
CGHS यानी Central Government Health Scheme के लाभार्थियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। सरकार ने मेडिकल बिल रिंबर्समेंट (Medical Bill Reimbursement) की प्रक्रिया को और आसान, पारदर्शी और तेज़ बना दिया है। अब CGHS यूज़र्स को मेडिकल खर्च की वापसी के लिए लंबी और जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी किए गए दिशा-निर्देशों के तहत, डिजिटल प्रणाली को अपनाया गया है जिससे मेडिकल रिंबर्समेंट आवेदन को घर बैठे ही किया जा सकेगा।
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क्या है नया CGHS रिंबर्समेंट प्रोसेस?
नई व्यवस्था के तहत CGHS यूज़र्स अब ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से रिंबर्समेंट क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए cghs.nic.in वेबसाइट या संबंधित मोबाइल ऐप पर लॉगिन करना होगा। पहले जहां यूज़र्स को भौतिक रूप से सभी दस्तावेज जमा करने होते थे, वहीं अब यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल कर दी गई है। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी।
रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy और डिजिटल इंडिया के युग में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो सरकारी सेवाओं में टेक्नोलॉजी के समावेश की दिशा में उठाया गया है।
दस्तावेज़ और समयसीमा
नए नियमों के तहत CGHS रिंबर्समेंट के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- उपचार का बिल और रसीद (ऑरिजिनल स्कैन कॉपी)
- डॉक्टर का पर्चा और डायग्नोसिस रिपोर्ट
- CGHS कार्ड की स्कैन कॉपी
- अस्पताल द्वारा जारी डिस्चार्ज समरी (यदि हॉस्पिटल में भर्ती हुए हों)
- बैंक विवरण (जिसमें भुगतान होना है)
ऑनलाइन आवेदन के बाद अधिकतम 30 कार्यदिवसों में रिंबर्समेंट की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। यह पहले के मुकाबले काफी तेज़ है जहां कई बार महीनों तक भुगतान अटका रहता था।
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रिटायर्ड कर्मचारियों को विशेष लाभ
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी, जो CGHS के तहत पंजीकृत हैं, उन्हें भी इस नई प्रणाली के तहत पूर्ण लाभ मिलेगा। यह निर्णय उन लाखों वरिष्ठ नागरिकों के लिए राहत लेकर आया है जो अक्सर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए CGHS पर निर्भर रहते हैं।
निजी अस्पतालों के बिल भी मान्य
एक और अहम बदलाव यह है कि अब मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में इलाज कराने के बाद भी CGHS रिंबर्समेंट क्लेम किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए यह आवश्यक होगा कि अस्पताल CGHS द्वारा अधिकृत हो और तय दरों पर इलाज किया गया हो।
पारदर्शिता और निगरानी के लिए डिजिटल ट्रैकिंग
नई प्रणाली में ट्रैकिंग सिस्टम भी जोड़ा गया है, जिससे यूज़र्स अपने क्लेम की स्थिति ऑनलाइन देख सकते हैं। यह सुविधा ट्रांसपेरेंसी सुनिश्चित करने के साथ-साथ शिकायतों की संख्या में भी कमी लाएगी।
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CGHS कार्डधारकों की संख्या में वृद्धि
वर्तमान में देशभर में 41 लाख से अधिक लोग CGHS से जुड़े हुए हैं। जिनमें से बड़ी संख्या में रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी और उनके परिजन शामिल हैं। सरकार के इस फैसले से इन सभी को लाभ पहुंचेगा और स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच और सरल होगी।