सरकारी सब्सिडी के साथ खोलें जन औषधि केंद्र – हर महीने लाखों की कमाई का मौका! जानें कैसे पाएं लाइसेंस

अगर आप नौकरी की तलाश में हैं या खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो जन औषधि केंद्र खोलना बन सकता है आपकी किस्मत बदलने वाला कदम। जानिए कैसे मिलेगी लाइसेंस की मंजूरी और क्या हैं सरकार की योजनाएं पूरी जानकारी आगे पढ़ें।

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Written byRohit Kumar

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सरकारी सब्सिडी के साथ खोलें जन औषधि केंद्र – हर महीने लाखों की कमाई का मौका! जानें कैसे पाएं लाइसेंस
सरकारी सब्सिडी के साथ खोलें जन औषधि केंद्र – हर महीने लाखों की कमाई का मौका! जानें कैसे पाएं लाइसेंस

लखनऊ: अगर आप फार्मा सेक्टर में कम लागत पर एक लाभकारी बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र (Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi Kendra) खोलना आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह केंद्र जेनेरिक दवाइयों (Generic Medicines) को सस्ती दरों पर आम जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू किए गए हैं। जेनेरिक दवाइयों की मांग में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है और सरकार की ओर से इसे बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया और वित्तीय सहायता

खाद्य एवं सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) के ड्रग्स इंस्पेक्टर संदेश मौर्या ने बताया कि जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। इच्छुक आवेदकों को http://janaushadhi.gov.in/ पर जाकर आवेदन करना होगा। सरकार की ओर से जन औषधि केंद्र संचालकों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। मासिक खरीद पर 20% की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जिसकी अधिकतम सीमा ₹20,000 प्रति माह निर्धारित की गई है।

विशेष वर्गों को अतिरिक्त सहायता

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महिला उद्यमियों, दिव्यांगजन, अनुसूचित जाति/जनजाति, भूतपूर्व सैनिक, उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालयी क्षेत्रों, द्वीप समूहों एवं आकांक्षी जिलों के आवेदकों को सरकार की ओर से ₹2.00 लाख तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाती है। यह सहायता एकमुश्त रूप में आईटी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति के तौर पर दी जाती है।

पात्रता और जरूरी योग्यता

ड्रग्स इंस्पेक्टर मौर्या के अनुसार, जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदक के पास D.Pharma या B.Pharma की डिग्री होनी चाहिए। यदि आवेदक के पास यह डिग्री नहीं है, तो वह किसी योग्य फार्मासिस्ट को नियुक्त कर सकता है। यह प्रमाणपत्र आवेदन के समय या लाइसेंस की अंतिम स्वीकृति के दौरान प्रस्तुत करना अनिवार्य है। सरकारी अस्पतालों या मेडिकल कॉलेजों में केंद्र खोलने के लिए संबंधित संस्थान की अनुशंसा आवश्यक होती है।

स्थान और अन्य भौतिक आवश्यकताएं

केंद्र खोलने के लिए कम से कम 120 वर्ग फुट जगह की आवश्यकता होती है। यह जगह आवेदक की अपनी या किराए पर ली गई हो सकती है, लेकिन इसकी व्यवस्था स्वयं आवेदक को करनी होगी। पीएमबीआई (PMBI) इस प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप नहीं करता। इसके अलावा, आवेदन करते समय आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक स्टेटमेंट, ऑनरशिप प्रूफ या रेंट एग्रीमेंट जैसे दस्तावेज़ अनिवार्य हैं।

आवेदन शुल्क और छूट

जन औषधि केंद्र के लिए आवेदन शुल्क ₹5,000 है जो कि रिफंडेबल नहीं होता। हालांकि, यदि आवेदक महिला, दिव्यांग, अनुसूचित जाति/जनजाति से है या आकांक्षी जिलों एवं विशेष क्षेत्रों से है, तो उसे आवेदन शुल्क में छूट मिलती है। इसके लिए वैध प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।

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बढ़ रही है जेनेरिक दवाओं की मांग

भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अंतर्गत औषध विभाग द्वारा चलाई जा रही इस योजना का उद्देश्य देशभर में सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराना है। ड्रग्स इंस्पेक्टर ने बताया कि जेनेरिक दवाइयां ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50-90% तक सस्ती होती हैं, जबकि इनका चिकित्सीय असर बिल्कुल समान होता है।

जन औषधि केंद्रों में उपलब्ध दवाएं और उत्पाद

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के अंतर्गत वर्तमान में 2,110 प्रकार की दवाएं और 315 प्रकार के सर्जिकल उपकरण उपलब्ध हैं। इसके अलावा प्रोटीन पाउडर, माल्ट-बेस्ड फूड सप्लीमेंट्स जैसे न्यूट्रास्यूटिकल उत्पाद भी केंद्रों पर मिलते हैं। कुछ आयुर्वेदिक उत्पाद जैसे च्यवनप्राश, त्रिफला एवं शिलाजीत भी शामिल किए गए हैं।

वितरण और आपूर्ति व्यवस्था

जन औषधि केंद्रों पर दवाइयों की सप्लाई डब्लूएचओ-जीएमपी (WHO-GMP) सर्टिफाइड कंपनियों से होती है। इन दवाइयों को देशभर में पहुंचाने के लिए केंद्रीय गोदाम (गुरुग्राम) और क्षेत्रीय गोदाम (गुवाहाटी, चेन्नई, सूरत, बेंगलुरू) बनाए गए हैं, जिनका कुल भंडारण क्षेत्रफल करीब 2,15,000 वर्ग फुट है। साथ ही, देशभर में 36 डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त किए गए हैं, जो इन केंद्रों को समय पर दवाएं मुहैया कराते हैं।

डिजिटल प्रणाली से जुड़ा नेटवर्क

सभी गोदाम, डिस्ट्रीब्यूटर और जन औषधि केंद्र एक एसएपी आधारित सॉफ्टवेयर सिस्टम से जुड़े हुए हैं। साथ ही, हर केंद्र पर पॉइंट ऑफ सेल (POS) सॉफ्टवेयर लगाया गया है जिससे दवाओं की बिक्री और स्टॉक की निगरानी की जा सके। इससे पारदर्शिता और आपूर्ति श्रृंखला की विश्वसनीयता बनी रहती है।

सरकार का लक्ष्य और भविष्य की योजना

भारत सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2027 तक देशभर में 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का है। अब दो केंद्रों के बीच की न्यूनतम दूरी को 1.5 किमी से घटाकर 1 किमी कर दिया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल सके। इस योजना के माध्यम से सरकार न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को किफायती बना रही है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रही है।

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