
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 100 और 200 रुपए के नोट को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जो आम जनता की रोजमर्रा की समस्याओं को काफी हद तक आसान बना सकता है। अब तक अधिकतर एटीएम से केवल 500 रुपए के नोट ही निकलते थे, जिसके चलते छोटे लेन-देन और छुट्टे पैसों की कमी एक बड़ी परेशानी बन चुकी थी। लेकिन अब आरबीआई के नए आदेश के बाद यह स्थिति बदलने जा रही है।
एटीएम से अब मिलेंगे 100 और 200 रुपए के नोट
RBI ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि देश भर के सभी ATM (एटीएम) से आने वाले समय में 100 और 200 रुपए के नोट ही निकलने चाहिए। इसके पीछे प्रमुख कारण है कि आम जनता को छोटे नोटों की अधिक जरूरत होती है, खासकर तब जब दुकानदार UPI या डिजिटल पेमेंट का हवाला देकर छुट्टे पैसे देने से मना कर देते हैं।
आरबीआई के मुताबिक, यह निर्णय लोगों की सुविधा के मद्देनजर लिया गया है ताकि खुदरा भुगतान के लिए उन्हें बार-बार असुविधा का सामना न करना पड़े। छोटे दुकानदारों, सब्जी विक्रेताओं और ट्रांसपोर्ट सर्विसेज के क्षेत्र में भी छोटे नोटों की मांग हमेशा बनी रहती है।
सभी बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर्स को जारी किए गए पत्र
RBI ने इस संबंध में एक औपचारिक पत्र देश के सभी बैंकों और व्हाइट लेबल ATM ऑपरेटर्स को भेजा है। इसमें निर्देशित किया गया है कि वे अपने सभी ATM में 100 और 200 रुपए के नोटों की पर्याप्त व्यवस्था करें। यह व्यवस्था केवल एक अस्थायी कदम नहीं है, बल्कि इसे एक अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में लागू किया जाएगा।
साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि आने वाले समय में किसी भी ग्राहक को एटीएम से केवल बड़े मूल्यवर्ग के नोट ही प्राप्त न हों, जिससे उन्हें छोटे भुगतानों में समस्या हो।
मार्च 2026 तक 90% एटीएम से निकलेंगे केवल छोटे नोट
आरबीआई ने निर्देश में यह भी स्पष्ट किया है कि 31 मार्च 2026 तक सभी एटीएम मशीनों से निकलने वाले कुल नोटों में से कम से कम 90% नोट 100 और 200 रुपए के होने चाहिए। यह एक स्पष्ट लक्ष्य है जिसे सभी बैंक और ATM सेवा प्रदाता को अनिवार्य रूप से पूरा करना होगा।
इस फैसले से खासतौर पर उन लोगों को राहत मिलेगी जो रोजाना नकद लेन-देन करते हैं और बार-बार छुट्टे पैसों की कमी से जूझते हैं।
खुदरा व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होगा यह निर्णय
आरबीआई का यह कदम ना केवल ग्राहकों के लिए बल्कि छोटे दुकानदारों और Retail व्यापार से जुड़े लोगों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा। अक्सर देखा गया है कि ग्राहक जब 500 रुपए के नोट से भुगतान करते हैं तो दुकानदार छुट्टे पैसे नहीं होने की बात कहकर डिजिटल पेमेंट पर ज़ोर देते हैं।
इससे उन लोगों को समस्या होती है जो अभी भी नकद लेन-देन को प्राथमिकता देते हैं या जिनके पास डिजिटल पेमेंट की सुविधा नहीं होती।
डिजिटल इंडिया के साथ नकदी की सुविधा भी जरूरी
जहां एक ओर सरकार और RBI देश को डिजिटल इंडिया और UPI पेमेंट की ओर अग्रसर कर रही है, वहीं दूसरी ओर नकदी का महत्व भी बना हुआ है। भारत जैसे विविधता से भरे देश में हर वर्ग के लिए एक समान सुविधा सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।
आरबीआई का यह संतुलनकारी कदम निश्चित ही नकद और डिजिटल दोनों विकल्पों के बीच सामंजस्य बैठाने में मदद करेगा। इससे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की दिशा में कोई बाधा नहीं आएगी, बल्कि कैश ट्रांजैक्शन की सुविधा भी समान रूप से बनी रहेगी।
ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में होगा खास असर
यह निर्णय खासकर ग्रामीण (Rural India) और अर्ध-शहरी क्षेत्रों (Semi-urban Areas) में बहुत प्रभावी साबित होगा, जहां आज भी अधिकांश लोग नकद लेन-देन को प्राथमिकता देते हैं।
इन क्षेत्रों में एटीएम की संख्या सीमित होती है और जब ये एटीएम सिर्फ 500 रुपए के नोट ही निकालते हैं तो छोटे लेन-देन वाले ग्राहकों को काफी दिक्कत होती है।
अब जब एटीएम से छोटे नोटों की उपलब्धता बढ़ेगी, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी नगद प्रवाह और लेन-देन की गति बढ़ेगी।
बैंकों को करनी होगी तकनीकी तैयारी
इस दिशा में बैंकों को अपने एटीएम मशीनों में तकनीकी सुधार करने की भी आवश्यकता होगी। कई पुरानी मशीनें केवल बड़े मूल्यवर्ग के नोटों के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
RBI ने बैंकों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे अपने ATM मशीनों को तकनीकी रूप से इस लायक बनाएं कि वे 100 और 200 रुपए के नोटों को बिना अटकाव के वितरित कर सकें।
आम जनता को मिलेगा राहत का तोहफा
RBI का यह फैसला निश्चित रूप से देश की आम जनता के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। छोटे नोटों की उपलब्धता बढ़ने से रोजमर्रा के खर्चों में सुविधा होगी और दुकानदारों के साथ टकराव की स्थिति भी कम होगी।
बैंकों और ATM ऑपरेटर्स के लिए यह एक बड़ी ज़िम्मेदारी है, लेकिन यदि इस दिशा में ईमानदारी से काम किया जाए तो यह परिवर्तन व्यापक स्तर पर लाभकारी सिद्ध होगा।