
इलेक्ट्रिक कार और अपनी बेहतरीन टेक्नोलॉजी के जरिए दुनियाभर में पहचान बना चुकी चीन की इलेक्ट्रिक कार कंपनी BYD ने हाल ही में एक नया इलेक्ट्रिक व्हीकल प्लेटफॉर्म (EV Platform) लॉन्च किया है, जिसे सुपर ई-प्लेटफॉर्म (Super e-Platform) नाम दिया गया है। कंपनी का दावा है कि इस नई तकनीक के जरिए महज 5 मिनट में इलेक्ट्रिक कार को 400 किलोमीटर तक चलने लायक चार्ज किया जा सकेगा। यह चार्जिंग समय ठीक उसी के बराबर है, जितना समय पेट्रोल या डीजल भराने में लगता है। यह इनोवेशन ईवी इंडस्ट्री के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है।
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ब्लेड बैटरी और 10C चार्जिंग टेक्नोलॉजी का कमाल
BYD के इस नए EV प्लेटफॉर्म की सबसे बड़ी खासियत इसका विशेष रूप से डिजाइन किया गया ब्लेड बैटरी पैक है, जिसमें 10C चार्जिंग मल्टीप्लायर का इस्तेमाल किया गया है। यह दुनिया की किसी भी बड़े पैमाने पर तैयार की गई पावर बैटरी के मुकाबले सबसे उच्च चार्जिंग रेट है। इस तकनीक के चलते यह आर्किटेक्चर 1,000 किलोवॉट (kW) तक की फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करता है। यह न केवल चार्जिंग टाइम को बेहद कम करता है, बल्कि बैटरी के प्रदर्शन और सुरक्षा को भी बढ़ाता है।
सभी BYD वाहनों में होगी नई तकनीक की शुरुआत
BYD का इरादा इस नई सुपर ई-प्लेटफॉर्म तकनीक को अपने कई आगामी इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल करने का है। कंपनी का मानना है कि इससे ग्लोबल इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट में एक नई क्रांति आ सकती है। आज की सबसे बड़ी चुनौती—चार्जिंग में लगने वाला अधिक समय—इस तकनीक से लगभग समाप्त हो सकता है। इससे BYD को न केवल उपभोक्ताओं के बीच विश्वास हासिल होगा, बल्कि टेस्ला (Tesla) जैसे प्रमुख प्रतिस्पर्धियों को भी कड़ी टक्कर देने का मौका मिलेगा।
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चीन में शुरुआत, फिर वैश्विक विस्तार की तैयारी
BYD फिलहाल इस नई टेक्नोलॉजी से लैस चार्जिंग स्टेशनों की शुरुआत चीन में करेगी। इसके बाद इस तकनीक को दुनिया के अन्य देशों में भी विस्तार दिया जाएगा। भारत में भी BYD की मौजूदगी पहले से है, और अगर यह तकनीक यहां आती है, तो यह भारत में काम कर रही अन्य EV कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती होगी। साथ ही इससे उपभोक्ताओं का इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुझान बढ़ेगा।
भारत में भी चल रही है टेक्नोलॉजी की दौड़
भारत में बेंगलुरु स्थित एनर्जी-टेक स्टार्टअप एक्सपोनेंट एनर्जी (Exponent Energy) BYD को टक्कर देने की तैयारी में जुटा है। कंपनी दुनिया का पहला 1.5 मेगावाट (MW) अल्ट्रा-फास्ट चार्जिंग सिस्टम लॉन्च करने की दिशा में काम कर रही है। इस तरह की इनोवेशन से भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक कारों की मांग तेजी से बढ़ेगी, क्योंकि अब तक चार्जिंग में लगने वाला समय एक बड़ी बाधा रहा है।
टेस्ला के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है BYD
BYD ने पिछले कुछ समय में टेस्ला को बिक्री के मामले में पीछे छोड़ दिया है। फरवरी 2025 में टेस्ला की चीन में शिपमेंट 49 प्रतिशत गिरकर 30,688 वाहन रही, जो जुलाई 2022 के बाद सबसे कम मासिक आंकड़ा है। वहीं BYD की ग्रोथ लगातार तेज हो रही है। इस नई तकनीक के साथ BYD को और बढ़त मिल सकती है, जिससे टेस्ला की बिक्री पर और भी अधिक असर पड़ सकता है। यह प्रतिस्पर्धा ईवी इंडस्ट्री में नए इनोवेशन को बढ़ावा देगी।
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Renewable Energy और Sustainable Future की दिशा में बड़ा कदम
BYD की यह पहल सिर्फ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि पूरी Renewable Energy इंडस्ट्री के लिए एक अहम कदम है। तेज चार्जिंग तकनीक से कार्बन एमिशन को कम करने और फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता घटाने में मदद मिलेगी। यह इनोवेशन ना सिर्फ पर्यावरण के लिहाज से अहम है, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी भविष्य के लिए टिकाऊ (Sustainable) साबित होगा।
इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री का भविष्य
इस तरह की नई टेक्नोलॉजी से स्पष्ट है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री आने वाले वर्षों में पूरी तरह से बदलने वाली है। चार्जिंग समय जितना कम होगा, उतना ही तेजी से ग्राहक EV की ओर आकर्षित होंगे। BYD का सुपर ई-प्लेटफॉर्म उसी दिशा में एक मजबूत कदम है, और यह EV इकोसिस्टम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है।