
अगर किसी Public Provident Fund (PPF) अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है और उसने किसी नॉमिनी का नाम नहीं दिया होता है, तो उसके खाते में जमा रकम उसके कानूनी उत्तराधिकारियों या परिजनों को मिल सकती है। ऐसे मामलों में डेथ क्लेम प्रोसेस को पूरा करना अनिवार्य होता है। बिना नॉमिनी वाले PPF अकाउंट से पैसे का क्लेम करने के लिए कुछ जरूरी प्रक्रियाएं होती हैं, जिनका पालन करना होता है।
बिना नॉमिनी वाले PPF अकाउंट से पैसे निकालने के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य है। जरूरी दस्तावेजों के साथ सही फॉर्म भरकर सबमिट करने पर बैंक या पोस्ट ऑफिस द्वारा वेरिफिकेशन के बाद राशि का निपटारा कर दिया जाता है। अगर राशि अधिक है तो कानूनी प्रमाणपत्रों की आवश्यकता होती है। इसलिए, अगर आपके पास PPF खाता है और आपने अभी तक नॉमिनी नहीं जोड़ा है, तो जल्द से जल्द नॉमिनी जोड़ने की सलाह दी जाती है ताकि भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके।
यह भी देखें: Delhi Schools Alert: भीषण गर्मी में स्कूलों के लिए आई नई गाइडलाइन – जानिए क्या-क्या बदलेगा
PPF अकाउंट में जमा राशि का पता लगाना जरूरी
सबसे पहले कानूनी वारिसों को यह जानना जरूरी है कि मृतक के PPF खाते में कितनी राशि जमा है। यदि अकाउंट में 1 लाख रुपये से कम रकम है, तो क्लेम प्रक्रिया अपेक्षाकृत सरल होती है। लेकिन अगर जमा राशि 1 लाख रुपये से अधिक है, तो कानूनी दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है। बैंक या पोस्ट ऑफिस से खाते की शेष राशि की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
डेथ सर्टिफिकेट की आवश्यकता
बिना नॉमिनी वाले PPF अकाउंट पर दावा करने के लिए मृतक का डेथ सर्टिफिकेट आवश्यक होता है। डेथ सर्टिफिकेट स्थानीय नगर निगम, नगरपालिका या पंचायत से प्राप्त किया जा सकता है। इसे PPF अकाउंट से जुड़े बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा करना अनिवार्य होता है ताकि दावा प्रक्रिया आगे बढ़ सके।
फॉर्म G भरकर करना होगा सबमिशन
PPF खाते से पैसा क्लेम करने के लिए कानूनी वारिस को फॉर्म G भरना पड़ता है। इस फॉर्म में मृतक की जानकारी, दावेदार और मृतक के रिश्ते का विवरण, आधार कार्ड, पैन कार्ड और पता प्रमाण जैसे जरूरी दस्तावेज संलग्न करने होते हैं। फॉर्म G को सही तरीके से भरने के बाद बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा करना होता है।
यह भी देखें: RBSE 5th, 8th Result 2025: रिजल्ट डेट और मार्कशीट डाउनलोड करने का सबसे आसान तरीका जानें
वेरिफिकेशन और ट्रांसफर की प्रक्रिया
फॉर्म G और अन्य दस्तावेजों के सबमिशन के बाद संबंधित बैंक या पोस्ट ऑफिस दस्तावेजों की जांच करता है। अगर सभी दस्तावेज सही पाए जाते हैं, तो वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद PPF अकाउंट में जमा पूरी राशि को कानूनी वारिस या परिजन के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
जब क्लेम अमाउंट 1 लाख रुपये से अधिक हो
अगर PPF खाते में 1 लाख रुपये से ज्यादा की राशि है, तो दावेदार को उत्तराधिकार प्रमाणपत्र (Succession Certificate) प्रस्तुत करना आवश्यक होता है। यह प्रमाणपत्र बताता है कि मृतक के कानूनी वारिस कौन हैं। अगर मृतक ने वसीयत छोड़ी है, तो Letter of Administration प्राप्त करना पड़ता है, जो संपत्ति के प्रबंधन और वितरण का अधिकार प्रदान करता है। ये दस्तावेज संबंधित सिविल कोर्ट से प्राप्त किए जाते हैं।
यह भी देखें: UGC New Rules 2025: अब UG और PG कोर्स की पढ़ाई होगी और आसान! जानिए क्या होंगे नए बदलाव
PPF Extension Rules: मैच्योरिटी के बाद खाते को कैसे एक्सटेंड कर सकते हैं
PPF खाते की मैच्योरिटी के बाद भी इसे 5-5 साल की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए मैच्योरिटी पर फॉर्म H भरकर संबंधित बैंक या पोस्ट ऑफिस में सबमिट करना होता है। एक्सटेंशन की प्रक्रिया बिना अतिरिक्त निवेश के भी हो सकती है या फिर निवेश जारी रखते हुए भी किया जा सकता है।