
भारत में घर खरीदना हर व्यक्ति का सपना होता है, लेकिन यह सपना कई बार बुरे अनुभव में बदल जाता है। खासकर जब लोग EMI Subvention Plan जैसी योजनाओं में फंस जाते हैं। यह योजना आसान फाइनेंसिंग का वादा तो करती है, लेकिन हकीकत कुछ और होती है। दिल्ली-एनसीआर और गुड़गांव के हजारों घर खरीदार इस समस्या से जूझ रहे हैं।
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होम लोन लेना हमेशा एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। EMI Subvention Plan जैसी योजनाएं आकर्षक लग सकती हैं, लेकिन इनमें फंसने के बाद घर खरीदारों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले पूरी जानकारी हासिल करें और कानूनी सलाह जरूर लें।
EMI Subvention Plan का लालच और सच्चाई
EMI Subvention Plan पहली नजर में एक आकर्षक योजना लगती है। इस योजना के तहत खरीदार को शुरुआत में कुछ राशि जमा करनी होती है, और बिल्डर लोन का ब्याज चुकाने का वादा करता है। खरीदार को कब्जा मिलने के बाद ही EMI भरनी होती है। लेकिन समस्या तब शुरू होती है जब प्रोजेक्ट में देरी होती है और बिल्डर बैंक को ब्याज देना बंद कर देता है।
2015 में दिल्ली-एनसीआर के कई लोगों ने इस योजना के तहत फ्लैट बुक किया था। इनमें से एक मनीष मिनोचा भी थे, जिन्होंने सुपरटेक हिलटाउन में 2BHK अपार्टमेंट खरीदा। उन्हें 2018 तक कब्जा मिलने की उम्मीद थी, लेकिन 2025 तक भी उन्हें अपना घर नहीं मिला है। इसके बावजूद उन्हें भारी EMI चुकानी पड़ रही है।
क्यों फंस रहे हैं घर खरीदार?
रियल एस्टेट सेक्टर में धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। EMI Subvention Plan की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसमें खरीदार के पास न तो लोन के वितरण पर नियंत्रण होता है और न ही प्रोजेक्ट की डिलीवरी पर। जब बिल्डर बैंक को EMI देना बंद कर देता है, तो बैंक खरीदार पर दबाव बनाने लगते हैं।
बैंकों ने अब डिफॉल्ट पेनल्टी और कानूनी कार्रवाई की धमकी देना शुरू कर दिया है। इससे घर खरीदारों के सामने एक नई परेशानी खड़ी हो गई है। कई खरीदारों को डिमांड नोटिस भी मिल चुके हैं।
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EMI Subvention Plan: कैसे बना सिरदर्द?
- लुभावने ऑफर: बिल्डर कब्जा मिलने तक कोई EMI न देने का वादा करते हैं।
- समय पर डिलीवरी नहीं: लगभग सभी प्रोजेक्ट्स में देरी होती है।
- बिल्डर का लोन भुगतान बंद: बिल्डर बैंक को ब्याज देना बंद कर देते हैं।
- बैंक की कानूनी कार्रवाई: बैंक खरीदारों से पूरी EMI वसूलने लगते हैं।
- कोर्ट में पहुंचे मामले: कई घर खरीदारों ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ कोर्ट में केस किया है।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार और सीबीआई जांच का आदेश
EMI Subvention Plan में बिल्डरों और बैंकों की मिलीभगत को देखते हुए हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने इस योजना को एक गंभीर घोटाले के रूप में देखा है और इसमें शामिल बिल्डरों और बैंकों की जांच के लिए CBI को निर्देश दिया है।
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घर खरीदते समय सावधानी बरतें
अगर आप भी घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो EMI Subvention Plan या इसी तरह की योजनाओं से बचें।
- डील की पूरी शर्तें पढ़ें।
- बिल्डर के पिछले प्रोजेक्ट की जांच करें।
- कानूनी सलाह लें।
- बैंक और बिल्डर के बीच हुई संधि को समझें।
- डिलीवरी टाइमलाइन और जुर्माने की जानकारी रखें।