
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने अपने एडमिशन प्रोसेस में बड़ा बदलाव किया है, जिससे छात्रों को नए विकल्पों के साथ अपनी पसंद के कोर्स में दाखिला लेने का मौका मिलेगा। DU Admission 2025 के तहत अब छात्रों को दो विषयों के नए कॉम्बिनेशन के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। यह बदलाव खासतौर पर उन छात्रों के लिए लाभदायक होगा, जो पारंपरिक विषय संयोजनों की वजह से अपनी पसंद के कोर्स में एडमिशन नहीं ले पा रहे थे।
अब तक बी.कॉम (ऑनर्स) में प्रवेश के लिए 12वीं में गणित (Mathematics) या एप्लाइड गणित (Applied Mathematics) अनिवार्य था, लेकिन अब इस अनिवार्यता को हटा दिया गया है। अब छात्र CUET (Common University Entrance Test) के माध्यम से दो अलग-अलग विषय संयोजनों में से किसी एक का चयन करके बी.कॉम (ऑनर्स) में प्रवेश ले सकते हैं।
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नए विषय संयोजन से मिलेगा लाभ
CUET के तहत अब छात्र दो प्रकार के विषय संयोजनों का चयन कर सकते हैं:
पहला विकल्प: कोई एक भाषा (हिंदी या अंग्रेजी) + गणित या एप्लाइड गणित + लिस्ट B1 में से दो अन्य विषय।
दूसरा विकल्प: कोई एक भाषा + अकाउंटेंसी (Accountancy) या बुक कीपिंग (Book Keeping) + लिस्ट B1 में से दो अन्य विषय।
इस बदलाव से उन छात्रों को बड़ा फायदा मिलेगा, जिन्होंने 12वीं में गणित नहीं लिया था और बी.कॉम (ऑनर्स) में प्रवेश लेना चाहते थे। यह कदम डीयू को और अधिक समावेशी बनाएगा और छात्रों को अपनी रुचि के अनुसार विषयों का चयन करने की स्वतंत्रता देगा।
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CUET 2025 में भी किया गया अहम बदलाव
DU ने न सिर्फ विषय संयोजन बदले हैं, बल्कि CUET 2025 में विषय चयन की प्रक्रिया को भी अधिक लचीला बनाया है। अब छात्र उन विषयों को भी चुन सकते हैं, जो उन्होंने 12वीं में नहीं पढ़े थे। इससे छात्रों को अधिक स्वतंत्रता मिलेगी और वे अपनी पसंद के अनुसार विषयों का चुनाव कर सकेंगे।
यह बदलाव छात्रों को उन क्षेत्रों में प्रवेश लेने में सहायता करेगा, जहां वे पहले विषय की अनिवार्यता के कारण आवेदन नहीं कर पाते थे।
डीयू एडमिशन प्रक्रिया में बदलाव क्यों?
दिल्ली विश्वविद्यालय का उद्देश्य छात्रों को अधिक विकल्प प्रदान करना और उन्हें करियर के अनुसार विषय चुनने की सुविधा देना है। पहले कई छात्र गणित न होने की वजह से कॉमर्स के प्रतिष्ठित कोर्स में प्रवेश नहीं ले पाते थे। अब इस बदलाव के कारण ज्यादा छात्रों को बी.कॉम (ऑनर्स) में एडमिशन का अवसर मिलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव कॉमर्स और बिजनेस स्टडीज (Business Studies) के छात्रों के लिए बेहद फायदेमंद होगा, क्योंकि इससे वे अपने करियर की योजना को अधिक प्रभावी तरीके से बना सकेंगे।
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