
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कुल 19 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें सबसे अहम फैसला नई गेहूं क्रय नीति को लेकर हुआ, जिसके तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को 150 रुपये बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति कुंतल कर दिया गया है। यह निर्णय किसानों को उचित मूल्य दिलाने और उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है।
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17 मार्च से शुरू होगी गेहूं खरीद, 15 जून तक चलेगी प्रक्रिया
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया कि नई नीति के तहत गेहूं खरीद की प्रक्रिया 17 मार्च से शुरू होगी और यह 15 जून तक चलेगी। पिछले वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य 2,275 रुपये था, जिसे अब बढ़ाकर 2,425 रुपये किया गया है। सरकार ने यह कदम किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने और उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उठाया है।
6,500 गेहूं क्रय केंद्र होंगे स्थापित
खन्ना ने बताया कि इस बार सरकार ने 6,500 गेहूं क्रय केंद्र स्थापित करने का फैसला किया है, ताकि किसानों को उनकी उपज बेचने में किसी प्रकार की समस्या न हो। खाद्य विभाग की विपणन शाखा सहित कुल 8 क्रय एजेंसियां इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करेंगी।
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ई-पॉप के जरिए होगी खरीद, बायोमैट्रिक सत्यापन अनिवार्य
नई नीति के तहत गेहूं की खरीद इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज (e-POP) मशीन के माध्यम से की जाएगी। मोबाइल क्रय केंद्रों पर भी खरीद प्रक्रिया को ई-पॉप डिवाइस द्वारा कैप्चर किया जाएगा। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
बटाईदार किसानों को भी मिलेगा लाभ
बटाईदार किसानों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। वे भी पंजीकरण कराकर अपनी उपज बेच सकेंगे। इसके लिए मूल किसान और बटाईदार के बीच लिखित सहमति आवश्यक होगी। पंजीकरण के दौरान किसान के आधार-लिंक्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा, जिसे सत्यापित करने के बाद ही पंजीकरण पूरा होगा।
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48 घंटे के भीतर किसानों को मिलेगा भुगतान
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनके गेहूं का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए। सभी क्रय एजेंसियों द्वारा खरीदे गए गेहूं का भुगतान भारत सरकार के PFMS (Public Financial Management System) पोर्टल के माध्यम से 48 घंटे के भीतर किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इससे किसानों को आर्थिक सहायता मिलेगी और वे बिना किसी परेशानी के अपनी उपज बेच सकेंगे।
ट्रस्ट भी कर सकेंगे गेहूं की बिक्री
नई नीति के तहत पंजीकृत ट्रस्ट भी गेहूं बेच सकेंगे। इसके लिए ट्रस्ट के भूलेख, सत्यापित खतौनी और संचालक/अधिकृत प्रतिनिधि के आधार कार्ड की जरूरत होगी। ट्रस्ट के खाते में भुगतान पीपीए (Public Procurement Accounting) मोड के माध्यम से किया जाएगा।
किसानों के लिए पंजीकरण अनिवार्य
योगी सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि गेहूं की बिक्री के लिए किसानों को खाद्य एवं रसद विभाग के पोर्टल (fcs.up.gov.in) या UP KISAN MITRA मोबाइल एप पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इस वर्ष पहली बार बटाईदार किसानों को भी पंजीकरण कराने और अपनी उपज बेचने की अनुमति दी गई है।
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महत्वपूर्ण तिथियां:
- 1 जनवरी 2024 से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू
- 17 मार्च 2025 से गेहूं खरीद शुरू
- 15 जून 2025 तक क्रय केंद्रों पर खरीद प्रक्रिया जारी
- सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खरीद होगी (रविवार और अवकाशों को छोड़कर)
सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो और खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी रखी जाए।