
आज के समय में लगभग हर घर में एक से ज्यादा स्मार्टफोन देखने को मिल जाते हैं। जब भी कोई नया फोन खरीदा जाता है, तो कैमरा क्वालिटी, स्टोरेज, बैटरी बैकअप और वाटरप्रूफ फीचर के साथ-साथ वारंटी की शर्तों के बारे में जानना बेहद जरूरी होता है। अधिकतर लोग सोचते हैं कि अगर फोन में कोई इंटरनल डैमेज हो गया, तो वारंटी के तहत उसे कवर कर लिया जाएगा। लेकिन क्या आपको पता है कि स्मार्टफोन की वारंटी पानी से हुए नुकसान को कवर करती है या नहीं?
स्मार्टफोन की वारंटी से जुड़ा यह सवाल हर यूज़र के लिए अहम है, खासकर तब जब फोन में वाटरप्रूफ फीचर मौजूद हो। इस लेख में हम जानेंगे कि क्या सच में वारंटी के तहत पानी से हुए नुकसान की भरपाई की जाती है या नहीं।
वारंटी पॉलिसी में पानी से नुकसान को नहीं किया जाता शामिल
ज्यादातर स्मार्टफोन कंपनियां अपने वारंटी पॉलिसी में यह साफ-साफ उल्लेख करती हैं कि पानी या नमी से हुए नुकसान को वारंटी में कवर नहीं किया जाएगा। यहां तक कि Apple और Samsung जैसी बड़ी कंपनियां, जिनके फोन्स में वाटर रेसिस्टेंट टेक्नोलॉजी होती है, वे भी पानी से हुए नुकसान को वारंटी में शामिल नहीं करतीं।
उदाहरण के लिए, Apple की आधिकारिक वारंटी पॉलिसी में लिखा होता है कि उनका standard limited warranty या AppleCare+ पानी से हुए किसी भी तरह के डैमेज को कवर नहीं करता। इसी तरह Samsung की गाइडलाइन में भी यह स्पष्ट है कि IP रेटिंग का मतलब पूर्ण सुरक्षा नहीं होती।
IP रेटिंग का मतलब क्या है?
कई स्मार्टफोन्स में IP Rating दी जाती है, जैसे कि IP67 या IP68, जो यह दर्शाती है कि डिवाइस कुछ समय तक पानी और धूल से सुरक्षित रह सकता है। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं कि फोन पूरी तरह से वाटरप्रूफ है। यह सिर्फ एक लेवल तक पानी के संपर्क को सह सकता है, जैसे कुछ सेकंड के लिए हल्की बारिश या छींटें।
अगर फोन को पानी में पूरी तरह से डुबो दिया गया या पानी उसके अंदर चला गया, तो इससे होने वाला नुकसान वारंटी में शामिल नहीं होगा। यानी अगर आप यह सोचकर निश्चिंत हैं कि आपका फोन वाटरप्रूफ है और वारंटी आपकी रक्षा करेगी, तो यह धारणा गलत है।
एक्सीडेंटल डैमेज पर भी नहीं मिलती वारंटी
वारंटी पॉलिसी में आमतौर पर accidental damage यानी दुर्घटनावश हुए नुकसान को भी शामिल नहीं किया जाता। चाहे फोन गिरकर टूट जाए या पानी में गिर जाए, इन मामलों में कंपनियां वारंटी क्लेम रिजेक्ट कर देती हैं। यदि आप किसी विशेष प्रकार की सुरक्षा चाहते हैं, तो इसके लिए अलग से मोबाइल इंश्योरेंस कराना पड़ता है।
स्मार्टफोन इंश्योरेंस है विकल्प
जैसे life insurance, health insurance, और vehicle insurance होता है, उसी तरह अब मोबाइल का भी इंश्योरेंस किया जा सकता है। कई बीमा कंपनियां मोबाइल के लिए अलग पॉलिसी देती हैं, जिसमें चोरी, पानी से नुकसान, फिजिकल डैमेज आदि को कवर किया जाता है। इस इंश्योरेंस के लिए यूज़र को एक तय प्रीमियम भरना होता है और जरूरत पड़ने पर कंपनी क्लेम प्रोसेस के तहत भुगतान करती है।
यानी अगर आपने अपने फोन का बीमा करवाया है और वह पानी में खराब हो गया, तो आपको नुकसान की भरपाई मिल सकती है। हालांकि, यह ध्यान देना जरूरी है कि बीमा और वारंटी दोनों अलग-अलग चीजें हैं और इनकी शर्तें भी अलग होती हैं।
एक्सटेंडेड वारंटी में भी पानी से नुकसान शामिल नहीं
कुछ कंपनियां अपने ग्राहकों को extended warranty का विकल्प भी देती हैं, जिसमें वारंटी की अवधि बढ़ा दी जाती है। हालांकि, इसमें भी पानी या नमी से हुए नुकसान को शामिल नहीं किया जाता। एक्सटेंडेड वारंटी का उद्देश्य सिर्फ हार्डवेयर डिफेक्ट्स या मैन्युफैक्चरिंग इशू को कवर करना होता है।
किस स्थिति में किया जा सकता है क्लेम?
यदि आपने अपने फोन पर बीमा पॉलिसी ली है और फोन में पानी से डैमेज हुआ है, तो आप उस बीमा के तहत क्लेम कर सकते हैं। लेकिन अगर आपके पास केवल कंपनी की स्टैंडर्ड वारंटी है, तो पानी से हुए नुकसान को कवर नहीं किया जाएगा। ऐसे में आपको रिपेयर का पूरा खर्च खुद उठाना पड़ेगा।