
केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में 50 रुपये के सिक्के को लेकर दाखिल की गई याचिका पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि फिलहाल 50 रुपये के सिक्के जारी करने की कोई योजना नहीं है। सरकार के हलफनामे में कहा गया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह पाया गया था कि लोग सिक्कों की बजाय नोटों को अधिक प्राथमिकता देते हैं। इसके अलावा, सरकार ने दृष्टिहीनों के लिए पहले से किए गए कई उपायों की जानकारी भी दी।
सरकार का लिखित बयान और उच्च न्यायालय में स्थिति
दिल्ली उच्च न्यायालय में 50 रुपये के सिक्के की मांग करने वाली याचिका पर सरकार ने लिखित दाखिल किया, जिसमें यह स्पष्ट किया कि वर्तमान में 50 रुपये के सिक्के जारी करने का कोई विचार नहीं किया जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक के 2022 में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, लोग छोटे सिक्कों जैसे 10 रुपये और 20 रुपये की बजाय नोटों को अधिक पसंद करते हैं। इससे यह निष्कर्ष निकला कि 50 रुपये के सिक्के को लेकर कोई योजना बनाना फिलहाल उचित नहीं होगा।
2016 और 2019 में जारी किए गए सिक्के और नोट
सरकार ने यह भी बताया कि 2019 में भारतीय रिजर्व बैंक ने नए सिक्कों की श्रृंखला जारी की थी, जिसमें विशेष रूप से दृष्टिहीनों के लिए कई सुविधाएं दी गई थीं। इसके अलावा, 2016 में जारी किए गए नए नोटों में आंशिक दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए तेज रंगों का इस्तेमाल किया गया था, जबकि पूर्ण दृष्टिहीनों के लिए उभरी छपाई (Intaglio Printing) का प्रावधान किया गया था। हालांकि, सिक्कों में यह सुविधाएं नहीं दी गई थीं, जिसमें 10, 20 और 50 रुपये के सिक्के शामिल थे।
विकलांग व्यक्ति के लिए किए गए उपाय
सरकार ने यह भी बताया कि विकलांग व्यव्यक्तियों के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय किए गए हैं। इनमें 2020 में लॉन्च किया गया “मनी ऐप” शामिल है, जो दृष्टिहीन व्यक्तियों को नोटों की पहचान करने में मदद करता है। इस ऐप की सहायता से वे आसानी से नोट की पहचान कर सकते हैं, जिससे उनकी रोज़मर्रा की जिंदगी आसान बन गई है। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए नए सिक्कों में भी दृष्टिहीनों की सुविधा का ध्यान रखा गया है, लेकिन 50 रुपये के सिक्के के लिए फिलहाल कोई योजना नहीं बनाई गई है।
दिल्ली उच्च न्यायालय का निर्देश
दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार के हलफनामे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार का हलफनामा रजिस्ट्री में अभी तक दर्ज नहीं हुआ था। अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि वह हलफनामे को रजिस्ट्री में जल्द से जल्द रिकॉर्ड कराए। इसके बाद सुनवाई स्थगित कर दी गई। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए सभी जरूरी दस्तावेज़ सही तरीके से पेश किए जाएं।
कानूनी और सरकार की स्थिति
इस मामले में याचिका दाखिल करने वालों ने अदालत से यह अनुरोध किया था कि सरकार को 50 रुपये के सिक्के जारी करने के निर्देश दिए जाएं, ताकि दृष्टिहीन लोग उन्हें आसानी से पहचान सकें। याचिका में यह भी कहा गया था कि सिक्कों के आकार और डिज़ाइन में सुधार किया जाए, ताकि दृष्टिहीन व्यक्तियों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। हालांकि, सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि फिलहाल इस मामले में 50 रुपये के सिक्के जारी करने की कोई योजना नहीं है। सरकार ने अदालत से यह आग्रह किया कि इस मामले में कोई और दिशा-निर्देश जारी करने से पहले उपलब्ध तथ्यों पर विचार किया जाए।
भविष्य में होने वाली योजनाएं
वर्तमान में सरकार का रुख यह है कि दृष्टिहीनों के लिए मनी ऐप जैसे उपायों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा, उभरी छपाई जैसी सुविधाओं के माध्यम से दृष्टिहीनों के लिए सिक्कों की पहचान को और भी सरल बनाने के प्रयास किए जाएंगे। यदि भविष्य में 50 रुपये के सिक्के जारी करने की कोई योजना बनती है, तो इसके बारे में सरकार घोषणा कर सकती है। फिलहाल, सरकार का यह स्पष्ट रुख है कि लोग छोटे सिक्कों की बजाय नोटों को प्राथमिकता देते हैं और सिक्कों की संख्या को कम किया गया है।