Gemini AI for Kids: अब 13 साल से कम उम्र के बच्चे भी चला सकेंगे Gemini AI, गूगल ने पैरेंट्स को दी खास सलाह

Google ने बड़ा कदम उठाते हुए अपने पावरफुल Gemini AI ऐप को अब 13 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी खोल दिया है—but with a twist! पैरेंट्स के लिए आया नया कंट्रोल फीचर। जानें कैसे आपका बच्चा भी अब AI चैटबॉट्स से करेगा बातें, और क्या हैं इससे जुड़ी सुरक्षा चेतावनियाँ

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Written byRohit Kumar

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Gemini AI for Kids: अब 13 साल से कम उम्र के बच्चे भी चला सकेंगे Gemini AI, गूगल ने पैरेंट्स को दी खास सलाह
Gemini AI for Kids: अब 13 साल से कम उम्र के बच्चे भी चला सकेंगे Gemini AI, गूगल ने पैरेंट्स को दी खास सलाह

अब 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भी Google Gemini AI ऐप्स का इस्तेमाल कर सकेंगे। गूगल ने अपने इस निर्णय को Family Link parental control फीचर के तहत पेश किया है, ताकि माता-पिता बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नियंत्रण रख सकें। यह सुविधा उन एंड्रॉयड डिवाइसेज़ के लिए होगी जो पैरेंटल कंट्रोल के साथ मैनेज की जा रही हैं।

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इस कदम से अब कम उम्र के यूज़र्स भी Generative AI आधारित टूल्स और चैटबॉट्स तक पहुंच बना सकेंगे। लेकिन इसके साथ ही गूगल ने पैरेंट्स को कुछ महत्वपूर्ण सलाहें भी दी हैं, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

पैरेंट्स के नियंत्रण में रहेगा बच्चों का AI एक्सेस

गूगल ने कहा है कि यह सुविधा विशेष रूप से उन बच्चों के लिए है जिनके डिवाइस फैमिली लिंक (Family Link) से जुड़े हुए हैं। इस सेवा के ज़रिए माता-पिता तय कर सकेंगे कि उनके बच्चे किस प्रकार की AI सेवाओं तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं।

फैमिली लिंक के जरिए पैरेंट्स बच्चों के स्क्रीन टाइम को मैनेज करने, ऐप्स को एक्सेस देने या ब्लॉक करने और लोकेशन ट्रैक करने जैसी सुविधाओं का लाभ पहले से ही उठा रहे हैं। अब इसमें Gemini AI app का विकल्प भी जोड़ा गया है।

बच्चों को Gemini AI से कैसे जोड़ा जाएगा?

13 साल से कम उम्र के बच्चे जब Android डिवाइस पर Gemini AI ऐप को एक्सेस करेंगे, तो यह ऐप उनके फैमिली लिंक अकाउंट से जुड़ा रहेगा। इससे माता-पिता को यह नियंत्रण मिलेगा कि बच्चा किस प्रकार की जानकारी Gemini के साथ साझा कर रहा है और किन सेवाओं का उपयोग कर रहा है।

गूगल का उद्देश्य है कि बच्चे AI से जुड़ी तकनीक को सुरक्षित तरीके से सीख सकें, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पैरेंट्स जागरूक और सतर्क रहें।

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चैटबॉट के साथ संवेदनशील जानकारी साझा न करें

Google ने यह स्पष्ट किया है कि चाहे AI कितना भी उन्नत हो, लेकिन संवेदनशील जानकारी (Sensitive Information) जैसे नाम, पता, फोन नंबर, बैंक डिटेल्स आदि किसी भी स्थिति में Gemini चैटबॉट या अन्य AI सेवाओं के साथ साझा न की जाए।

यह चेतावनी खासकर बच्चों के लिए और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि वे अभी सीखने की अवस्था में होते हैं और अनजाने में निजी जानकारी शेयर कर सकते हैं। इसलिए माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को AI के सुरक्षित उपयोग की जानकारी दें।

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गूगल की जिम्मेदारी और चेतावनी

गूगल ने इस सुविधा को लॉन्च करने से पहले यह भी कहा है कि कंपनी AI के उपयोग में पारदर्शिता और सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। लेकिन इसके बावजूद गूगल ने स्पष्ट किया है कि अंतिम जिम्मेदारी यूज़र यानी बच्चों और उनके पैरेंट्स की होगी कि वे AI का सही तरीके से उपयोग करें।

इसके अलावा, गूगल ने यह भी कहा है कि वह बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने AI मॉडल्स को कंटीन्यूअस मॉनिटरिंग और अपडेट्स के जरिए बेहतर बनाता रहेगा।

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एआई का सही उपयोग बच्चों के लिए वरदान बन सकता है

अगर सही दिशा में गाइड किया जाए तो Gemini AI App जैसे टूल्स बच्चों के लिए ज्ञान, रचनात्मकता और समस्या समाधान की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। बच्चे AI से भाषा सीख सकते हैं, गणित के सवाल हल कर सकते हैं, कहानियाँ लिख सकते हैं या किसी प्रोजेक्ट पर विचार ले सकते हैं।

परन्तु इसके लिए ज़रूरी है कि पैरेंट्स खुद AI के बेसिक सिद्धांतों और उसके प्रयोग को समझें ताकि वे बच्चों को सही मार्गदर्शन दे सकें।

क्या यह कदम भविष्य में और बदलाव लाएगा?

Google के इस कदम को टेक्नोलॉजी सेक्टर में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले AI टूल्स पर बच्चों की पहुंच सीमित थी, लेकिन अब गूगल जैसे दिग्गज प्लेटफॉर्म्स बच्चों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने के नए रास्ते खोल रहे हैं।

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इसका असर आने वाले वर्षों में शिक्षा, सीखने की प्रक्रिया और बच्चों की सोचने की क्षमता पर भी पड़ेगा। हालांकि इसके साथ-साथ डाटा प्राइवेसी, सिक्योरिटी और एथिक्स को लेकर भी सवाल उठाए जाते रहेंगे।

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