पेंशनर्स के लिए बड़ी खुशखबरी! NPS में आया नया अपडेट, समय पर पेंशन मिलने के जारी हुए नए नियम

CPAO के नए निर्देश से पेंशनर्स को मिलेगी राहत! जानिए कैसे सिर्फ दो PPO पुस्तिकाओं से पेंशन प्रक्रिया होगी तेज और आपके रिटायरमेंट फंड पर असर पड़ेगा। क्या NPS और OPS में फर्क जानना आपके लिए जरूरी है? पूरी जानकारी यहां पढ़ें

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Written byRohit Kumar

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पेंशनर्स के लिए बड़ी खुशखबरी! NPS में आया नया अपडेट, समय पर पेंशन मिलने के जारी हुए नए नियम
पेंशनर्स के लिए बड़ी खुशखबरी! NPS में आया नया अपडेट, समय पर पेंशन मिलने के जारी हुए नए नियम

हाल ही में केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय (CPAO) ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसमें पेंशन प्रक्रिया में हो रही देरी को रोकने के लिए नए दिशानिर्देश लागू किए गए हैं। CPAO ने स्पष्ट किया है कि कुछ वेतन और लेखा कार्यालय अनावश्यक रूप से तीन प्रतियों के साथ अस्थायी PPO (Pension Payment Order) जमा कर रहे हैं, जबकि नियमानुसार केवल दो PPO पुस्तिकाओं की आवश्यकता होती है। ये PPO पुस्तिकाएं एक पेंशनभोगी और एक वितरक के लिए होती हैं।

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CPAO ने सभी संबंधित अधिकारियों, प्रधान CCA, CCA, AGs और अधिकृत बैंक CPPCs से अनुरोध किया है कि वे निर्धारित दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करें ताकि पेंशन वितरण प्रक्रिया में कोई देरी न हो। इस नए आदेश के लागू होने से पेंशनर्स को समय पर पेंशन मिलने की उम्मीद है।

NPS (New Pension Scheme) की प्रमुख बातें

NPS, यानी न्यू पेंशन स्कीम, एक कंट्रीब्यूटरी स्कीम है, जिसमें सरकारी कर्मचारियों को अपनी पेंशन के लिए मूल वेतन का 10% अंशदान देना होता है, जबकि राज्य सरकार इसमें 14% का योगदान करती है।

  • NPS के तहत रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को 60% राशि एकमुश्त मिलती है। शेष 40% राशि से पेंशन बनाई जाती है।
  • NPS में ग्रेच्युटी का स्थायी प्रावधान नहीं है, जिससे कर्मचारी को अलग से योजना बनानी पड़ती है।
  • NPS में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू नहीं होता है।
  • NPS पूरी तरह से शेयर बाजार पर आधारित होता है, जिसमें महंगाई भत्ते जैसी सुविधा शामिल नहीं होती है।
  • यदि सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिजनों को कुल वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाता है।
  • NPS में रिटायरमेंट पर मिलने वाली राशि पर टैक्स लगाया जाता है।

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OPS (Old Pension Scheme) की प्रमुख बातें

OPS यानी पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को रिटायर होने के बाद उनके अंतिम मूल वेतन और महंगाई भत्ते का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में मिलता है।

  • OPS में हर साल दो बार महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाया जाता है।
  • OPS के तहत पेंशन पाने वाले कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिजनों को भी पेंशन का प्रावधान है।
  • OPS में रिटायरमेंट के बाद ग्रेच्युटी दी जाती है।
  • OPS में 6 महीने के बाद महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाता है।
  • OPS के तहत पेंशनर्स को पेंशन कमीशन के लागू होने पर संशोधित पेंशन का लाभ भी मिलता है।
  • OPS में कर्मचारी के GPF (General Provident Fund) के ब्याज पर इनकम टैक्स नहीं देना होता है।

नए दिशा-निर्देश क्यों जरूरी हैं?

CPAO के इस नए निर्देश का उद्देश्य पेंशन प्रक्रिया को सरल और सुचारू बनाना है। अब कर्मचारियों को अनावश्यक कागजी कार्यवाही से बचाया जाएगा, जिससे पेंशन वितरण में तेजी आएगी। CPAO ने संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वे केवल दो PPO पुस्तिकाएं ही जमा करें ताकि प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।

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इस आदेश का उद्देश्य विशेष रूप से उन पेंशनर्स को राहत देना है जिन्हें देरी के कारण समय पर पेंशन नहीं मिल पाती थी। इन नए दिशानिर्देशों के बाद पेंशन वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जाएगा।

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