
देश में कार चलाने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज़ों का होना अनिवार्य है। इनमें ड्राइविंग लाइसेंस (DL), रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) और कुछ अन्य जरूरी कागजात शामिल हैं, जो रोड पर आपकी सुरक्षा और वाहन की वैधता को सुनिश्चित करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक और जरूरी दस्तावेज़ है, जिसे अगर आपके पास नहीं है, तो ट्रैफिक पुलिस आपको भारी चालान का शिकार बना सकती है? वह दस्तावेज़ है PUC (Pollution Under Control Certificate) यानी पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके पास यह सर्टिफिकेट नहीं होने के बावजूद चालान नहीं कटता, और यह एक बड़ी रहस्य की तरह है, जिसके बारे में आधा भारत अनजान है।
PUC सर्टिफिकेट क्या होता है?
PUC सर्टिफिकेट आपके वाहन से होने वाले प्रदूषण के स्तर को मापता है। यह यह बताता है कि आपकी गाड़ी में ईंधन जलाने से कितना प्रदूषण हो रहा है और क्या वह निर्धारित मानकों के भीतर है। अगर आपके वाहन से अधिक प्रदूषण निकलता है, तो यह साबित होता है कि आपकी गाड़ी पर्यावरण मानकों के अनुसार नहीं चल रही है। PUC सर्टिफिकेट यह सुनिश्चित करता है कि वाहन से निकलने वाली गैसें और ध्वनि प्रदूषण नियामक सीमा के अंदर हों। इस सर्टिफिकेट का उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना और एयर क्वालिटी को बेहतर बनाना है।
PUC सर्टिफिकेट का महत्व
वर्तमान में प्रदूषण पर नियंत्रण रखना एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। बढ़ते प्रदूषण और इसके पर्यावरणीय प्रभावों को देखते हुए सरकार ने यह नियम लागू किया है कि सभी वाहनों को पीयूसी सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा। यह सर्टिफिकेट यह सुनिश्चित करता है कि वाहनों के इंजन से होने वाला प्रदूषण निर्धारित मानकों के अंदर है। सड़क पर चलते वक्त अगर किसी वाहन के पास यह सर्टिफिकेट नहीं है, तो उस वाहन को ट्रैफिक पुलिस द्वारा पकड़ा जा सकता है और भारी चालान लगाया जा सकता है।
किसे मिलता है PUC सर्टिफिकेट नाPUC रखने का छूट?
हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में यह छूट भी दी जाती है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी वाहन का इंजन बहुत नया है और उसकी प्रदूषण उत्सर्जन क्षमता पहले से ही बहुत कम है, तो उसे पीयूसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती। इसके अलावा, कुछ सरकारी वाहनों को भी इस सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि उनके पास पहले से ही पर्यावरण मानकों का पालन करने के प्रमाण होते हैं। यही नहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी PUC सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती, क्योंकि ये प्रदूषण का कारण ही नहीं बनते।
PUC सर्टिफिकेट न होने पर क्या होता है?
अगर आपके पास PUC सर्टिफिकेट नहीं है और आप वाहन चला रहे हैं तो ट्रैफिक पुलिस आपके खिलाफ चालान जारी कर सकती है। यह चालान लाखों रुपये का हो सकता है, जो आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है। इसके अलावा, यदि आपका वाहन प्रदूषण मानकों के अनुरूप नहीं है, तो आपको उस गाड़ी को ठीक कराने के लिए मजबूर किया जा सकता है। कुछ जगहों पर तो पीयूसी न होने की स्थिति में वाहन को रोड पर चलने की अनुमति भी नहीं मिलती।
PUC सर्टिफिकेट कैसे प्राप्त करें?
PUC सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए सबसे पहले आपको अपने वाहन का प्रदूषण स्तर जांचने के लिए किसी प्रमाणित स्टेशन पर जाना होगा। यह स्टेशन आमतौर पर पेट्रोल पंपों के पास होते हैं, जहां आपके वाहन की प्रदूषण स्तर की जांच की जाती है। जांच के बाद यदि आपकी गाड़ी मानकों के भीतर होती है, तो आपको पीयूसी सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है। इस सर्टिफिकेट का नवीनीकरण हर छह महीने में करना होता है।
इस छूट से लोग कैसे अनजान हैं?
अक्सर लोग यह मानते हैं कि हर वाहन को पीयूसी सर्टिफिकेट का होना अनिवार्य है, लेकिन कुछ लोग इस महत्वपूर्ण छूट से अनजान होते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास एक नया वाहन है या वह इलेक्ट्रिक है, तो आपको इस सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होती। इसके बावजूद, बहुत से लोग इस बात को नहीं जानते और वे गलती से बिना कारण के चालान का शिकार हो जाते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि वाहन मालिक अपनी स्थिति को समझें और यह जानें कि क्या उन्हें PUC सर्टिफिकेट की जरूरत है या नहीं।