
Income Tax Calculation: आयकर विभाग द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में योग्य नागरिकों का इनकम टैक्स काटा जाता है। यह टैक्स तब काटा जाता है जब आप महीने में कमाई निश्चित सीमा से अधिक करते हैं। टैक्स आपकी सैलरी, बिजनेस और किराये की कमाई पर लगाया जाता है। यह कटौती सरकार द्वारा फिक्स्ड रूल्स पर की जाती है। लेकिन कई लोग नहीं जानते की उनकी इनकम पर एक साल में कितना टैक्स लगता है। तो आपको बिलकुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम आपको इस लेख में आसान प्रक्रिया के माध्यम से घर बैठे इनकम टैक्स कैलकुलेशन करना बताएंगे।
अपनी टैक्सेबल इनकम को कैसे करें कैलकुलेट?
अपनी टैक्सेबल इनकम को कैलकुलेट करने के लिए नीचे दी हुई जानकारी को ध्यान से पढ़ें-
- अपनी कुल कमाई को जोड़े (ग्रॉस सैलरी)- इसके लिए आपको सबसे पहले अपनी कुल कमाई यानी की ग्रॉस इनकम को कैलकुलेट कर लेना है। कैल्कुलेशन में आपको बेसिक सैलरी, भत्ते, बोनस एवं अन्य कमाई के दूसरे हिस्सों को भी जोड़ा जाता है जिन पर टैक्स कटता है।
- छूट- जानकारी के लिए बता दें इनकम टैक्स से छूट सैलरी के कुछ हिस्सों में मिलती है। यह छूट आपको हाउस रेंट अलाउंस, स्टैंडर्ड डिडक्शन और लीव ट्रैवल अलाउंस जैसे कामों पर दी जाती है। अब आपकी जो कुल कमाई है उससे आपको इन छूटों को घटा लेना है।
- कटौती- इनकम टैक्स विभाग के नियमों के तहत आपको कुछ धाराओं में छूट मिलती है। इससे आपकी टैक्सेबल इनकम घट जाती है। वेतनभोगी कर्मचारियों के मुख्य कटौतियां – धारा 80C: यह छूट आपको पीएफ, लाइफ इंश्योरेंस, ट्यूशन फीस एवं अन्य निवेश योजनाओं में मिलती है। आपको 1.5 लाख रूपए की इन्वेस्टमेंट पर छूट का लाभ मिल जाता है। धारा 80D: यह आपके परिवार के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम टैक्स को लगने से बचाता है। होम लोन- यदि आपने घर के लिए होम लोन लिया है तो आपके ब्याज एवं मूलधन पर टैक्स छूट मिलती है।
- कुल टैक्सेबल इनकम- जब आप ऊपर बताए गए सभी स्टेप्स को अच्छे तरीके से फॉलो करते हैं तो आपको कुल कमाई में छूट एवं कटौती घटने के बाद जो इनकम दिखती है वह कुल टैक्स योग्य इनकम निकलती है।
कितना टैक्स देना है ऐसे जाने?
- टैक्स स्लैब- सरकार द्वारा टैक्स स्लैब बनाए जाते हैं जिसके आधार पर आप अपनी टैक्सेबल इनकम पर टैक्स लगने की गणना कर सकते हैं। आपको प्रत्येक स्लैब को चेक करके ही अपनी इनकम पर लगने वाले टैक्स को जोड़ना होता है।
- रिबेट्स- आपको रिबेट्स को चेक कर लेना है कि कही आपने अतिरिक्त शुल्क तो नहीं देना है।
- TDS- यदि पहले से आपको सैलरी से टैक्स कट गया है तो आपका कुल देय टैक्स कम कर दिया जाएगा।
जब आप इनकम टैक्स कैलकुलेशन कर हैं हैं तो आपको अपनी पूरी कमाई जैसे सैलरी, केपिटल गेन्स, घर के किराये की इनकम, बिजनेस की कमाई जैसे कमाई के कामों को मिलने वाले ब्याज आदि को भी जोड़ना पड़ता है।