घर खरीदने के लिए सरकार दे रही पैसा! जानें क्या है मुख्यमंत्री गृहस्थल क्रय सहायता योजना

बिहार सरकार की नई योजना से अब घर बनाने का सपना होगा साकार! भूमिहीन परिवारों को मिलेंगे सीधे खाते में ₹1 लाख रुपये, ताकि वे खरीद सकें अपनी खुद की जमीन। जानिए इस स्कीम की पूरी डिटेल – कौन ले सकता है फायदा, क्या हैं शर्तें, और कैसे करें आवेदन। पूरा प्रोसेस पढ़िए यहां

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Written byRohit Kumar

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घर खरीदने के लिए सरकार दे रही पैसा! जानें क्या है मुख्यमंत्री गृहस्थल क्रय सहायता योजना
घर खरीदने के लिए सरकार दे रही पैसा! जानें क्या है मुख्यमंत्री गृहस्थल क्रय सहायता योजना

घर बनाने का सपना हर इंसान का होता है, लेकिन आर्थिक तंगी और जमीन की अनुपलब्धता के कारण यह सपना अधूरा रह जाता है। बिहार सरकार ने ऐसे ही भूमिहीन ग्रामीण परिवारों की मदद के लिए मुख्यमंत्री गृहस्थल क्रय सहायता योजना 2024 की शुरुआत की है। इस योजना के तहत योग्य लाभार्थियों को ₹1,00,000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है ताकि वे खुद की जमीन खरीदकर घर बना सकें। यह योजना खासकर अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के भूमिहीन परिवारों के लिए है।

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योजना की शुरुआत और उद्देश्य

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मुख्यमंत्री गृहस्थल क्रय सहायता योजना की अधिसूचना 20 नवंबर 2024 को बिहार सरकार द्वारा जारी की गई थी। यह पहले मुख्यमंत्री वास स्थल कार्य सहायता योजना के नाम से जानी जाती थी। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले भूमिहीन परिवारों को जमीन खरीदने में सहायता देना है ताकि वे प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत अपना घर बना सकें। यह योजना जल-जीवन-हरियाली अभियान की वजह से विस्थापित हुए परिवारों को भी प्राथमिकता देती है।

कितनी आर्थिक सहायता मिलती है?

इस योजना के तहत लाभार्थी परिवार को ₹1 लाख की एकमुश्त सहायता राशि दी जाती है। इस राशि का उपयोग कम से कम 3 डिसमिल (लगभग 48 गज) भूमि खरीदने के लिए किया जा सकता है। यह रकम सीधे उस व्यक्ति के बैंक खाते में भेजी जाएगी, जिससे जमीन खरीदी जाएगी। लाभार्थी अपने गांव या ग्राम पंचायत के अधिकार क्षेत्र में ही भूमि खरीद सकते हैं।

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कौन कर सकता है आवेदन?

इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ पात्रता शर्तें तय की गई हैं:

  • आवेदक परिवार पूरी तरह से भूमिहीन होना चाहिए और किसी अन्य सरकारी योजना से भूमि प्राप्त नहीं की हो।
  • प्राथमिकता SC, ST, और OBC वर्ग के परिवारों को दी जाएगी।
  • परिवार का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) की सूची में होना अनिवार्य है।
  • जमीन महिला सदस्य के नाम पर पंजीकृत होगी, यदि महिला सदस्य नहीं है, तो पुरुष सदस्य के नाम पर हो सकती है।
  • आवेदक के गांव या क्षेत्र में सरकारी आवंटन योग्य जमीन नहीं होनी चाहिए।
  • जमीन विक्रेता का बैंक खाता आधार से लिंक होना जरूरी है।

आवेदन की प्रक्रिया

फिलहाल सरकार इस योजना के लिए ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च करने की प्रक्रिया में है। इसके लिए या तो अलग पोर्टल लॉन्च किया जाएगा या राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की वेबसाइट biharbhumi.bihar.gov.in के माध्यम से आवेदन लिए जा सकते हैं।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया:

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  • सबसे पहले वेबसाइट पर जाकर New Registration पर क्लिक करें।
  • नाम, पता, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल आदि दर्ज कर रजिस्टर करें।
  • मोबाइल पर आए OTP को दर्ज कर लॉगिन करें।
  • लॉगिन के बाद योजना का चयन कर आवेदन फॉर्म भरें और सबमिट करें।

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ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया:
अगर सरकार ऑफलाइन आवेदन की अनुमति देती है, तो ग्रामीण विकास विभाग से फॉर्म लेकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करना होगा।

जरूरी दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में नाम का प्रमाण
  • मनरेगा जॉब कार्ड
  • बैंक पासबुक
  • वोटर आईडी
  • राशन कार्ड
  • भूमिहीनता का हलफनामा
  • सरकारी जमीन न होने का प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटो

फॉर्म जमा करने के बाद की प्रक्रिया

आवेदन के बाद सर्कल अधिकारी द्वारा फॉर्म और दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। भूमिहीनता प्रमाण पत्र जारी होने के बाद लाभार्थी जमीन का चयन कर विक्रेता के साथ समझौता करेगा। सर्कल अधिकारी सहमति देने के बाद राशि को विक्रेता के खाते में ट्रांसफर कर देंगे।

जमीन किसके नाम होगी और उसका उपयोग

खरीदी गई जमीन परिवार की महिला सदस्य के नाम पर रजिस्टर्ड की जाएगी। यदि महिला सदस्य नहीं है, तो पुरुष सदस्य के नाम पर रजिस्ट्रेशन हो सकता है। यह जमीन वंशानुगत होगी, लेकिन इसे बेचा या ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।

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इस जमीन पर रहने के लिए घर बनाना अनिवार्य है। घर बनने के बाद शेष भूमि का उपयोग लघु उद्योग, व्यापार, बागवानी जैसे वैध कार्यों के लिए किया जा सकता है।

अगर समय पर जमीन नहीं खरीदी गई तो?

अगर लाभार्थी को सहायता राशि मिलने के तीन महीने के भीतर जमीन नहीं खरीदी जाती, तो सरकार वह राशि वापस ले सकती है। अगर किसी ने झूठी जानकारी देकर यह सहायता ली, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी और दी गई रकम वसूली जाएगी।

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