
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) ने शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए रीचेकिंग-Rechecking की सुविधा शुरू कर दी है। अब छात्रों को केवल री-टोटलिंग की सुविधा तक सीमित नहीं रहना होगा, बल्कि वे अपनी उत्तर पुस्तिका की पुनः जांच यानी रिचेकिंग भी करवा सकेंगे। यह नई व्यवस्था राजस्थान बोर्ड परीक्षाओं के गणित विषय में इस वर्ष से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की गई है।
राज्य के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर यह पहल शुरू की गई है, जो लंबे समय से छात्र और अभिभावकों की एक प्रमुख मांग रही है। इस निर्णय से परीक्षा परिणामों की गुणवत्ता बढ़ेगी और छात्रों को उनकी मेहनत के अनुरूप अंक मिलने की संभावनाएं अधिक होंगी।
शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने की दिशा में बड़ा फैसला
RBSE की ओर से यह व्यवस्था इस वर्ष 2025 की बोर्ड परीक्षाओं में सबसे पहले गणित विषय में लागू की गई है। यह एक पायलट योजना के रूप में शुरू की गई है ताकि इसके प्रभावों और चुनौतियों का आकलन किया जा सके। अब तक छात्रों के पास केवल री-टोटलिंग यानी अंकों की पुनर्गणना का ही विकल्प था, जिसमें केवल यह देखा जाता था कि उत्तर पुस्तिका में दिए गए अंकों को ठीक से जोड़ा गया है या नहीं।
लेकिन अब रिचेकिंग-Rechecking के तहत मूल्यांकनकर्ता उत्तरों का मूल्यांकन दोबारा करेंगे, जिससे किसी उत्तर को अनदेखा कर देने या गलत मूल्यांकन की स्थिति में सुधार किया जा सकेगा। इससे शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी और छात्रों को अधिक न्यायसंगत परिणाम मिल सकेंगे।
शिक्षा मंत्री के निर्देश पर शुरू हुई रिचेकिंग व्यवस्था
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि छात्रों के हित को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि कई बार छात्रों को लगता है कि उनकी उत्तर पुस्तिका का सही मूल्यांकन नहीं हुआ, लेकिन री-टोटलिंग में केवल जोड़ की गलती ही पकड़ी जाती है। ऐसे में रिचेकिंग एक व्यवहारिक और आवश्यक कदम है।
मंत्री ने यह भी संकेत दिए कि यदि यह प्रयोग सफल रहता है, तो भविष्य में इसे सभी विषयों में लागू किया जाएगा। इससे न केवल छात्र संतुष्ट होंगे बल्कि परीक्षाओं में विश्वास भी बढ़ेगा।
निष्पक्ष मूल्यांकन की ओर एक मजबूत कदम
इस फैसले से छात्रों को अब अपने भविष्य के लिए अधिक स्पष्ट और निष्पक्ष आधार मिलेगा। खासकर वे छात्र जिनके अंक अपेक्षा से कम आते हैं, अब यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि उनकी उत्तर पुस्तिका का सही मूल्यांकन हुआ है या नहीं। इससे यह भी स्पष्ट होगा कि छात्रों को मेहनत के अनुसार परिणाम मिल रहा है।
RBSE Rechecking व्यवस्था से न केवल छात्र लाभान्वित होंगे बल्कि बोर्ड की छवि भी एक निष्पक्ष और उत्तरदायी संस्था के रूप में मजबूत होगी।
आने वाले वर्षों में सभी विषयों में विस्तार की संभावना
अभी यह व्यवस्था केवल गणित विषय तक सीमित है, लेकिन बोर्ड का इरादा है कि यदि यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहता है, तो रिचेकिंग की सुविधा को अन्य विषयों में भी विस्तारित किया जाए। इससे छात्रों को संपूर्ण मूल्यांकन प्रक्रिया पर विश्वास मिलेगा और बोर्ड परीक्षा के परिणाम अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी बनेंगे।
छात्रों और अभिभावकों में निर्णय को लेकर उत्साह
लंबे समय से छात्र और उनके अभिभावक RBSE से मूल्यांकन प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता की मांग कर रहे थे। यह फैसला उसी दिशा में एक ठोस कदम है। इससे न केवल छात्रों को संतोष मिलेगा बल्कि शिक्षा के प्रति उनकी गंभीरता और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
छात्र संगठनों और शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने इस कदम की सराहना की है और इसे छात्र हित में लिया गया एक क्रांतिकारी निर्णय बताया है।