
उत्तर प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। बिजली बिल में बड़ी राहत मिलने जा रही है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपने घर के अंदर छोटी दुकानें संचालित करते हैं। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) अब ऐसे उपभोक्ताओं के लिए एक नई बिजली दर तय करने की तैयारी में है, जिससे हजारों लोगों को सीधा फायदा मिलेगा। यह कदम उपभोक्ता परिषद की सिफारिशों के बाद उठाया जा रहा है, जिन्होंने इन दुकानदारों के लिए संशोधित और व्यावहारिक स्लैब लागू करने की मांग की थी।
घरेलू दुकानों के लिए विशेष स्लैब की तैयारी
घरों में दुकानों का संचालन करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या काफी अधिक है, खासकर शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में। पावर कॉरपोरेशन अब 1 किलोवाट तक की लोड सीमा वाले ऐसे उपभोक्ताओं के लिए विशेष दर लागू करने जा रहा है। इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 7 रुपए प्रति यूनिट और शहरी क्षेत्रों में 8 रुपए प्रति यूनिट की दर प्रस्तावित की गई है। यह दरें घरेलू दरों से कुछ अधिक लेकिन व्यावसायिक दरों से काफी कम होंगी, जिससे छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी।
नियामक आयोग में दाखिल हुआ प्रस्ताव
इस संबंध में पावर कॉरपोरेशन द्वारा नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल कर दिया गया है। प्रस्ताव में गैर-घरेलू बिजली उपभोग की एक नई श्रेणी 1 किलोवाट को शामिल किया गया है, जो घर में ही दुकान चलाने वालों के लिए बनाई गई है। उपभोक्ता परिषद ने इस नई श्रेणी को व्यवहारिक मानते हुए इसे जल्द से जल्द लागू करने की सिफारिश की थी। अब पावर कॉरपोरेशन संशोधित प्रस्ताव पेश करेगा, जिसे स्वीकृति मिलने के बाद लागू कर दिया जाएगा।
हजारों दुकानदारों को मिलेगी सीधी राहत
शहरों और कस्बों में ऐसे कई मोहल्ले हैं, जहां बड़ी संख्या में लोग अपने घरों में ही दुकानों का संचालन कर रहे हैं। उन्नाव के आवास विकास, गांधीनगर, शिवनगर, पीतांबर नगर, राजेपुर, डीएसएन कॉलेज रोड, बाबूगंज और सिविल लाइन जैसे इलाकों में हजारों छोटी दुकानें घरों से ही चलाई जा रही हैं। इन दुकानदारों का कहना है कि वे अक्सर केवल एक एलईडी बल्ब और पंखा ही चलाते हैं, फिर भी उन पर व्यावसायिक दरों में बिल आने का डर बना रहता है।
उपभोक्ता परिषद की भूमिका
इस राहत की शुरुआत उपभोक्ता परिषद की मांगों से हुई थी। परिषद का कहना था कि शहर और ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके पास एक या दो किलोवाट का कनेक्शन है और जो घर में ही दुकान चला रहे हैं। परिषद ने पावर कॉरपोरेशन से अनुरोध किया था कि उन्हें घरेलू और व्यावसायिक उपभोग के बीच की एक नई श्रेणी में रखा जाए ताकि बिजली का बिल यथार्थवादी बने और इन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े।
अब नहीं रहेगा बिजली बिल का डर
ऐसे छोटे दुकानदारों के लिए यह प्रस्ताव एक बड़ी राहत बनकर सामने आया है। अनूप तिवारी जैसे घरेलू दुकानदारों ने इसे ‘सकारात्मक बदलाव’ बताया है। उनका कहना है कि “हमारे यहां दुकान में केवल एक बल्ब जलता है लेकिन डर हमेशा बना रहता था कि कहीं बिजली विभाग इसे व्यवसायिक उपयोग मानकर भारी बिल न थमा दे।” इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद अब यह डर खत्म हो जाएगा।
बिजली बिल में राहत के साथ बड़े अभियान भी जारी
जहां एक ओर पावर कॉरपोरेशन छोटे दुकानदारों को राहत दे रहा है, वहीं दूसरी ओर बिजली चोरी के खिलाफ अभियान भी तेज कर दिया गया है। हाल ही में 54 उपभोक्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और 214 के कनेक्शन काटे गए। विभाग ने 9.28 लाख रुपये की वसूली भी की है।