
Indian Railway समय-समय पर यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए नई योजनाएं लागू करता रहा है। खासकर वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग यात्रियों और गर्भवती महिलाओं के लिए रेलवे ने ऐसी व्यवस्थाएं की हैं, जिससे उनका सफर अधिक आरामदायक और सुविधाजनक बन सके। यदि आप महिला हैं और अक्सर ट्रेन से यात्रा करती हैं, तो यह जानकारी आपके लिए अत्यंत आवश्यक है। रेल मंत्रालय ने महिला यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई विशेष प्रावधान लागू किए हैं, जो यात्रा के दौरान सहूलियत प्रदान करते हैं।
यह भी देखें: 5 मिनट में फुल चार्ज! ये नई टेक्नोलॉजी बदल देगी EV की दुनिया – Tesla के लिए खतरे की घंटी?
महिलाओं के लिए आरक्षित लोअर बर्थ सुविधा
भारतीय रेलवे ने 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों के लिए लोअर बर्थ रिजर्वेशन की सुविधा दी है। सफर के दौरान ऊपरी सीट (Upper Berth) पर चढ़ने में होने वाली कठिनाई को देखते हुए रेलवे ने यह कदम उठाया है। लोअर बर्थ (Lower Berth) की यह सुविधा स्वचालित प्रणाली (Automated System) द्वारा संचालित होती है। जब कोई महिला यात्री अपनी आयु और कैटेगरी की जानकारी टिकट बुकिंग के समय दर्ज करती है, तो सिस्टम उन्हें प्राथमिकता के आधार पर निचली सीट आवंटित करता है।
यह सुविधा ऑनलाइन टिकट बुकिंग के दौरान स्वतः लागू होती है, यानी महिला यात्री को इसके लिए अलग से विकल्प चुनने की जरूरत नहीं होती। रेलवे का ऑटोमेटेड टिकटिंग एल्गोरिदम यह सुनिश्चित करता है कि पात्र यात्री को उनकी श्रेणी के अनुसार सुविधाएं मिलें।
प्रत्येक बोगी में आरक्षित सीटें
भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने यह भी सुनिश्चित किया है कि हर क्लास की बोगी में कुछ सीटें वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं और दिव्यांगों के लिए आरक्षित रहें।
- स्लीपर क्लास (SL) की प्रत्येक कोच में 6-7 लोअर बर्थ सीटें विशेष यात्रियों के लिए आरक्षित की जाती हैं।
- थर्ड एसी (3AC) कोच में 4-5 लोअर बर्थ सीटें इस श्रेणी के लिए निर्धारित रहती हैं।
- सेकंड एसी (2AC) में 3-4 लोअर बर्थ यात्रियों को प्राथमिकता के आधार पर दी जाती हैं।
- इन आरक्षित सीटों के कारण यात्रा में वरिष्ठ नागरिकों और गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक राहत मिलती है, विशेषकर लंबी दूरी की यात्रा के दौरान।
यह भी देखें: गर्मी में बढ़ जाता है इन 3 खतरनाक बीमारियों का खतरा! डॉक्टर्स से जानें बचाव के असरदार तरीके
ऑटोमेटेड सिस्टम की भूमिका
रेलवे का टिकट बुकिंग सिस्टम एक उन्नत ऑटोमेटेड एल्गोरिदम पर आधारित है, जो टिकट बुक करते समय यात्री की उम्र और कैटेगरी के आधार पर लोअर बर्थ अलॉट करता है। यदि कोई यात्री वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग या गर्भवती महिला के रूप में जानकारी भरता है, तो यह सिस्टम उन्हें प्राथमिकता के तौर पर लोअर बर्थ अलॉट करता है।
यह व्यवस्था खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए फायदेमंद है, जो 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं। लोअर बर्थ से उन्हें चढ़ने और उतरने में सहूलियत मिलती है, जिससे सफर ज्यादा आरामदायक बनता है।
गर्भवती महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों के लिए अतिरिक्त राहत
गर्भवती महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों को केवल लोअर बर्थ ही नहीं, बल्कि ट्रेन में चढ़ने और उतरने के लिए स्टेशन पर व्हीलचेयर, रैंप और सहयोगी स्टाफ की सुविधा भी दी जाती है। इसके अलावा कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर यात्रा सहायकों (Travel Assistants) की सेवा भी उपलब्ध कराई जाती है, जो विशेष यात्रियों की मदद करते हैं।
यह भी देखें: अमेरिका को अचानक क्यों आने लगा ISIS पर प्यार? सरेंडर या कोई गहरी चाल? जानिए पूरी कहानी
महिला यात्रियों की सुरक्षा भी है प्राथमिकता
रेलवे ने महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी कई कदम उठाए हैं। रात के समय ट्रेनों में महिला सुरक्षाकर्मी की तैनाती, सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था और हेल्पलाइन नंबर जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। महिला यात्रियों के लिए विशेष कोच की व्यवस्था भी की गई है ताकि वे सुरक्षित और शांतिपूर्ण यात्रा कर सकें।
भविष्य की योजनाएं
रेलवे मंत्रालय लगातार यात्रियों की प्रतिक्रिया और अनुभव के आधार पर अपनी योजनाओं को अपडेट करता रहता है। आने वाले समय में रेलवे अपने ऑटोमेटेड सिस्टम को और बेहतर बनाने के साथ-साथ AI और Machine Learning तकनीकों को भी टिकट बुकिंग और यात्री सुविधा के लिए जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है। इसका उद्देश्य सभी श्रेणियों के यात्रियों को सुविधाजनक, सुरक्षित और समावेशी यात्रा अनुभव देना है।