
केंद्र सरकार ने आधार कार्ड वेरिफिकेशन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब निजी कंपनियों को अपने मोबाइल ऐप्स में आधार-आधारित चेहरा सत्यापन (Face Authentication) जोड़ने की अनुमति दे दी गई है। इस बदलाव का उद्देश्य लोगों की निजी सेवाओं तक पहुंच को और अधिक सरल बनाना है। इसके साथ ही, यह e-KYC, एग्जाम रजिस्ट्रेशन और अन्य सेवाओं के लिए पेपरलेस और तेज वेरिफिकेशन को भी सुनिश्चित करेगा।
केंद्र सरकार के इस फैसले से आधार वेरिफिकेशन प्रक्रिया तेज़, अधिक सुरक्षित और पेपरलेस बन जाएगी। अब निजी कंपनियां भी Face Authentication का उपयोग कर ग्राहकों, कर्मचारियों और छात्रों के लिए वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को सरल बना सकेंगी। यह बदलाव डिजिटल इंडिया मिशन को और अधिक सशक्त बनाएगा।
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आधार फेस ऑथेंटिकेशन: नया बदलाव क्यों?
इस बदलाव के तहत अब निजी कंपनियां आधार सत्यापन की प्रक्रिया को अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म में इंटीग्रेट कर सकेंगी। इससे:
- e-KYC प्रक्रिया और भी आसान और तेज होगी।
- ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए फिजिकल डॉक्यूमेंट्स की जरूरत नहीं होगी।
- बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के मुकाबले Face Authentication अधिक सुविधाजनक होगा।
- नौकरी और परीक्षा पंजीकरण (Exam Registration) में भी यह प्रक्रिया मददगार साबित होगी।
आधार सुशासन पोर्टल लॉन्च
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने आधार प्रमाणीकरण को अधिक पारदर्शी और सरल बनाने के लिए “आधार सुशासन पोर्टल” (swik.meity.gov.in) लॉन्च किया है।
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इस पोर्टल के ज़रिए:
- निजी कंपनियां आधार प्रमाणीकरण अनुरोधों के लिए आसानी से अनुमोदन प्राप्त कर सकेंगी।
- UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने निजी संस्थाओं के लिए विशिष्ट आईडी सत्यापन प्रणाली तक पहुंच बहाल कर दी है।
आधार फेस ऑथेंटिकेशन कैसे करेगा काम?
अब जब कंपनियों को फेस ऑथेंटिकेशन की अनुमति मिल गई है, तो वेरिफिकेशन प्रक्रिया इस प्रकार होगी:
- यूजर मोबाइल ऐप या वेबसाइट पर लॉगिन करेगा।
- Face Authentication API के ज़रिए उसका चेहरा स्कैन किया जाएगा।
- स्कैन किया गया चेहरा UIDAI डेटाबेस से मिलाया जाएगा।
- सत्यापन पूरा होने के बाद यूजर को सेवाओं का एक्सेस मिल जाएगा।
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किन सेवाओं में होगा उपयोग?
इस नई सुविधा के आने से कई क्षेत्रों में बदलाव देखने को मिलेगा:
- बैंकिंग एवं फाइनेंस: e-KYC प्रक्रिया में आसानी होगी।
- नौकरी क्षेत्र: कर्मचारी उपस्थिति और वेरिफिकेशन के लिए।
- एजुकेशन: परीक्षा पंजीकरण में दस्तावेज़ों की आवश्यकता खत्म होगी।
- गवर्नमेंट सर्विसेज: विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए।
- डिजिटल ट्रांजेक्शन: सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए।
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सरकार और UIDAI का क्या कहना है?
आधार फेस ऑथेंटिकेशन की शुरुआत पर MeitY सचिव एस कृष्णन, UIDAI के CEO भुवनेश कुमार, और NIC के महानिदेशक इंद्र पाल सिंह सेठी मौजूद थे। सरकार का मानना है कि इस तकनीक से डिजिटल इंडिया को और गति मिलेगी और सेवाएं अधिक सुरक्षित व सुविधाजनक बनेंगी।