
उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी यातायात को सुचारु बनाने और सड़कों पर बेतरतीब ढंग से खड़े वाहनों की समस्या को सुलझाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में लागू की गई Parking Niyamawali 2025 के तहत अब राज्य के 17 प्रमुख शहरों में घर के बाहर Free Parking की सुविधा खत्म कर दी गई है। इस नई व्यवस्था के अंतर्गत अब कोई भी व्यक्ति अपने घर के बाहर, खाली प्लॉट या सार्वजनिक भूमि पर वाहन खड़ा नहीं कर सकेगा, जब तक कि वह नगर निगम से अनुमति प्राप्त न करे और निर्धारित Parking Fees का भुगतान न करे।
किन 17 शहरों में लागू हुई नई Paid Parking Policy
नगर विकास विभाग की अधिसूचना के अनुसार पहले चरण में यह नई पार्किंग नीति जिन शहरों में लागू की गई है, उनमें शामिल हैं – लखनऊ, कानपुर, अयोध्या, अलीगढ़, आगरा, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, प्रयागराज, फिरोजाबाद, बरेली, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, शाहजहांपुर और सहारनपुर। इन शहरों में अब कोई भी वाहन स्वामी अपनी गाड़ी रातभर घर के बाहर या सड़क किनारे पार्क नहीं कर पाएगा, जब तक वह नियमित Parking Charge अदा न करे।
शहरी विकास की दिशा में बड़ा कदम, खत्म होगा अतिक्रमण
इस नई नीति को हाल ही में UP Cabinet से मंजूरी मिली है। इसका उद्देश्य शहरी सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त कर ट्रैफिक को व्यवस्थित करना है। नगर निगम अब शहरी क्षेत्रों में रात्रिकालीन पार्किंग के लिए निर्दिष्ट स्थान चिन्हित करेगा। त्योहारों और मेलों के दौरान भीड़भाड़ वाले इलाकों में Flyover के नीचे Parking की विशेष अनुमति दी जाएगी, ताकि ट्रैफिक लोड को कम किया जा सके।
हरित क्षेत्रों में नहीं मिलेगी Parking की छूट
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी Green Zone या सार्वजनिक उद्यान के निकट पार्किंग की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि किसी स्थान पर Underground Parking की स्वीकृति मिलती है, तो उस स्थान के ऊपर कम-से-कम 95% हिस्से में हरियाली बनाए रखना अनिवार्य होगा। इस कदम से पर्यावरण-संरक्षण और शहरी सौंदर्यीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
जानिए क्या होगी प्रति घंटे Parking Fees – बड़े और छोटे शहरों के लिए अलग-अलग दरें
नई नीति के तहत अब शहरी क्षेत्रों में पार्किंग के लिए तय शुल्क वसूला जाएगा। जहां 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में पार्किंग दरें ज्यादा होंगी, वहीं छोटे शहरों में ये थोड़ी कम होंगी।
10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में:
दो पहिया वाहन: 1 घंटे के लिए ₹7, 2 घंटे के लिए ₹15, 24 घंटे के लिए ₹57, मासिक पास ₹855।
चार पहिया वाहन: 1 घंटे के लिए ₹15, 2 घंटे के लिए ₹30, 24 घंटे के लिए ₹120, मासिक पास ₹1800।
10 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में:
दो पहिया वाहन: 1 घंटे के लिए ₹5, 2 घंटे के लिए ₹10, 24 घंटे के लिए ₹40, मासिक पास ₹600।
चार पहिया वाहन: 1 घंटे के लिए ₹10, 2 घंटे के लिए ₹20, 24 घंटे के लिए ₹80, मासिक पास ₹1200।
अब बिना लाइसेंस नहीं चल सकेगी Personal Parking, लेना होगा Parking License
इस नई व्यवस्था के अनुसार अब कोई भी व्यक्ति अपनी निजी भूमि या ओपन प्लॉट पर Parking Service नहीं चला सकेगा, जब तक कि उसे नगर निगम से Parking License प्राप्त न हो। खुले मैदान, चौड़े फुटपाथ या ऐसे स्थान जहाँ ट्रैफिक बाधित न हो, वहाँ PPP मॉडल (Public Private Partnership) के तहत पार्किंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा।
12 सदस्यीय समिति करेगी पार्किंग स्थलों का चयन
नगर आयुक्त की अध्यक्षता में एक 12 सदस्यीय समिति गठित की जाएगी, जिसमें सहायक अभियंता को सदस्य सचिव नियुक्त किया जाएगा। यह समिति 90 दिनों के भीतर संभावित पार्किंग स्थलों की सूची तैयार करेगी। साथ ही, यदि किसी पार्किंग ठेके में अनियमितता या विवाद होता है, तो नगर आयुक्त उसे 30 दिनों के भीतर निरस्त करने का अधिकार रखेंगे।
नियमों का उल्लंघन होगा महंगा, लगेगा जुर्माना
अब तक नागरिक अपने घर के बाहर, कॉलोनी के मोड़ या सड़क किनारे गाड़ी खड़ी कर लेते थे, लेकिन अब ऐसा करना Parking Niyamawali 2025 के तहत गैरकानूनी माना जाएगा। नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इस सख्ती से ट्रैफिक व्यवस्था सुधरेगी और शहरी सुंदरता भी बनी रहेगी।
बिना अनुमति Open Land Parking चलाने पर कार्रवाई
अक्सर लोग अपने खाली प्लॉट पर अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था कर लेते हैं, लेकिन अब यह भी कानून के दायरे में आ गया है। कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन पर Open Land Parking तभी चला सकेगा जब उसे नगर निगम की अनुमति प्राप्त हो और वह तय मानकों का पालन करे।