दिल्ली में जल्द लागू होगी नई EV पॉलिसी! ऑटोरिक्शा चालकों को मिलेंगे ये खास फायदे – जानिए पूरी डिटेल

दिल्ली की सड़कों पर दौड़ते CNG ऑटोरिक्शा जल्द हो सकते हैं इतिहास! सरकार की नई Delhi EV Policy 2.0 के तहत 10 साल पुराने ऑटो हटाकर लाए जाएंगे Electric Auto, साथ मिल सकती है 50,000 रुपये तक की सब्सिडी। जानिए कैसे बदल जाएगी ऑटो चालकों की किस्मत और आपको कैसे मिलेगा इसका सीधा फायदा…

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Written byRohit Kumar

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दिल्ली में जल्द लागू होगी नई EV पॉलिसी! ऑटोरिक्शा चालकों को मिलेंगे ये खास फायदे – जानिए पूरी डिटेल
दिल्ली में जल्द लागू होगी नई EV पॉलिसी! ऑटोरिक्शा चालकों को मिलेंगे ये खास फायदे – जानिए पूरी डिटेल

देश की राजधानी दिल्ली में ऑटोरिक्शा ना सिर्फ आम जनता की रोजमर्रा की यात्रा का मुख्य साधन हैं, बल्कि ये राजनीति से लेकर अर्थव्यवस्था तक में अपनी अहम भूमिका निभाते रहे हैं। अब एक बार फिर से दिल्ली की सड़कों पर चलने वाले इन ऑटो रिक्शा की तस्वीर बदलने जा रही है। Delhi EV Policy 2.0 के तहत अब 10 साल पुराने CNG Auto को चरणबद्ध तरीके से Electric Auto में बदला जाएगा। इस योजना का उद्देश्य है राजधानी को प्रदूषण मुक्त बनाना और Renewable Energy आधारित ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना।

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क्या है Delhi EV Policy 2.0 और क्यों है ये जरूरी?

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दिल्ली सरकार ने साल 2020 में पहली EV Policy लागू की थी, जिसका मकसद राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना था। अब सरकार इसकी अगली कड़ी यानी Delhi EV Policy 2.0 पर काम कर रही है, जिसमें खास फोकस पुरानी CNG ऑटो रिक्शा को हटाकर उनकी जगह इलेक्ट्रिक रिक्शा को लाने पर है।

इस नीति के पीछे दो बड़े उद्देश्य हैं – पहला, दिल्ली के बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकना और दूसरा, पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करके पर्यावरण के अनुकूल ईंधन को बढ़ावा देना।

दिल्ली में कितने हैं ऑटोरिक्शा?

वर्ष 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में Auto Rickshaw की अधिकतम संख्या 1 लाख तय कर दी थी। इससे पहले यह संख्या सिर्फ 55,000 थी। जून 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली की सड़कों पर करीब 94,000 ऑटो रिक्शा दौड़ रहे हैं। इनमें से कुछ इलेक्ट्रिक हैं, लेकिन अब भी ज़्यादातर ऑटो CNG आधारित हैं।

अगर इन 94,000 में से सिर्फ 20 प्रतिशत ऑटो ही 10 साल पुराने हैं, तो भी करीब 18,000 ऑटो को तुरंत इलेक्ट्रिक में बदलने की जरूरत पड़ेगी।

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इलेक्ट्रिक ऑटो में शिफ्ट करने से क्या होंगे फायदे?

नए इलेक्ट्रिक ऑटो को अपनाने से ना सिर्फ पर्यावरण को फायदा होगा बल्कि ऑटो ड्राइवर्स के लिए भी ये आर्थिक रूप से लाभदायक हो सकता है। फिलहाल एक नया CNG ऑटो खरीदने में 4 से 6 लाख रुपये तक का खर्च आता है। जबकि इलेक्ट्रिक ऑटो की कीमत भी लगभग 5 लाख रुपये तक है, और इसमें मिलने वाली सब्सिडी इस कीमत को और कम कर सकती है।

महिंद्रा, बजाज, पियाजियो और TVS जैसी कंपनियों ने अपने इलेक्ट्रिक ऑटो लॉन्च कर दिए हैं, जिनमें बैटरी की 5 से 8 साल तक की वारंटी मिलती है।

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सब्सिडी और इंसेंटिव का गणित

सरकार इलेक्ट्रिक ऑटो को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की सब्सिडी स्कीम चला रही है।

  • PM e-Drive योजना के तहत तिपहिया वाहनों पर 5000 रुपये प्रति किलोवॉट और अधिकतम 50,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है।
  • दिल्ली सरकार खुद भी CNG ऑटो से इलेक्ट्रिक ऑटो में शिफ्ट करने पर सब्सिडी देने की योजना बना रही है।
  • पुराने ऑटो के स्क्रैपिंग पर अतिरिक्त छूट मिल सकती है।
  • रजिस्ट्रेशन फीस में छूट मिल सकती है।

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अगर 18,000 ऑटो को ही इलेक्ट्रिक में बदला जाए और हर ऑटो पर 50,000 रुपये की सब्सिडी दी जाए, तो सरकार को कम से कम 90 करोड़ रुपये का बजट तय करना होगा। वहीं अगर सभी 94,000 ऑटो को इलेक्ट्रिक में बदला जाए, तो ये लागत 470 करोड़ रुपये तक जा सकती है।

क्यों फायदेमंद है इलेक्ट्रिक ऑटो?

Electric Auto Rickshaw का सबसे बड़ा फायदा है कम ऑपरेटिंग कॉस्ट। दिल्ली में CNG की कीमत 75 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है, जिसमें एक ऑटो अधिकतम 35 किमी चलता है। वहीं इलेक्ट्रिक ऑटो प्रति चार्ज औसतन 150 किमी की रेंज देता है और इसका खर्च महज 50 पैसे से 1 रुपये प्रति किमी तक होता है।

इससे ऑटो ड्राइवर्स की कमाई पर सीधा असर पड़ेगा और वे कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे। साथ ही बैटरी वारंटी और मेंटेनेंस कॉस्ट भी कम है, जो दीर्घकालिक रूप से फायदेमंद साबित होगा।

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क्या होंगे अगला कदम?

Delhi EV Policy 2.0 के तहत दिल्ली सरकार चरणबद्ध तरीके से बदलाव करने की योजना बना रही है। पहले पुराने CNG ऑटो हटाए जाएंगे, फिर इंसेंटिव देकर इलेक्ट्रिक ऑटो को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए जरूरी है कि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी मजबूत हो, ताकि ड्राइवर्स को चार्जिंग को लेकर कोई असुविधा न हो।

सरकार इस पूरे बदलाव के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है और उम्मीद की जा रही है कि इस नीति से दिल्ली का ट्रांसपोर्ट सिस्टम अधिक साफ, सस्ता और स्मार्ट बनेगा।

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