
बिहार सरकार नेक बार फिर अपने कर्मचारियों को राहत देने और सामाजिक सरोकारों को प्राथमिकता देने की दिशा में अहम फैसले लिए हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए। इस बैठक में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते-DA में वृद्धि, शहीदों को अनुग्रह राशि, गया शहर का नाम परिवर्तन, और स्वास्थ्य व शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की गई है।
लाखों कर्मचारियों को मिला DA बढ़ोतरी का लाभ
राज्य सरकार ने महंगाई की मार झेल रहे अपने लाखों कर्मचारियों को राहत पहुंचाने के लिए महंगाई भत्ता-DA में वृद्धि करने का फैसला लिया है। इस फैसले से कर्मचारियों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा और उनकी मासिक आय में इजाफा होगा। यह निर्णय बढ़ती महंगाई को देखते हुए लिया गया है, जो सरकारी कर्मियों के लिए एक बड़ी राहत मानी जा रही है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के शहीदों को मिलेगा 50 लाख का अनुदान
कैबिनेट बैठक में एक और बड़ा फैसला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शहीद हुए जवानों के परिजनों को लेकर लिया गया है। सरकार ने शहीदों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का फैसला किया है। यह निर्णय सरकार की ओर से सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति सम्मान और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक है।
गया शहर का नाम अब ‘गया जी’
धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण गया शहर का नाम अब बदलकर ‘गया जी’ कर दिया गया है। इस फैसले को कैबिनेट ने मंजूरी दी है और इसके पीछे राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की भावना निहित है।
कैंसर केयर एंड रिसर्च सोसाइटी की स्थापना
स्वास्थ्य क्षेत्र में बिहार सरकार ने एक नई पहल की है। राज्य में एक ‘कैंसर केयर एंड रिसर्च सोसाइटी’ बनाई जाएगी, जो कैंसर की रोकथाम, इलाज और अनुसंधान के क्षेत्र में काम करेगी। यह संस्था लोगों को बेहतर इलाज और जागरूकता प्रदान करने में सहायक होगी।
केवल बिहार के मूल निवासी दिव्यांगों को मिलेगा क्षैतिज आरक्षण
राज्य की सरकारी नौकरियों में अब केवल बिहार के मूल निवासी बेंचमार्क दिव्यांगों को ही क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा। यह निर्णय स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने की नीति को दर्शाता है।
जल जीवन हरियाली योजना की अवधि बढ़ी
जल जीवन हरियाली योजना, जो पर्यावरण संरक्षण और जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, उसकी अवधि बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही, दरभंगा जिले की जलापूर्ति योजना के लिए 186 करोड़ रुपये और औरंगाबाद की जल परियोजना के लिए 72 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
प्रखंड और अंचल कार्यालयों की सफाई अब जीविका दीदियों को
राज्य सरकार ने स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम उठाया है। अब प्रखंड और अंचल कार्यालयों की सफाई व्यवस्था जीविका दीदियों को सौंपी जाएगी। इससे जहां एक ओर स्वच्छता व्यवस्था में सुधार होगा, वहीं दूसरी ओर महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
सोनपुर और मदनपुर को मिला नया प्रशासनिक दर्जा
प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करते हुए, छपरा जिले के सोनपुर को नगर परिषद और औरंगाबाद जिले के मदनपुर को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया है। इससे शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
नए विद्यालय और पंचायत भवनों की घोषणा
शिक्षा और प्रशासनिक सुविधाओं के विस्तार की दिशा में राज्य के 900 ग्राम पंचायतों में नए पंचायत भवन बनाए जाएंगे। वहीं, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) के तहत बिहार के विभिन्न जिलों में नए विद्यालय खोलने का भी निर्णय लिया गया है।
अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों का होगा विस्तार
राज्य के अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में अब शिक्षा विभाग के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। साथ ही, भागलपुर, अररिया और गोपालगंज में नए अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे, जिससे शिक्षा का स्तर और पहुंच दोनों बेहतर होंगी।
58,193 करोड़ रुपये का ऋण लेकर होंगे विकास कार्य
राज्य सरकार विकास कार्यों को गति देने के लिए 58,193 करोड़ रुपये का ऋण लेगी। यह राशि बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सार्वजनिक हित के कार्यों में खर्च की जाएगी।
पटना मेट्रो परियोजना को मिली वित्तीय स्वीकृति
पटना मेट्रो परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए 2 करोड़ 56 लाख 9 हजार करोड़ रुपये के भुगतान की स्वीकृति दी गई है। इससे शहरी यातायात की सुविधा बेहतर होगी और जनसाधारण को राहत मिलेगी।
जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र अब पंचायत स्तर पर
अब राज्य में जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों से संबंधित आवेदन ग्राम पंचायत स्तर पर ही निपटाए जाएंगे। इससे आम लोगों को सुविधा मिलेगी और प्रशासनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरितता आएगी।
अन्य अहम फैसले
राज्य सरकार ने सहकारिता विभाग के तहत 498 नए पद और मुख्य जांच आयुक्त कार्यालय में 125 पदों को मंजूरी दी है। साथ ही, डॉ. भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय (इमामगंज, समस्तीपुर, भोजपुर) के भवनों का पुनर्निर्माण होगा। उद्यान प्रशिक्षण निदेशालय के गैर-तकनीकी पदों की नियमावली में भी बदलाव किया गया है। अनुपस्थित पाए गए पांच डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, जो शासन की सख्ती को दर्शाता है।