
देश में हर वाहन चालक को अपने वाहन के जरूरी दस्तावेजों का खास ख्याल रखना होता है, जिनमें ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), इंश्योरेंस पेपर्स और Pollution Under Control Certificate यानी PUC सर्टिफिकेट शामिल होता है। अगर आपने अपनी कार या बाइक का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट रिन्यू नहीं कराया है और वह एक्सपायर हो चुका है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है।
क्यों जरूरी है PUC सर्टिफिकेट?
भारत सरकार के मोटर वाहन नियमों के तहत सभी गाड़ियों के लिए एक वैध PUC सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है। यह सर्टिफिकेट दर्शाता है कि आपका वाहन तय मानकों के तहत ही प्रदूषण फैलाता है। यानी वाहन से निकलने वाला धुआं और कार्बन उत्सर्जन सीमा में है। अगर आपके पास वैध PUC नहीं है तो न सिर्फ भारी जुर्माना लग सकता है, बल्कि आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी भी रिन्यू नहीं होगी।
PUC सर्टिफिकेट की वैधता कितनी होती है?
PUC सर्टिफिकेट की वैधता वाहन के प्रकार और उसकी उम्र पर निर्भर करती है। नई गाड़ियों के लिए यह सर्टिफिकेट पहली बार एक साल के लिए वैध होता है। इसके बाद, हर 6 महीने में आपको इसे रिन्यू कराना जरूरी होता है। यदि सर्टिफिकेट की अवधि समाप्त हो गई है, तो वह वाहन सड़कों पर चलने के योग्य नहीं माना जाएगा।
बिना PUC के चलाने पर क्या होगा?
अगर आप एक्सपायर्ड या बिना वैध PUC सर्टिफिकेट के वाहन चलाते पकड़े जाते हैं, तो आपको पहली बार में ₹1000 और दोबारा गलती दोहराने पर ₹2000 का जुर्माना देना होगा। इसके अलावा इंश्योरेंस कंपनियां आपकी गाड़ी की पॉलिसी को रिन्यू करने से भी इनकार कर सकती हैं, जिससे आगे चलकर बड़ा नुकसान हो सकता है।
ऑनलाइन कैसे चेक करें PUC डिटेल?
अगर आप जानना चाहते हैं कि आपकी गाड़ी का PUC वैध है या नहीं, तो इसके लिए आपको परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा। वहां “PUC Certificate” का ऑप्शन चुनें। इसके बाद अपना वाहन पंजीकरण नंबर, चेसिस नंबर के अंतिम 5 अंक और सुरक्षा कोड भरें। इसके बाद आपके वाहन की पूरी PUC डिटेल स्क्रीन पर दिखाई देगी।
ध्यान देने वाली बात यह है कि PUC सर्टिफिकेट का रिन्यूअल ऑनलाइन नहीं हो सकता। इसके लिए आपको अपने वाहन को नजदीकी PUC टेस्टिंग सेंटर ले जाना होगा।
कैसे करें PUC सर्टिफिकेट का रिन्यूअल?
PUC सर्टिफिकेट रिन्यू कराने के लिए सबसे पहले अपने नजदीकी अधिकृत टेस्टिंग सेंटर पर जाएं। वहां वाहन की एग्जॉस्ट से निकलने वाले धुएं की जांच की जाएगी। अगर प्रदूषण मानक के भीतर पाया गया तो आपको नया PUC सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा।
ऑफलाइन प्रक्रिया के तहत आपको कुछ ही मिनटों में यह प्रक्रिया पूरी करनी होती है। इसके लिए वाहन को टेस्टिंग मशीन पर स्टार्ट करके खड़ा किया जाता है, जिससे निकलने वाले धुएं का सैंपल लेकर उसका स्तर मापा जाता है।
कितना आता है खर्च?
PUC सर्टिफिकेट रिन्यू कराने में अधिक खर्च नहीं होता। यह एक बेहद मामूली चार्ज है जो ₹60 से ₹125 के बीच हो सकता है। यह शुल्क अलग-अलग राज्यों और ईंधन के प्रकार (पेट्रोल, डीजल, सीएनजी) के अनुसार बदल सकता है। फिर भी, इसकी तुलना में अगर आप बिना सर्टिफिकेट के गाड़ी चलाते हैं और पकड़े जाते हैं, तो यह एक बड़ी चूक साबित हो सकती है।
क्यों इंश्योरेंस पॉलिसी पर भी पड़ता है असर?
IRDAI (Insurance Regulatory and Development Authority of India) के नियमों के तहत अब बीमा कंपनियां वाहन के लिए पॉलिसी तभी रिन्यू करती हैं जब वैध PUC सर्टिफिकेट मौजूद हो। यानी अगर आपके पास यह दस्तावेज नहीं है, तो आप बीमा क्लेम करने या पॉलिसी रिन्यू कराने से वंचित रह सकते हैं। ऐसे में अगर दुर्घटना हो जाए तो आपको भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है।
नियमों की अनदेखी पड़ सकती है भारी
वाहन स्वामी अक्सर सोचते हैं कि PUC सिर्फ एक औपचारिकता है, लेकिन सच्चाई यह है कि यह न केवल आपके वाहन की स्थिति को दर्शाता है बल्कि पर्यावरण सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाता है। सरकार देशभर में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए इस नियम को सख्ती से लागू कर रही है।
बिना वैध PUC सर्टिफिकेट के गाड़ी चलाना कानूनन अपराध है और यह आपके लिए आर्थिक और कानूनी रूप से मुसीबत का कारण बन सकता है। इसलिए समय रहते इसे रिन्यू कराना बेहद जरूरी है।