
हर देश की अपनी अलग मुद्रा होती है, जो उसकी अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। भारतीय रुपये (Indian Rupee), अमेरिकी डॉलर (US Dollar), पाकिस्तानी रुपये (Pakistani Rupee), बांग्लादेशी टका (Bangladeshi Taka) जैसी करेंसी अलग-अलग देशों में प्रचलित हैं। हालांकि, वैश्विक बाजार में अधिकांश करेंसी की तुलना अमेरिकी डॉलर (USD) के साथ की जाती है।
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अमेरिकी डॉलर बनाम भारतीय रुपया
वर्तमान समय में अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय रुपये की कीमत काफी कम है। 1 अमेरिकी डॉलर की कीमत लगभग 87.15 भारतीय रुपये के बराबर है। इसी तरह, दुनिया के अन्य देशों की करेंसी की वैल्यू भी डॉलर के मुकाबले अलग-अलग होती है।
सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली करेंसी
अमेरिकी डॉलर (USD) दुनिया की सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली मुद्रा है। वैश्विक बाजार में व्यापार, रिज़र्व करेंसी और अंतरराष्ट्रीय लेन-देन के लिए डॉलर का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
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दुनिया की सबसे महंगी करेंसी कौन सी है?
हालांकि अमेरिकी डॉलर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली करेंसी है, लेकिन यह दुनिया की सबसे महंगी मुद्रा नहीं है। कुवैत का दीनार (Kuwaiti Dinar – KWD) दुनिया की सबसे महंगी करेंसी मानी जाती है। वर्तमान में 1 कुवैती दीनार की कीमत लगभग 3.25 अमेरिकी डॉलर के बराबर होती है। यानी अमेरिकी डॉलर की तुलना में कुवैती दीनार तीन गुना अधिक महंगा है।
कुवैती दीनार इतना महंगा क्यों है?
कुवैती दीनार की इतनी ऊंची वैल्यू के पीछे कई कारण हैं:
- तेल उत्पादन: कुवैत की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पेट्रोलियम और तेल निर्यात (Oil Export) पर निर्भर है।
- मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार: कुवैत का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserve) काफी मजबूत है।
- कम जनसंख्या: कुवैत की जनसंख्या अन्य देशों की तुलना में कम है, जिससे करेंसी पर दबाव कम पड़ता है।
- स्थिर अर्थव्यवस्था: कुवैत की आर्थिक नीतियां स्थिर और मजबूत हैं, जो उसकी करेंसी को मजबूती देती हैं।
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कुवैत सबसे ताकतवर देश क्यों नहीं?
हालांकि कुवैती दीनार दुनिया की सबसे महंगी करेंसी है, लेकिन फिर भी कुवैत दुनिया का सबसे ताकतवर देश नहीं है। इसके पीछे कई कारण हैं:
- अमेरिका की GDP सबसे ज्यादा है: अमेरिकी अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे बड़ी है, जबकि कुवैत की GDP काफी छोटी है।
- ग्लोबल इंफ्लुएंस (Global Influence): अमेरिका की आर्थिक, सैन्य और राजनीतिक ताकत कुवैत से कहीं ज्यादा है।
- अमेरिकी डॉलर एक ग्लोबल करेंसी है: अमेरिकी डॉलर दुनिया की अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं में इस्तेमाल होता है और कई देशों का विदेशी मुद्रा भंडार डॉलर में ही होता है।
- कुवैती दीनार का सीमित उपयोग: कुवैती दीनार केवल कुछ क्षेत्रों में ही उपयोग किया जाता है, जबकि अमेरिकी डॉलर पूरी दुनिया में स्वीकार किया जाता है।
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अमेरिकी डॉलर दुनिया की रिज़र्व करेंसी क्यों है?
अमेरिकी डॉलर को वैश्विक रिज़र्व करेंसी (Global Reserve Currency) माना जाता है। इसकी कुछ खास वजहें हैं:
- अधिकांश देशों का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserve) अमेरिकी डॉलर में होता है।
- दुनिया के ज्यादातर देश अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश के लिए डॉलर का इस्तेमाल करते हैं।
- डॉलर की स्थिरता (Stability) और अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मजबूती के कारण इसे सबसे ज्यादा भरोसेमंद करेंसी माना जाता है।