
मैनपुरी शहर को ट्रैफिक जाम की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए जल्द ही एक नया बाईपास बनने जा रहा है। यह बाईपास शिकोहाबाद-भोगांव फोरलेन हाईवे का हिस्सा होगा और मैनपुरी नगर से गुजरते नेशनल हाईवे 84 (मैनपुरी शहर की सालों पुरानी जाम की समस्या अब खत्म होने जा रही है, क्योंकि शिकोहाबाद-भोगांव फोरलेन हाईवे पर नया बाईपास बनने जा रहा है। इस परियोजना से जहां 9 गांवों के किसानों को उनकी जमीन का चार गुना मुआवज़ा मिलेगा, वहीं आगरा-मथुरा समेत कई जिलों के लाखों यात्रियों को मिलेगा ट्रैफिक जाम से स्थायी राहत। पढ़ें पूरी जानकारी!) पर लगने वाले भारी जाम से राहत देगा। इस बाईपास से न सिर्फ मैनपुरी बल्कि आगरा (Agra), मथुरा (Mathura), फर्रुखाबाद, कन्नौज, हरदोई और शाहजहांपुर जैसे जिलों के लाखों लोगों को भी फायदा मिलेगा।
नेशनल हाईवे 84 बना जाम का कारण
मैनपुरी के नगर क्षेत्र से होकर गुजरने वाला नेशनल हाईवे 84 पिछले कई वर्षों से ट्रैफिक जाम की बड़ी समस्या का कारण बना हुआ है। यह हाईवे न केवल शहर के भीतर भारी वाहनों की आवाजाही बढ़ाता है बल्कि आसपास के जिलों से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए भी परेशानी खड़ी करता है। आगरा और मथुरा जैसे बड़े पर्यटक एवं धार्मिक स्थलों की ओर जाने वालों के लिए यह मार्ग बेहद अहम है, लेकिन जाम की वजह से यात्रा समय काफी बढ़ जाता है।
नए बाईपास से नगर और क्षेत्रीय यातायात को मिलेगी राहत
सरकार ने इस गंभीर समस्या का समाधान निकालते हुए मैनपुरी में एक नया बाईपास बनाने का निर्णय लिया है। प्रस्तावित बाईपास शिकोहाबाद से भोगांव तक फोरलेन हाईवे के रूप में बनेगा, जो मैनपुरी नगर को बाईपास करते हुए अन्य जिलों को सीधी और सुविधाजनक कनेक्टिविटी देगा। इससे यात्री जाम से बचते हुए तेज़ी से अपने गंतव्य तक पहुँच सकेंगे।
बाईपास से किन जिलों को होगा लाभ
इस बाईपास का लाभ सिर्फ मैनपुरी तक सीमित नहीं रहेगा। चूंकि यह मार्ग आगरा-मथुरा (Agra-Mathura) जैसे पर्यटन स्थलों के लिए मुख्य कनेक्टिविटी प्रदान करता है, इसलिए इससे कन्नौज (Kannauj), फर्रुखाबाद (Farrukhabad), शाहजहांपुर (Shahjahanpur), हरदोई (Hardoi) जैसे जिले भी लाभान्वित होंगे। इन जिलों के यात्रियों का सफर आसान, सुगम और समयबद्ध हो जाएगा।
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी, 9 गांव होंगे प्रभावित
बाईपास के निर्माण के लिए करीब 15.1 किलोमीटर सड़क निर्माण की योजना बनाई गई है, जिसके तहत मैनपुरी और भोगांव तहसील के कुल 9 गांवों की जमीन अधिग्रहीत की जाएगी। इन गांवों में राजलपुर, कछपुरा, दिवन्नपुर चौधरी, टिकसुरी, ब्यौंती खुर्द, सिवाई भदौरा, मेरपुरा सूजापुर, मंछना और औडेन्य पडरिया शामिल हैं।
समिति करेगी किसानों से संवाद
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को पारदर्शी और न्यायसंगत बनाने के लिए एक छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व अपर जिलाधिकारी (ADM) करेंगे। यह समिति प्रभावित किसानों से संवाद कर उन्हें मुआवज़े और पुनर्वास संबंधी जानकारी देगी और उनकी सहमति से प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।
पहले चरण के लिए 59 करोड़ की मंजूरी
सरकार ने भूमि अधिग्रहण के पहले चरण के लिए 59 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं। इससे ज़मीन की मार्किंग, किसानों की सूची और भुगतान की प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी। उम्मीद है कि जून के पहले सप्ताह तक सभी काश्तकारों की पहचान और कागजी कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी।
किसानों को मिलेगा चार गुना मुआवज़ा
प्रशासन के अनुसार, जिन किसानों की जमीन इस बाईपास निर्माण में ली जाएगी, उन्हें सर्किल रेट (Circle Rate) का अधिकतम चार गुना मुआवज़ा दिया जाएगा। यह किसानों के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी सौदा साबित हो सकता है, क्योंकि उन्हें बाजार भाव से कहीं अधिक कीमत मिलने की संभावना है।
रेलवे ओवरब्रिज भी प्रस्तावित
सड़क के साथ-साथ रेलवे फाटक पर लगने वाले जाम को कम करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। रेलवे समपार फाटक संख्या 7-सी पर एक रेलवे ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव है, जिससे रेल यातायात और सड़क यातायात के बीच बेहतर तालमेल स्थापित हो सकेगा। हालांकि फिलहाल इस परियोजना में कुछ देरी की खबरें सामने आई हैं।
बाईपास से जुड़ी योजना में गति, जल्द होगा निर्माण कार्य
जैसे ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण होगी, बाईपास के निर्माण का कार्य तेजी से शुरू कर दिया जाएगा। प्रशासन का दावा है कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद मैनपुरी की वर्षों पुरानी जाम की समस्या का स्थायी समाधान मिल जाएगा और क्षेत्र के विकास को भी नई गति मिलेगी।