
दिल्ली की बीजेपी सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने 15 साल पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नई नीति लागू की है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने घोषणा की कि 31 मार्च 2025 के बाद दिल्ली में 15 साल पुरानी गाड़ियों को ईंधन नहीं दिया जाएगा। इसके लिए पेट्रोल पंपों पर विशेष गैजेट्स लगाए जा रहे हैं, जिनकी स्थापना का कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। अब तक 80% पंपों पर यह उपकरण लग चुके हैं और 31 मार्च तक सभी पंपों पर यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।
सरकार ने 15 साल से पुरानी गाड़ियों की पहचान करने और उन्हें दिल्ली में प्रवेश से रोकने के लिए एक विशेष टीम भी बनाई है। यदि कोई पुरानी गाड़ी दिल्ली में प्रवेश कर जाती है, तो उसे तुरंत शहर से बाहर भेजा जाएगा।
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एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य
दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने एक और कड़ा फैसला लिया है। पर्यावरण मंत्री ने बताया कि अब दिल्ली की सभी ऊंची इमारतों, बड़े होटल, ऑफिस कॉम्प्लेक्स, एयरपोर्ट और निर्माण स्थलों (Construction Sites) पर एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा। सरकार का मानना है कि यह कदम दिल्ली में वायु गुणवत्ता सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इसके अलावा, सरकार ने क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) की अनुमति लेने की भी योजना बनाई है। जब दिल्ली में प्रदूषण का स्तर गंभीर होगा, तब कृत्रिम बारिश करवाकर हवा को साफ किया जाएगा। यह तकनीक प्रदूषण को कम करने में काफी कारगर साबित हो सकती है।
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दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए जा रहे कदम
- 15 साल पुरानी गाड़ियों को ईंधन नहीं मिलेगा: 31 मार्च के बाद से पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लागू होगा।
- विशेष टीम का गठन: पुरानी गाड़ियों की पहचान कर उन्हें दिल्ली में प्रवेश से रोका जाएगा।
- पेट्रोल पंपों पर गैजेट्स की स्थापना: 80% पेट्रोल पंपों पर विशेष उपकरण लग चुके हैं, जो 31 मार्च तक पूरी तरह सक्रिय होंगे।
- एंटी-स्मॉग गन की अनिवार्यता: बड़े होटल, ऑफिस कॉम्प्लेक्स, एयरपोर्ट और निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन लगाना जरूरी होगा।
- क्लाउड सीडिंग की योजना: कृत्रिम बारिश के जरिए दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण करने की योजना बनाई जा रही है।
सरकार का कहना है कि इन सभी उपायों से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार होगा और लोगों को प्रदूषण से राहत मिलेगी।
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प्रदूषण नियंत्रण के इन फैसलों का असर
सरकार के इन फैसलों से दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। 15 साल पुरानी गाड़ियों के चलने से न केवल वायु गुणवत्ता खराब होती है, बल्कि इससे हानिकारक गैसों का उत्सर्जन भी बढ़ता है। इसके अलावा, एंटी-स्मॉग गन के इस्तेमाल से निर्माण स्थलों और ऊंची इमारतों के आसपास वायु को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी। क्लाउड सीडिंग तकनीक भी एक प्रभावी उपाय साबित हो सकती है, जिससे दिल्ली में कृत्रिम वर्षा कराकर प्रदूषण कम किया जा सकता है।
सरकार के इन कड़े फैसलों का मुख्य उद्देश्य दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाना और लोगों को स्वच्छ हवा मुहैया कराना है।