UP Shop Rules Update: अब दुकान खोलना हुआ और भी आसान – मकान मालिकों के लिए भी आई बड़ी राहत

उत्तर प्रदेश सरकार ने दुकान खोलने के नियमों को पहले से कहीं ज्यादा आसान बना दिया है। अब न केवल व्यापारियों को राहत मिलेगी, बल्कि मकान मालिकों के लिए भी बड़ी खुशखबरी है। जानिए कैसे एक नई प्रक्रिया और नियमों से आपको अब दुकान खोलने के लिए किसी चक्कर या परेशानी से नहीं गुजरना पड़ेगा!

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Written byRohit Kumar

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UP Shop Rules Update: अब दुकान खोलना हुआ और भी आसान – मकान मालिकों के लिए भी आई बड़ी राहत
UP Shop Rules Update: अब दुकान खोलना हुआ और भी आसान – मकान मालिकों के लिए भी आई बड़ी राहत

उत्तर प्रदेश में दुकान खोलने के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए योगी सरकार ने भवन स्वामियों को बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार ने भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 (Building Byelaws 2025) का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इस नई नीति के तहत 24 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों पर स्थित आवासीय भूखंडों (Residential Plots) पर अब दुकान (Shop), गगनचुंबी इमारत (High-rise Building) और उद्योग (Industry) लगाने की अनुमति दी जाएगी। इसका मकसद शहरीकरण की बढ़ती मांग को देखते हुए कम जगह में अधिक निर्माण की सुविधा देना और विकास प्राधिकरणों के शोषण से राहत दिलाना है।

मकान मालिकों को मिलेगी बड़ी राहत, मिलेगी शोषण से मुक्ति

भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 का उद्देश्य स्पष्ट है — लोगों को आवासीय संपत्तियों पर व्यावसायिक उपयोग की स्वतंत्रता देना। अब 24 मीटर चौड़ी सड़क पर स्थित मकान में व्यावसायिक गतिविधियां (Commercial Activities) जैसे दुकान खोलना संभव होगा, और अगर सड़क की चौड़ाई 45 मीटर या उससे अधिक है तो वहां गगनचुंबी इमारतों के निर्माण को भी हरी झंडी मिलेगी।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो स्वयं आवास विभाग का दायित्व भी संभाल रहे हैं, ने इस उपविधि को मंजूरी देते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी नियम सरल और पारदर्शी हों ताकि आम नागरिकों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।

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गांवों को भी मिलेगा औद्योगिक विकास का अवसर

नई उपविधि के अनुसार, अब गांवों में भी सात मीटर चौड़ी सड़क होने पर वहां उद्योग स्थापित (Set up Industries) किए जा सकेंगे। इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और विकास को बढ़ावा देना है।

इस बदलाव से पहले छोटे भूखंडों पर उद्योग या व्यापारिक गतिविधियों की मंजूरी लेना बेहद मुश्किल था, लेकिन अब सरकार की यह नीति ग्रामीण औद्योगिकरण को नई गति देगी।

एफएआर और भू-आच्छादन बढ़ाया, सेटबैक में दी ढील

नई उपविधियों के तहत, एफएआर (Floor Area Ratio) को 300 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव है, जिससे कम भूमि पर अधिक निर्माण किया जा सकेगा। इसके साथ ही सेटबैक (Setback) के नियमों को भी सरलीकृत और लचीला बनाया गया है। इससे भूखंड मालिकों को अधिक स्थान का उपयोग करने का अवसर मिलेगा।

पहले की तुलना में अब ग्राउंड कवरेज की सीमा भी हटाई जा रही है, जिससे भवन निर्माण की अधिकतम सीमा में बढ़ोतरी होगी।

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बिना नक्शा पास कराए हो सकेगा निर्माण

100 वर्ग मीटर तक के आवासीय भूखंड और 30 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक भूखंड पर अब नक्शा पास कराना अनिवार्य नहीं होगा। मकान मालिक सिर्फ कुछ शर्तों का पालन करते हुए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करके मानचित्र अपलोड कर सकते हैं। इससे समय और खर्च की बचत के साथ-साथ भ्रष्टाचार की संभावना भी कम होगी।

भवन उपविधि-2025 के ड्राफ्ट पर मांगे गए सुझाव और आपत्तियां

प्रस्तावित उपविधि को अंतिम रूप देते हुए राज्य सरकार ने इसे 15 दिनों तक के लिए सार्वजनिक सुझावों और आपत्तियों के लिए खोला है। नागरिक ctcpbuildingbyelaws2025@gmail.com पर ईमेल के माध्यम से या नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग, विभूति खंड, गोमतीनगर, लखनऊ में लिखित रूप से सुझाव भेज सकते हैं।

उपविधि का ड्राफ्ट आवास विभाग, नगर एवं ग्राम नियोजन, और आवास बंधु की वेबसाइटों पर उपलब्ध है:

मई में मिल सकती है कैबिनेट से मंजूरी

यदि सब कुछ तय समय पर चलता है तो मई माह में ही इस उपविधि को कैबिनेट से मंजूरी मिलने की संभावना है। मंजूरी के बाद विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद को इसे अपने-अपने बोर्ड्स के माध्यम से लागू करना होगा।

इस उपविधि से न केवल शहरी क्षेत्रों में भूमि उपयोग का संतुलन बेहतर होगा, बल्कि रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) और ग्रीन बिल्डिंग्स (Green Buildings) जैसी नीतियों को अपनाने का रास्ता भी खुलेगा।

भवन उपविधि-2008 की जगह लेगी नई उपविधि

पिछली भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008 को अब पूरी तरह बदलकर नई जरूरतों के अनुसार भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 लाया गया है। इसको तैयार करने के लिए शासन स्तर से गठित समिति ने अन्य राज्यों की नीतियों का गहन अध्ययन किया है ताकि यूपी की नीतियां भी राष्ट्रीय और वैश्विक मानकों पर खरी उतरें।

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