
घर खरीदने का सपना हर किसी का होता है, लेकिन बढ़ती ब्याज दरें और महंगी EMI (Equated Monthly Installment) इस सपने को साकार करने में बाधा बन सकती हैं। यदि आप भी होम लोन लेना चाहते हैं और अपनी EMI को कम करना चाहते हैं, तो कुछ आसान उपाय अपनाकर इसे संभव बना सकते हैं। यहां हम आपको पांच ऐसे कारगर तरीके बताएंगे, जिनसे आपका होम लोन किफायती हो सकता है।
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होम लोन लेना एक बड़ा वित्तीय निर्णय होता है, इसलिए इसे सोच-समझकर और रणनीतिक तरीके से लेना चाहिए। सही प्लानिंग के साथ आप अपनी EMI को कम कर सकते हैं और ब्याज में बचत कर सकते हैं। ब्याज दरों की तुलना करना, लोन अवधि कम रखना, बैलेंस ट्रांसफर का लाभ उठाना, डाउन पेमेंट बढ़ाना और समय-समय पर प्रीपेमेंट करना, ये सभी तरीके आपके होम लोन को सस्ता बना सकते हैं।
ब्याज दर की तुलना करें और कम दर पर लोन लें
होम लोन लेते समय सबसे जरूरी बात यह है कि आप विभिन्न बैंकों और फाइनेंशियल संस्थानों द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों (Interest Rates) की तुलना करें। कई बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां समय-समय पर ऑफर देती हैं, जिनका लाभ उठाया जा सकता है।
ब्याज दर को कम करने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दें:
- फिक्स्ड (Fixed) और फ्लोटिंग (Floating) रेट की तुलना करें।
- क्रेडिट स्कोर (Credit Score) अच्छा रखें, क्योंकि इससे आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।
- RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती का लाभ उठाएं और कम दर पर लोन ट्रांसफर करें।
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लोन अवधि को कम रखें
होम लोन लेते समय लोन की अवधि (Tenure) कम रखना फायदेमंद हो सकता है। लंबे समय के लिए लोन लेने से कुल ब्याज की राशि अधिक होती है, जिससे EMI पर ज्यादा बोझ पड़ता है। उदाहरण के लिए, अगर आप 20 साल के बजाय 15 साल का लोन लेते हैं, तो EMI थोड़ी ज्यादा होगी, लेकिन कुल भुगतान कम होगा।
लोन अवधि कम करने के फायदे:
- कुल ब्याज कम देना होगा।
- जल्दी लोन खत्म होगा, जिससे वित्तीय स्वतंत्रता मिलेगी।
- कम अवधि के लोन पर ब्याज दर कम होने की संभावना होती है।
होम लोन बैलेंस ट्रांसफर का लाभ उठाएं
यदि आपका होम लोन पहले से चल रहा है और उसकी ब्याज दर अधिक है, तो आप बैलेंस ट्रांसफर (Home Loan Balance Transfer) का विकल्प चुन सकते हैं। इसके तहत आप अपना बकाया लोन किसी अन्य बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं, जहां आपको कम ब्याज दर मिल रही हो।
बैलेंस ट्रांसफर से जुड़ी अहम बातें:
- नए बैंक में प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्क की जानकारी लें।
- ट्रांसफर करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि इससे आपकी EMI वाकई में कम होगी।
- नया बैंक या वित्तीय संस्थान बेहतर कस्टमर सर्विस और सुविधाएं दे रहा हो।
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डाउन पेमेंट ज्यादा करें
होम लोन के लिए डाउन पेमेंट (Down Payment) जितना ज्यादा करेंगे, लोन की राशि उतनी ही कम होगी। इससे न केवल ब्याज कम लगेगा, बल्कि EMI भी कम हो जाएगी। आमतौर पर बैंक प्रॉपर्टी के कुल मूल्य का 75-90% तक लोन देते हैं, जबकि शेष राशि डाउन पेमेंट के रूप में देनी होती है।
डाउन पेमेंट बढ़ाने के फायदे:
- लोन की राशि कम होने से ब्याज में बचत होगी।
- ब्याज दर पर बेहतर सौदेबाजी करने का मौका मिलेगा।
- बैंक द्वारा जल्दी लोन अप्रूवल मिलने की संभावना बढ़ेगी।
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प्रीपेमेंट और पार्ट पेमेंट करें
यदि आपको बोनस, बढ़ी हुई सैलरी या कोई अतिरिक्त आमदनी होती है, तो उसे होम लोन के प्रीपेमेंट (Prepayment) या पार्ट पेमेंट (Part Payment) में इस्तेमाल करें। इससे मूलधन कम होगा और ब्याज का बोझ घटेगा।
प्रीपेमेंट करने से जुड़ी बातें:
- कई बैंक प्रीपेमेंट पर शुल्क नहीं लगाते, लेकिन कुछ मामलों में चार्ज किया जा सकता है।
- जब भी अतिरिक्त पैसे की उपलब्धता हो, EMI के अतिरिक्त भुगतान करें।
- ब्याज का कुल भुगतान कम करने के लिए लोन के शुरुआती वर्षों में प्रीपेमेंट करें।