शादी का रजिस्ट्रेशन क्यों है जरूरी? जानें मैरिज सर्टिफिकेट की प्रक्रिया और कानूनी फायदे

देश में ज्यादातर शादियां बिना रजिस्ट्रेशन हो रही हैं, जिससे भविष्य में कानूनी समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। जानिए मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने की आसान प्रक्रिया, इसके बड़े फायदे और क्यों ये दस्तावेज आज हर शादीशुदा जोड़े के लिए ज़रूरी है।

Photo of author

Written byRohit Kumar

verified_75

Published on

शादी का रजिस्ट्रेशन क्यों है जरूरी? जानें मैरिज सर्टिफिकेट की प्रक्रिया और कानूनी फायदे
शादी का रजिस्ट्रेशन क्यों है जरूरी? जानें मैरिज सर्टिफिकेट की प्रक्रिया और कानूनी फायदे

शादी का पंजीकरण भले ही भारतीय कानून में अनिवार्य कर दिया गया हो, लेकिन इसके बावजूद देश में अधिकतर जोड़े अब तक इसे गंभीरता से नहीं ले रहे। आंकड़ों की बात करें तो ग्रामीण इलाकों में लगभग 99% शादियां बिना रजिस्ट्रेशन के हो रही हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 70 से 80% के बीच है। यह स्थिति तब है जब सरकार लगातार लोगों को इसके लिए जागरूक करने के प्रयास कर रही है। सवाल यह है कि जब शादी का पंजीकरण (Marriage Registration) कानूनी रूप से अनिवार्य है, तो आखिर लोग इससे बच क्यों रहे हैं? और दूसरी ओर, यह भी समझना जरूरी है कि शादी का पंजीकरण करवाने से क्या लाभ होते हैं।

शादी का पंजीकरण: कानूनी सुरक्षा और अधिकारों की गारंटी

शादी का पंजीकरण केवल एक कागज़ी प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह दोनों जीवनसाथियों को कानूनी रूप से एक-दूसरे के अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करता है। विवाह के रजिस्ट्रेशन के बाद पति-पत्नी के रिश्ते को भारतीय कानून के तहत मान्यता मिल जाती है। इससे जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलू हैं जैसे संपत्ति के अधिकार, तलाक या विवाद की स्थिति में न्यायिक सहायता, बच्चे की कस्टडी जैसे विषय, जहां शादी का प्रमाणपत्र अहम दस्तावेज बनता है।

Earthnewj से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें

इसके अलावा, रजिस्ट्रेशन के बाद विदेश यात्रा, वीज़ा प्रक्रिया, पासपोर्ट में नाम बदलवाने, या सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में भी यह दस्तावेज अहम भूमिका निभाता है। कोर्ट में यह एक मजबूत प्रमाण होता है, जो किसी भी कानूनी स्थिति में विवाह को सिद्ध करता है।

ग्रामीण भारत में रजिस्ट्रेशन की कमी क्यों?

गांवों और दूरदराज के इलाकों में शादी का पंजीकरण ना कराने के कई सामाजिक और प्रशासनिक कारण हैं। पहला कारण है जानकारी का अभाव। बहुत से लोगों को यह मालूम ही नहीं कि रजिस्ट्रेशन अब अनिवार्य है। दूसरा, सरकारी दफ्तरों तक पहुंच, समय और प्रक्रिया की जटिलता ग्रामीण लोगों को इससे दूर कर देती है।

इसके साथ ही, परंपरागत सोच यह मानती है कि धार्मिक रीति-रिवाज से हुई शादी ही मान्य होती है, और सरकारी दस्तावेज की जरूरत नहीं। कई जगहों पर तो महिलाओं को यह तक नहीं बताया जाता कि रजिस्ट्रेशन किसके अधिकार की सुरक्षा करता है।

शहरी भारत में भी हालात संतोषजनक नहीं

शहरी इलाकों में अपेक्षाकृत ज्यादा पढ़े-लिखे और जागरूक लोग रहते हैं, फिर भी यहां 70 से 80% शादियों का पंजीकरण नहीं हो रहा। इसका कारण है उदासीनता, प्रक्रियाओं को टालने की प्रवृत्ति, या यह धारणा कि जब सब कुछ ठीक चल रहा है तो दस्तावेजी प्रक्रिया की क्या जरूरत है। कुछ मामलों में तो शादी के तुरंत बाद जीवन की आपाधापी में रजिस्ट्रेशन को प्राथमिकता नहीं दी जाती, और समय के साथ यह भूला दिया जाता है।

Also Readknow-complete-installation-cost-of-eapro-2kw-solar-system

Eapro 2kW सोलर सिस्टम को लगाने में होगा इतना खर्चा, यहाँ जानें

शादी के पंजीकरण की प्रक्रिया

शादी का पंजीकरण अब पहले की तुलना में काफी सरल हो चुका है। भारत सरकार और राज्य सरकारें डिजिटल इंडिया पहल के तहत ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी प्रदान कर रही हैं। इसके तहत निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाती है:

  1. संबंधित राज्य सरकार की वेबसाइट पर लॉगइन कर आवेदन फॉर्म भरना होता है।
  2. दोनों पक्षों के पहचान पत्र, शादी का प्रमाण (जैसे शादी की तस्वीरें या पंडित द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र), और गवाहों की जानकारी देना जरूरी होता है।
  3. आवेदन के बाद रजिस्ट्रार ऑफिस में निर्धारित तिथि पर उपस्थिति देकर दस्तावेज सत्यापित कराना होता है।
  4. सत्यापन के बाद विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र (Marriage Certificate) जारी कर दिया जाता है।

महिला सशक्तिकरण में सहायक

शादी का रजिस्ट्रेशन महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए एक अहम कदम है। कई बार पति द्वारा तलाक देने या दूसरी शादी करने की स्थिति में महिला को कानूनी सहारा तभी मिल सकता है जब उसके पास विवाह प्रमाणपत्र हो। यही नहीं, विधवा होने पर पेंशन, बीमा, बैंक खाते और संपत्ति के दावे के लिए यह प्रमाणपत्र आवश्यक हो जाता है।

सरकारी योजनाओं और विदेशी यात्रा में सहायक

यदि आप किसी सरकारी योजना का लाभ लेना चाहते हैं, जैसे विधवा पेंशन या पारिवारिक पहचान पत्र, तो शादी का प्रमाण पत्र मांगा जाता है। विदेश यात्रा या वीज़ा आवेदन में भी यह आवश्यक दस्तावेज होता है, खासकर जब पति-पत्नी को साथ जाना हो।

समाधान क्या हो सकता है?

सरकार को चाहिए कि वह रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को और अधिक सरल और सुलभ बनाए, विशेषकर ग्रामीण इलाकों में। मोबाइल रजिस्ट्रेशन यूनिट, पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान, और ऑनलाइन पोर्टल्स को स्थानीय भाषा में उपलब्ध कराना इस दिशा में सहायक हो सकता है।

इसके साथ ही, विवाह पंजीकरण को आधार कार्ड या वोटर आईडी की तरह अनिवार्य बनाकर स्कूल में दाखिले, संपत्ति पंजीकरण, या किसी योजना में आवेदन के साथ जोड़ा जा सकता है, ताकि लोग इसे टाल न सकें।

Also Readआज 8 रुपए तक बढ़े पेट्रोल के दाम, डीजल के रेट में भी बढ़ोतरी! देखें

आज 8 रुपए तक बढ़े पेट्रोल के दाम, डीजल के रेट में भी बढ़ोतरी! देखें

You might also like

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें