
हरियाणा में Labour Salary Hike को लेकर कर्मचारियों और मजदूर संगठनों ने सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। विभिन्न श्रमिक संगठनों ने न्यूनतम वेतन (Minimum Wage) में वृद्धि की मांग की है, ताकि बढ़ती महंगाई के बीच मजदूरों का जीवन स्तर बेहतर हो सके। इसी के जवाब में सरकार ने 5 मार्च को न्यूनतम वेतन बढ़ोतरी बोर्ड की बैठक बुलाने का फैसला किया है।
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न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की प्रक्रिया
हरियाणा में न्यूनतम वेतन की दरें कामगार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI – Consumer Price Index) के आधार पर तय की जाती हैं। इसका संशोधन साल में दो बार किया जाता है ताकि मजदूरों को महंगाई के अनुसार उचित वेतन मिल सके। श्रमिक संगठन इस प्रक्रिया में सुधार की मांग कर रहे हैं और इसे और अधिक पारदर्शी बनाने की अपील कर रहे हैं।
वर्तमान वेतन संरचना और प्रस्तावित संशोधन
हरियाणा में विभिन्न श्रेणियों के श्रमिकों के लिए अलग-अलग न्यूनतम वेतन निर्धारित है। इसमें कुशल (Skilled), अर्धकुशल (Semi-Skilled) और उच्च कुशल (Highly Skilled) श्रमिक शामिल हैं। श्रमिक संगठनों का कहना है कि वर्तमान वेतन दरें अपर्याप्त हैं और महंगाई को देखते हुए इन्हें बढ़ाना आवश्यक है।
श्रमिक संगठनों की मांग:
भारतीय मजदूर संघ (BMS) और अन्य श्रमिक संगठन यह मांग कर रहे हैं कि न्यूनतम वेतन 25,000 रुपये प्रति माह किया जाए। उनका कहना है कि वर्तमान वेतन मजदूरों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
श्रमिक संगठनों का प्रदर्शन और सरकार की प्रतिक्रिया
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU) और अन्य श्रमिक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि Labour Salary Hike को श्रमिकों की वास्तविक जरूरतों के अनुसार संशोधित किया जाए। मजदूरों ने सरकार से अपील की है कि न्यूनतम वेतन को महंगाई दर के अनुरूप निर्धारित किया जाए और श्रमिकों को आर्थिक अस्थिरता से बचाया जाए।
सरकार ने इस संबंध में 5 मार्च को एक बैठक बुलाई है, जिसमें न्यूनतम वेतन बढ़ोतरी को लेकर चर्चा की जाएगी। श्रमिक संगठनों को उम्मीद है कि इस बैठक में सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।
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महंगाई के अनुरूप न्यूनतम वेतन क्यों जरूरी?
- महंगाई के बढ़ते स्तर के कारण वर्तमान न्यूनतम वेतन अपर्याप्त हो गया है।
- श्रमिकों के लिए किराया, राशन, शिक्षा और चिकित्सा जैसी बुनियादी जरूरतों का खर्च लगातार बढ़ रहा है।
- उच्च वेतन से श्रमिकों का जीवन स्तर सुधरेगा और उनकी कार्यक्षमता में सुधार होगा।
- अन्य राज्यों की तुलना में हरियाणा में वेतन वृद्धि आवश्यक हो गई है।
आगे की राह
सरकार की बैठक के बाद यह स्पष्ट होगा कि Labour Salary Hike को लेकर क्या निर्णय लिया जाता है। श्रमिक संगठन इस मुद्दे पर संघर्ष जारी रखने के लिए तैयार हैं। यदि सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं अपनाती है, तो श्रमिक संगठन बड़े आंदोलन की योजना बना सकते हैं।