं लगवाई है, तो जल्द ही दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। सरकार जल्द ही सख्त कार्रवाई करने जा रही है और नियमानुसार समय पर नंबर प्लेट न लगाने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। वाहन मालिकों को जल्द से जल्द इस नई व्यवस्था को अपनाने की सलाह दी जा रही है।
जनता में नाराज़गी, विरोध प्रदर्शन शुरू
HSRP को लेकर कई वाहन मालिकों में गहरी नाराजगी है। लोग इसे अतिरिक्त वित्तीय बोझ मान रहे हैं। पुणे समेत कई शहरों में इस नियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। कुछ स्थानों पर नकली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स का काला बाजार भी शुरू हो गया है, जहां बिना किसी दस्तावेज के ये प्लेट्स बेची जा रही हैं।