
झारखंड में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लेकर एक बड़ा अपडेट आया है। राज्य सरकार ने उन कर्मचारियों को एक और मौका देने का फैसला किया है, जिन्होंने अब तक OPS के लिए आवेदन नहीं किया है। यह घोषणा झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने की। उन्होंने कहा कि सरकार OPS के लिए आवेदन करने की समय सीमा को बढ़ाने जा रही है, ताकि सभी पात्र कर्मचारी इस योजना का लाभ उठा सकें।
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झारखंड सरकार का यह निर्णय उन हजारों कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो पुरानी पेंशन योजना से जुड़ना चाहते थे लेकिन आवेदन करने में चूक गए थे। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सभी पात्र कर्मियों को फिर से आवेदन करने का मौका मिलेगा और OPS को लागू करने में कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी।
पुरानी पेंशन योजना पर अब तक की स्थिति
वित्त मंत्री ने विधानसभा में जानकारी दी कि अब तक पुरानी पेंशन योजना के तहत 2300 आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं। इसके अलावा, लगभग 8200 आवेदनों में विभिन्न त्रुटियां पाई गई हैं। सरकार ने अब तक OPS के तहत कर्मियों के खातों में करीब 30 करोड़ रुपये वितरित किए हैं, जबकि सरकारी खाते में लगभग 31 करोड़ रुपये शेष हैं। आवेदन प्रक्रिया के तहत कर्मचारी अपने मूल विभाग में आवेदन करते हैं, जिसे संबंधित विभाग द्वारा स्वीकृत करने के बाद केंद्र सरकार की संस्था एनएसपीएल (NSPL) को भेजा जाता है। वहां से अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद ही पेंशन लागू होती है।
OPS और NPS में क्या अंतर है?
पुरानी पेंशन योजना (OPS)
- OPS के तहत सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद उसके अंतिम मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी राशि पेंशन के रूप में आजीवन दी जाती है।
- सरकार पूरी पेंशन राशि का भुगतान अपने राजकोष से करती है।
- हर साल दो बार महंगाई भत्ते (DA) में वृद्धि की जाती है।
- OPS में सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारी को 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी मिलती है।
- सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिवार को पेंशन का लाभ मिलता है।
- पेंशन कमीशन लागू होने पर पेंशन राशि को रिवाइज किया जाता है।
- OPS में कर्मचारियों को GPF (General Provident Fund) का लाभ भी मिलता है, जिस पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।
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नई पेंशन योजना (NPS)
- NPS के तहत कर्मचारी को अपने वेतन का 10% योगदान देना होता है, जबकि राज्य सरकार केवल 14% का योगदान देती है।
- NPS शेयर बाजार पर आधारित होता है, जिसमें निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं होती।
- इसमें महंगाई भत्ता (DA) हर छह महीने में लागू नहीं किया जाता।
- रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी को लेकर कोई निश्चित प्रावधान नहीं है।
- NPS के तहत रिटायरमेंट पर मिलने वाली राशि पर टैक्स देना होता है।
- सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिवार को कुल वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाता है।
सरकार की योजना और आगे की प्रक्रिया
झारखंड सरकार ने वित्त विभाग को निर्देश दिया है कि वह आवेदन की नई समय सीमा को तय करे और संबंधित कर्मियों को फिर से आवेदन करने का अवसर प्रदान करे। पुरानी पेंशन योजना को लेकर सरकार का यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों के लिए राहतभरा है, क्योंकि कई कर्मचारी पहले आवेदन करने से वंचित रह गए थे।
सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि सभी आवेदनों की बारीकी से जांच हो और जल्द से जल्द स्वीकृत आवेदनकर्ताओं को पेंशन का लाभ मिले।
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पुरानी पेंशन योजना से कर्मचारियों को क्या लाभ होगा?
- आजीवन पेंशन की गारंटी: OPS में कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद आजीवन पेंशन मिलती है।
- महंगाई भत्ता (DA) का लाभ: हर छह महीने में DA में बढ़ोतरी होती है।
- जीवनभर वित्तीय सुरक्षा: कर्मचारी की मृत्यु के बाद भी उनके परिवार को पेंशन का लाभ मिलता है।
- टैक्स में छूट: GPF के ब्याज पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।
- ग्रेच्युटी: कर्मचारी को 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी मिलती है।