
उत्तर प्रदेश के कासगंज गैंगरेप केस ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। पीड़िता की सुरक्षा के लिए घर के भीतर और बाहर CCTV कैमरे लगाए गए हैं, गांव में लगातार पुलिस की गश्त हो रही है और चारों ओर सन्नाटा पसरा है। वहीं, घटना के समय पीड़िता के साथ मौजूद रहे उसके साढ़े सत्रह साल के मंगेतर ने BBC से बातचीत में उस दिन की दर्दनाक कहानी बयां की।
घटना की शुरुआत: राशन कार्ड के बहाने बाहर निकले थे दोनों
यह वारदात 10 अप्रैल 2025 की है, जब पीड़िता और उसका मंगेतर राशन कार्ड बनवाने के लिए गांव से बाहर गए थे। मंगेतर के अनुसार, वापसी के दौरान दोनों एक आम के पेड़ के नीचे बैठकर खाना खा रहे थे, तभी छह युवक वहां आ धमके और पहले पैसे मांगे, फिर लड़की से गैंगरेप किया। आरोपियों ने धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देंगे।
FIR दर्ज करने से पहले डर का साया
घटना के बाद दोनों ने तय किया कि किसी को कुछ नहीं बताया जाएगा। मंगेतर ने कहा, “हमें सबसे ज़्यादा डर समाज और परिवार की प्रतिक्रिया का था। बेइज़्ज़ती का डर बहुत गहरा था।” लेकिन अगले ही दिन जब पीड़िता कोचिंग से लौट रही थी तो उनमें से एक आरोपी फिर सामने आया और घूरने लगा। तब पीड़िता ने 1098 हेल्पलाइन पर कॉल किया और पूरा मामला उजागर किया।
1098 कॉल ने बदली कहानी
चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के कासगंज प्रभारी सौरभ यादव ने बताया कि लड़की ने शुरुआत में पुलिस को जानकारी न देने की शर्त पर बात करनी चाही। बाद में सौरभ यादव के समझाने पर परिवार बातचीत को राज़ी हुआ। FIR 12 अप्रैल को दर्ज हुई।
पुलिस का एक्शन: सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
कासगंज की एसपी अंकिता शर्मा ने बताया कि इस मामले में अब तक आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और दो की तलाश जारी है। केस भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धाराएं 70(2), 308(5), 126(2), 351(3), और 303(2) तथा POCSO एक्ट की धाराएं 5 और 6 के तहत दर्ज किया गया है।
पुलिस ने 14 अप्रैल को पीड़िता के घर के अंदर और बाहर CCTV कैमरे लगाए और सुरक्षा के लिए सशस्त्र बल तैनात कर दिए हैं। इसके साथ ही सुनसान इलाकों की पहचान कर निगरानी बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।
गांव में सन्नाटा, परिवार चुप
गांव में घटना के बाद सन्नाटा छाया है। बीबीसी की ग्राउंड रिपोर्ट में देखा गया कि लड़की के घर के बाहर पुलिस तैनात है। पीड़िता की मौसी, जिनके यहां वह रहती हैं, और परिवार के अन्य सदस्य मीडिया से बात करने से बच रहे हैं।
पीड़िता की साइकिल, जिससे वह कोचिंग जाती थी, अभी भी बरामदे में खड़ी है। बच्चों के खेलने की आवाज़ें घर में गूंजती हैं, लेकिन माहौल में गहरी चुप्पी है।
पीड़िता का सपना: अफसर बनकर लड़ाई लड़ने का इरादा
पीड़िता का कहना है कि वह IAS अफसर बनना चाहती हैं। “मैं नौवीं क्लास से ही अफसर बनने का सपना देखती आ रही हूं। इस घटना ने मेरा इरादा और पक्का कर दिया है।” वन स्टॉप सेंटर की काउंसलर मनीषा पाठक बताती हैं कि लड़की अब मानसिक रूप से काफी मजबूत हो गई है।
मंगेतर की पीड़ा: “मैं उसे बचा नहीं सका”
मंगेतर ने रोते हुए कहा, “मैं अब तक इस बात से उबर नहीं पाया हूं कि मैं उसकी रक्षा नहीं कर सका। मुझे लगा था मैं उसे हमेशा खुश रखूंगा, लेकिन ये सब मेरे सामने हुआ और मैं कुछ नहीं कर सका।”
उन्होंने बताया कि घटना के वक्त आरोपियों ने उन्हें पीटने की धमकी दी और लड़की को झाड़ियों में ले गए। वहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया और वीडियो बनाया गया।
परिवार की मजबूरी, फिर भी साथ
मंगेतर की मां ने कहा, “हम शादी करेंगे। उसका कोई नहीं है। हम उसे छोड़ नहीं सकते। लेकिन डर है कि अगर आरोपी छूट गए तो हमारे बेटे की जान खतरे में पड़ सकती है।”
पीड़िता नाबालिग है और शादी की योजना उसके 18 साल के होने के बाद थी।
आरोपी पक्ष की प्रतिक्रिया
BBC ने दो आरोपियों के परिवारों से भी बात की। आरोपी रिंकू की मां का कहना है कि पुलिस बिना कारण रात चार बजे उसे उठा ले गई। भाई ने कहा, “अगर वह दोषी है तो उसे कड़ी सज़ा मिले। अगर निर्दोष है तो छोड़ दिया जाए।”
वहीं आरोपी सोनू की मां का कहना है कि घर में अंधेरा और ग़म का माहौल है। सोनू की बहन की शादी 18 अप्रैल को है, लेकिन अब घर में कोई खुशी नहीं बची।
प्रशासन की पहल
14 अप्रैल को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने पीड़िता से मुलाकात कर उसे ₹5 लाख का चेक सौंपा। पुलिस ने सुरक्षा और निगरानी को बढ़ाने के लिए गांव में पिकेट्स भी लगाए हैं।
गांव की एक महिला ने कहा, “अब तो पुलिस रोज आती है, लेकिन डर पहले से ज़्यादा है। जब एक औरत होकर मैं डरती हूं, तो लड़कियों का क्या हाल होगा?”