
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले ने एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी है। इस हमले के बाद देशवासियों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि युद्ध की स्थिति में भारतीय सेना (Indian Army) कितनी ताकतवर है और वह दुश्मन देशों से निपटने में कितनी सक्षम है। भारत की थलसेना, वायुसेना और नौसेना—तीनों अंग आधुनिक हथियारों, उन्नत तकनीक और रणनीतिक क्षमताओं से लैस हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि वर्तमान समय में भारतीय सेना की शक्ति कितनी है, उसका वैश्विक रैंकिंग क्या है और वह किस प्रकार देश की सीमाओं की रक्षा करती है।
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हालांकि पहलगाम जैसे हमले चिंता का विषय हैं, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय सेना युद्ध की स्थिति में न केवल सक्षम है, बल्कि किसी भी प्रकार के खतरे का जवाब देने में पूरी तरह तैयार है। उसकी ताकत केवल हथियारों में नहीं, बल्कि रणनीति, अनुभव और आत्मबल में भी है। आने वाले वर्षों में रक्षा क्षेत्र में इंडिजेनाइजेशन और टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट भारतीय सेना को और अधिक ताकतवर बनाएंगे।
भारतीय सेना का आकार और संरचना
भारतीय सेना दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थलसेना है। इसमें लगभग 12 लाख एक्टिव सैनिक (Active Soldiers) और 9.6 लाख रिजर्व फोर्सेस (Reserve Forces) शामिल हैं। सेना की तीन मुख्य शाखाएं हैं—थलसेना (Indian Army), वायुसेना (Indian Air Force) और नौसेना (Indian Navy)। इसके अलावा स्पेशल फोर्सेज, जैसे पैरा स्पेशल फोर्स, मार्कोस और गरुड़ कमांडोज़ भी शामिल हैं, जो हाई-रिस्क ऑपरेशंस में तैनात किए जाते हैं।
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वैश्विक रैंकिंग में भारत की स्थिति
Global Firepower Index 2024 के अनुसार, भारत दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली सैन्य शक्ति है। अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत का स्थान है। भारत की सैन्य ताकत का आंकलन उसके सैन्य बजट, हथियारों, सैन्यकर्मियों की संख्या, परमाणु शक्ति और लॉजिस्टिक क्षमताओं के आधार पर किया जाता है।
आधुनिक हथियार और तकनीक
भारतीय सेना ने हाल के वर्षों में अपनी ताकत को कई आधुनिक उपकरणों और हथियार प्रणालियों से लैस किया है। इसमें राफेल (Rafale) लड़ाकू विमान, एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम (S-400 Missile Defense System), अपाचे हेलीकॉप्टर (Apache Helicopter), अर्जुन टैंक, तेजस (Tejas) फाइटर जेट और ब्रह्मोस मिसाइल शामिल हैं।
इसके अलावा, भारतीय सेना अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ड्रोन तकनीक, सैटेलाइट निगरानी और साइबर डिफेंस सिस्टम को भी तेजी से अपना रही है। इससे सेना की निगरानी, टोही और रियल-टाइम रेस्पॉन्स क्षमता में वृद्धि हुई है।
भारत की परमाणु शक्ति
भारत एक घोषित परमाणु शक्ति संपन्न देश है। देश की ‘नो फर्स्ट यूज़’ (No First Use) नीति के तहत भारत पहले परमाणु हमला नहीं करता, लेकिन जवाबी कार्रवाई में सक्षम है। भारत के पास ट्रायड आधारित न्यूक्लियर सिस्टम है—यानि थल, जल और नभ से परमाणु हमला करने की क्षमता है।
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दुश्मन देशों के मुकाबले भारत की शक्ति
पाकिस्तान और चीन भारत के प्रमुख दुश्मन माने जाते हैं। पाकिस्तान की तुलना में भारतीय सेना कहीं अधिक सुसज्जित, प्रशिक्षित और आधुनिक है। चीन के मुकाबले भारत की सेना आकार में छोटी हो सकती है, लेकिन भारत की रणनीतिक स्थिति, उच्च हिमालयी युद्ध अनुभव, और नवीनतम सैन्य समझौते इसे बराबरी पर खड़ा करते हैं।
भारत की हाल की सैन्य रणनीति ‘थियेटर कमांड्स’ की दिशा में बढ़ रही है जिससे तीनों सेनाएं एकीकृत रूप से युद्ध कर सकेंगी। इसके अलावा भारत क्वाड (QUAD) जैसे सामरिक समूहों का भी हिस्सा है, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उसकी स्थिति को मजबूत करता है।
सैन्य बजट और रक्षा क्षेत्र में निवेश
भारत का रक्षा बजट 2024-25 में ₹6.2 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है, जो कि GDP का लगभग 2% है। इसमें से अधिक राशि थलसेना और वायुसेना के आधुनिकीकरण तथा इंडिजेनस डिफेंस प्रोडक्शन को बढ़ावा देने में लगाई जा रही है। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादों का निर्माण बढ़ा है, जिसमें लड़ाकू विमान, ड्रोन, गन सिस्टम और रडार शामिल हैं।
भारतीय सेना की युद्ध तैयारियां
भारतीय सेना नियमित रूप से युद्धाभ्यास और सैन्य ड्रिल्स करती है, जिनमें ‘सूर्य किरण’, ‘गगन शक्ति’ और ‘युद्ध अभ्यास’ जैसे नाम शामिल हैं। इसके अलावा भारत अमेरिका, रूस, फ्रांस और इजरायल जैसे देशों के साथ संयुक्त अभ्यास करता है जिससे सैनिकों को अंतरराष्ट्रीय रणनीति और तकनीक का अनुभव होता है।
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सीमाओं पर तैनाती और सुरक्षा उपाय
भारत की उत्तरी सीमा चीन और पश्चिमी सीमा पाकिस्तान से सटी है, जो हमेशा संवेदनशील रहती है। गलवान झड़प के बाद भारत ने LAC पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है। इसी तरह LOC पर भी स्मार्ट फेंसिंग, सर्विलांस ड्रोन और नाइट विजन उपकरणों से निगरानी की जा रही है। कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए सेना, CRPF और पुलिस संयुक्त रूप से काम कर रही हैं।