अब नहीं कटेगा चालान! इन मोबाइल ऐप्स से पाएं डिजिटल ड्राइविंग लाइसेंस – जेब में रखने की जरूरत खत्म

अब ड्राइविंग के लिए जेब में लाइसेंस रखने की जरूरत नहीं! भारत सरकार के इन दो सरकारी ऐप्स की मदद से आप बिना कागज़ के भी सड़क पर बेफिक्र होकर वाहन चला सकते हैं। जानिए कैसे DigiLocker और mParivahan ऐप्स बनेंगे आपके डिजिटल दस्तावेजों के सुपरहीरो – और कैसे ये आपको चालान से बचा सकते हैं

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Written byRohit Kumar

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अब नहीं कटेगा चालान! इन मोबाइल ऐप्स से पाएं डिजिटल ड्राइविंग लाइसेंस – जेब में रखने की जरूरत खत्म
अब नहीं कटेगा चालान! इन मोबाइल ऐप्स से पाएं डिजिटल ड्राइविंग लाइसेंस – जेब में रखने की जरूरत खत्म

ड्राइविंग के दौरान अक्सर लोगों को चालान कटने का डर रहता है, खासकर तब जब वह जरूरी दस्तावेज जैसे कि ड्राइविंग लाइसेंस अपने साथ नहीं रखते। हालांकि अब तकनीक की मदद से यह डर काफी हद तक खत्म हो गया है। अगर आपके पास स्मार्टफोन है और उसमें कुछ जरूरी सरकारी ऐप्स जैसे DigiLocker और mParivahan इंस्टॉल हैं, तो आपको जेब में ड्राइविंग लाइसेंस रखने की जरूरत नहीं। इन ऐप्स के जरिए आप डिजिटल रूप में अपना लाइसेंस दिखा सकते हैं और ट्रैफिक पुलिस चालान नहीं काटेगी।

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DigiLocker ऐप से डिजिटल दस्तावेज मान्य हैं

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DigiLocker भारत सरकार की एक आधिकारिक ऐप है, जिसे Ministry of Electronics and IT द्वारा लॉन्च किया गया है। यह ऐप नागरिकों को उनके जरूरी दस्तावेज डिजिटल रूप में स्टोर करने की सुविधा देता है। इसमें ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे कई दस्तावेज डिजिटल रूप में सुरक्षित रखे जा सकते हैं।

सरकार ने साफ किया है कि DigiLocker में उपलब्ध दस्तावेज भौतिक यानी फिजिकल कॉपी की तरह ही मान्य हैं। यदि ट्रैफिक पुलिस आपको रोकती है और आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस की फिजिकल कॉपी नहीं है, लेकिन आप DigiLocker में वह दिखाते हैं, तो चालान नहीं काटा जाएगा।

mParivahan ऐप भी है उपयोगी विकल्प

mParivahan ऐप भी भारत सरकार की एक पहल है, जिसे Ministry of Road Transport and Highways (MoRTH) द्वारा विकसित किया गया है। इस ऐप के माध्यम से वाहन और ड्राइविंग लाइसेंस की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

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यह ऐप वाहन नंबर डालते ही उसका रजिस्ट्रेशन डिटेल्स, मालिक का नाम, इंश्योरेंस की वैधता और फिटनेस डिटेल्स जैसे डेटा दिखा देता है। ड्राइविंग लाइसेंस नंबर डालने पर उस लाइसेंस की स्थिति, वैधता और अन्य डिटेल्स सामने आ जाती हैं। ट्रैफिक पुलिस इसे पूरी तरह वैध मानती है।

मोटर वाहन अधिनियम में डिजिटल दस्तावेजों को मिली मान्यता

भारत सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) में संशोधन कर 2018 में एक नया नियम शामिल किया था, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि DigiLocker या mParivahan में उपलब्ध दस्तावेज वैध हैं।

Ministry of Road Transport and Highways द्वारा जारी एक गाइडलाइन में कहा गया है कि यदि कोई वाहन चालक डिजिटल रूप में दस्तावेज दिखाता है, तो ट्रैफिक पुलिस या किसी भी जांच अधिकारी को उसे स्वीकार करना होगा।

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डिजिटल दस्तावेज दिखाने में बरतें ये सावधानियां

हालांकि डिजिटल दस्तावेज दिखाने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है।

सबसे पहले, आपके मोबाइल में DigiLocker या mParivahan ऐप सही तरीके से इंस्टॉल होना चाहिए और उसमें दस्तावेज पहले से लिंक होने चाहिए। कई बार लोग ऐन वक्त पर ऐप खोलते हैं और नेटवर्क समस्या की वजह से डॉक्यूमेंट नहीं खुलते, जिससे परेशानी हो सकती है।

दूसरी बात यह है कि दस्तावेज स्पष्ट और अपडेटेड हों। कोई भी एक्सपायर्ड ड्राइविंग लाइसेंस या वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिखाने से चालान कट सकता है।

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स्मार्टफोन और डिजिटल सुविधा का सही उपयोग करें

आज लगभग हर किसी के पास स्मार्टफोन है। टेक्नोलॉजी का यह उपयोग न केवल कागज के दस्तावेजों को ढोने की झंझट को कम करता है, बल्कि ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए आधुनिक और डिजिटल भारत की ओर एक बड़ा कदम भी है।

यदि आपने अभी तक DigiLocker और mParivahan ऐप डाउनलोड नहीं किए हैं, तो आज ही कर लें। यह न केवल आपकी सुविधा के लिए जरूरी है, बल्कि कानून के अनुरूप भी है।

यह भी ध्यान रखें

ट्रैफिक पुलिस को यदि किसी दस्तावेज की सत्यता पर शक होता है, तो वे आपके डिजिटल दस्तावेज की जांच कर सकते हैं। इसलिए हमेशा ओरिजिनल डेटा ही अपलोड करें और गलत जानकारी देने से बचें।

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