
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 2000 रुपये के नोट को लेकर हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। 19 मई 2023 को RBI ने घोषणा की थी कि 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लिया जाएगा। हालांकि, इस नोट को पूरी तरह से अमान्य (invalid) नहीं किया गया है। अब भी 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर है और इसे भारतीय रिजर्व बैंक के 19 इश्यू ऑफिसों और कुछ पोस्ट ऑफिसों में बदला जा सकता है। लेकिन क्या आपके पास रखा 2000 रुपये का नोट अब बदलवाना संभव है? इस लेख में हम आपको इसी सवाल का जवाब देंगे और उन बदलावों के बारे में बताएंगे जो इस नोट से जुड़े हैं।
2000 रुपये के नोट को वापस लेने की प्रक्रिया
रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को वापिस लेने की प्रक्रिया 2023 में शुरू की थी। इसके बाद से 7 अक्टूबर 2023 तक सभी बैंक शाखाओं में इन्हें जमा या बदलवाने की सुविधा उपलब्ध थी। लेकिन अब, ये नोट भारतीय रिजर्व बैंक के 19 इश्यू ऑफिसों और कुछ पोस्ट ऑफिसों में ही बदले जा सकते हैं। इसका मतलब है कि अगर आपके पास 2000 रुपये का नोट है और आपने अब तक इसे नहीं बदला है, तो आपको इन्हें अब केवल निर्धारित स्थानों पर ही बदलवाना होगा। यह सुविधा केवल एक सीमित समय के लिए उपलब्ध है, इसलिए लोगों को इसे जल्दी ही बदलवाना चाहिए।
क्या 2000 रुपये का नोट अब लीगल टेंडर है?
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस मुद्दे पर संसद की स्थायी वित्त समिति को जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि भले ही 2000 रुपये का नोट अब चलन में नहीं है, लेकिन यह अभी भी लीगल टेंडर माना जाएगा। इसका मतलब है कि इस नोट को आप कानूनी रूप से किसी भी लेन-देन में इस्तेमाल कर सकते हैं, बशर्ते इसे निर्धारित स्थानों पर बदल लिया जाए। 2000 रुपये के नोट को पूरी तरह से अमान्य नहीं किया गया है, और इस पर कोई भी प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
2000 रुपये के नोट से जुड़ी कुछ अहम जानकारी
हालांकि, 2000 रुपये के नोट का चलन में होना अब धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन RBI का मानना है कि इस नोट की वैल्यू अभी भी महत्वपूर्ण है। अब भी करीब 6,099 करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोट बाजार में हैं। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि इतने समय बाद भी 2000 रुपये के नोट का असर कम नहीं हुआ है। हालांकि, इसके प्रचलन में कमी आ रही है, लेकिन इसका उपयोग अब भी जारी है और इसे कानूनी रूप से बदला जा सकता है।
नकली नोटों पर RBI की चिंताएं
आरबीआई के गवर्नर ने इस बैठक में नकली नोटों के मुद्दे को भी उठाया। हाल ही में 500 रुपये के कई नकली नोटों की बड़ी खेप पकड़ी गई थी, जिससे आरबीआई की चिंता बढ़ गई थी। उन्होंने बताया कि सरकार और आरबीआई इस पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं और नकली नोटों के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठा रहे हैं। इसके लिए तकनीकी उपायों के साथ-साथ जागरूकता अभियानों की भी योजना बनाई जा रही है।
क्रिप्टोकरेंसी और भारतीय अर्थव्यवस्था
इस बैठक में एक और महत्वपूर्ण विषय क्रिप्टोकरेंसी रहा। आरबीआई गवर्नर ने क्रिप्टोकरेंसी की स्थिति और उसके नियमों पर भी संक्षेप में जानकारी दी। भारतीय सरकार ने इस मुद्दे पर कड़ी निगरानी रखी है और भविष्य में इसके लिए नियमों का कड़ा पालन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
RBI की अगली बैठक
आखिरकार, समिति ने यह तय किया कि गवर्नर संजय मल्होत्रा को 23 या 24 जुलाई को फिर से बुलाया जाएगा, ताकि वे इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) की समीक्षा पर विशेष जानकारी दे सकें। इस बैठक के जरिए भारतीय रिजर्व बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर लगातार निगरानी बनाए रखने का काम कर रहा है।