
आज के समय में जब रियल एस्टेट सेक्टर लगातार विकास कर रहा है, तो महिलाओं के नाम पर संपत्ति खरीदना (Property Purchase in Women’s Name) एक बेहद फायदेमंद सौदा साबित हो सकता है। भारत सरकार भी महिलाओं को संपत्ति खरीदने के लिए विभिन्न रियायतें और प्रोत्साहन देती है। अगर आप टैक्स (Tax Saving) बचाने, स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty) कम कराने या होम लोन (Home Loan) पर लाभ उठाने की योजना बना रहे हैं, तो महिलाओं के नाम पर घर खरीदना आपके लिए एक समझदारी भरा निर्णय हो सकता है। आइए जानते हैं, महिलाओं के नाम पर घर खरीदने से मिलने वाले बड़े फायदे और टैक्स बचाने के तरीके।
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स्टांप ड्यूटी पर मिलती है छूट
जब आप संपत्ति का पंजीकरण (Property Registration) कराते हैं, तो एक महत्वपूर्ण खर्च स्टांप ड्यूटी होती है। देश के कई राज्यों में अगर घर महिला के नाम पर खरीदा जाता है, तो स्टांप ड्यूटी पर 1% से 2% तक की छूट मिलती है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में पुरुषों के लिए स्टांप ड्यूटी 6% है, जबकि महिलाओं के लिए केवल 4% है। इसी तरह उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों में भी महिलाओं को स्टांप ड्यूटी पर विशेष रियायत मिलती है। इस छूट से लाखों रुपये की बचत संभव है।
होम लोन पर मिलती है ब्याज दर में छूट
अगर घर महिला के नाम पर खरीदा जाता है और होम लोन (Home Loan for Women) लिया जाता है, तो बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां महिलाओं को ब्याज दर (Interest Rate) में 0.05% से 0.10% तक की छूट देती हैं। भले ही यह छूट मामूली प्रतीत हो, लेकिन लंबे समय में इससे भारी बचत होती है। उदाहरण के लिए, 30 लाख रुपये के होम लोन पर ब्याज दर में 0.10% की छूट से पूरे लोन कार्यकाल में हजारों रुपये बचाए जा सकते हैं।
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टैक्स में मिलता है अतिरिक्त लाभ
महिलाओं के नाम पर घर होने पर आयकर कानून के तहत कुछ अतिरिक्त टैक्स लाभ (Tax Benefits on Home Loan) भी उठाए जा सकते हैं। होम लोन के तहत महिलाओं को ब्याज भुगतान पर धारा 24(b) के तहत 2 लाख रुपये तक और मूलधन पर धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती (Tax Deduction) मिलती है। यदि घर संयुक्त स्वामित्व (Joint Ownership) में है, तो दोनों पति-पत्नी अलग-अलग इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में टैक्स लाभ का दावा कर सकते हैं, जिससे कुल टैक्स बचत काफी बढ़ सकती है।
संपत्ति पर महिला का स्वामित्व बढ़ाता है सामाजिक सुरक्षा
महिलाओं के नाम पर संपत्ति होना न केवल आर्थिक रूप से उन्हें सशक्त बनाता है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी सुरक्षा प्रदान करता है। सरकार की विभिन्न योजनाओं में महिलाओं के नाम पर संपत्ति होने से उन्हें विशेष प्राथमिकता और लाभ मिलते हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की संपत्ति स्वामित्व बढ़ाने के लिए सरकार विभिन्न सब्सिडी और प्रोत्साहन योजनाएं भी चला रही है, जिससे महिलाओं का आत्मनिर्भरता में योगदान बढ़ रहा है।
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महिलाओं के नाम पर संपत्ति खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें
हालांकि महिलाओं के नाम पर संपत्ति खरीदने से कई लाभ मिलते हैं, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना जरूरी है। यदि संपत्ति के लिए होम लोन लिया जा रहा है, तो महिला को सह-आवेदक (Co-Applicant) या मुख्य आवेदक (Primary Applicant) होना चाहिए। इसके अलावा, टैक्स लाभ उठाने के लिए महिला का आयकर दाता (Taxpayer) होना भी जरूरी है। यदि केवल नाम के लिए संपत्ति महिला के नाम पर की जाती है लेकिन वित्तीय योगदान नहीं होता, तो टैक्स छूट पर असर पड़ सकता है।